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राष्ट्रपति कोविंद से प्रधानमंत्री मोदी तक...जानिए, भारत में किसे मिलती है कितनी सैलरी ?
नई दिल्ली. जैसा कि इन दिनों सभी जानते हैं कि दुनियाभर में कोरोना महामारी का प्रकोप है। सैकड़ों देश इससे निजात पाने के लिए वैक्सीन बनाने में लगे हुए हैं। कई देश तो ट्रायल के अंतिम चरण में भी पहुंच चुके हैं। सरकार ने देशभर में वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन लागू किया था। इसके साथ ही इस बीच ना जानें कितने लोगों की नौकरी चली गई और कइयों को सैलरी कटकर मिल रही है। महामारी के चलते सरकार ने अपने वेतन का 30 प्रतिशत हिस्सा काटने का फैसला लिया। ऐसे में भारत में प्रधानमंत्री से लेकर एमपी तक के महीने के वेतन के बारे में बता रहे हैं।
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राष्ट्रपति
रिपोर्ट की मानें तो भारत में राष्ट्रपति की महीने की सैलेरी 5 लाख रुपए है। हालांकि, कोरोना महामारी में 30 प्रतिशत की कटौती के आदेश के बाद ये वेतन 3 लाख 50 हजार हो गया।
उप-राष्ट्रपति
रिपोर्ट्स में बताया जाता है कि भारत के उप-राष्ट्रपति की महीने की सैलरी 4 लाख रुपए है। लेकिन, 30 प्रतिशत की कटौती के बाद ये 2 लाख 80 हजार रह गई।
प्रधानमंत्री
भारत के प्रधानमंत्री की महीने की सैलरी 2 लाख रुपए है। 30 प्रतिशत की कटौती के बाद ये 1 लाख 60 हजार रह गई। बता दें, राज्यों के राज्यपाल का वेतन देश के पीएम से ज्यादा है।
राज्यों के राज्यपाल
राज्यों के राज्यपाल का महीने का वेतन 3 लाख 50 हजार रुपए है। 30 प्रतिशत की कटौती के बाद ये 2 लाख 45 हजार रुपए ही मिलते हैं।
भारत के चीफ जस्टिस
भारत के चीफ जस्टिस की महीने की सैलरी 2 लाख, 80 हजार रुपए है। 30 प्रतिशत की कटौती के बाद ये 1 लाख 96 हजार रुपए ही वेतन के रूप में दिए जा रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट के जज
भारत के सुप्रीम कोर्ट के जजों की महीने की सैलरी 2 लाख 50 हजार है। 30 प्रतिशत की कटौती के बाद ये 1 लाख 75 हजार रुपए है।
चीफ इलेक्शन कमिश्नर ऑफ इंडिया
चीफ इलेक्शन कमिश्नर ऑफ इंडिया की महीने की सैलरी 2 लाख 50 हजार रुपए है। 30 प्रतिशत की कटौती के बाद ये 1 लाख 75 हजार रुपए है।
भारत की संसद के सदस्य
मेंबर ऑफ पार्लियामेंट को भारत में एक महीने के 1 लाख रुपए वेतन के रूप में दिए जाते हैं। लेकिन, कोरोना महामारी के बीच 30 प्रतिशत की कटौती के बाद ये 70 हजार रुपए ही रह गई है।