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द्रोपदी मुर्मू से लेकर PM मोदी तक के प्रोग्राम्स करने वालीं एंकर उमा अय्यर का दर्द-काले रंग ने मेरा काम छीना

नईदिल्ली. देश की जानी-मानी एंकर और केंद्रीय पशुपालन मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला(Union Animal Husbandry Minister Purushottam Rupala) की मीडिया एडवायजर रहीं उमा अय्यर रावला(Uma Iyer Rawla ) ने अपने काले रंग को लेकर जिंदगी में हुए तिरस्कार का चौंकाने वाला खुलासा किया है। देश की पहली आदिवासी राष्ट्रपति महिला द्रोपदी मूर्मू के लिए बधाई संदेश देते हुए उमा अय्यर ने facebook पर बिंदास अपने रिजेक्शन का जिक्र किया। asianet हिंदी से बात करते हुए उमा ने कहा कि वे लिखित में दे सकती हैं कि उन्हें काले रंग की वजह से कहां-कहां रिजेक्ट किया गया। उमा ने दूरदर्शन का जिक्र करते हुए कहा कि उनके पास एप्रूवल पड़ा है, बावजूद उन्हें न भोपाल और न दिल्ली में कहीं काम नहीं दिया गया। उमा ने दो टूक कहा-'मैंने कई फोरम में कहा है कि यह एक अच्छी बात रही कि मुझे अपने इस कलर के कारण हमेशा प्रूव करना पड़ा है। ये बहुत अच्छी बात है, लेकिन जो लॉस हुए हैं, वो बहुत ज्यादा हैं।' पढ़िए चौंकाने वाली खबर... 

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Amitabh Budholiya
Published : Jul 25 2022, 03:22 PM IST| Updated : Jul 25 2022, 03:26 PM IST
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देश की पहली महिला आदिवासी राष्ट्रपति बनीं द्रोपदी मुर्मू को अपने Facebook पेज पर बधाई संदेश देते हुए उमा अय्यर रावला ने लिखा-ट्राइबल है क्या? उस वक़्त मुझे अजीब लगा, लेकिन आज लग रहा है कि काश मुझे हां कहने का अवसर मिलता। जीवन में कम से कम 250 कार्यक्रमों का संचालन किया। इस बात की खुशी है,लेकिन त्वचा के रंग की वजह से लगभग 50 कार्यक्रमों को खोने का दुःख भी है। प्रधानमंत्री जी की जय हो! आपके इस सुझाव और निर्णय की वजह से एक संथाली और श्याम वर्ण महिला का फोटो हर सरकारी कार्यालय में लगेगा। भारत वासियों को अपनी सोच में परिवर्तन लाना होगा! भारत बदल चुका है। उच्च पदों पर और महिलाएं पहुंच जाएं, तो जेंडर और वर्ण कोई मायना नहीं रहता। महामहिम राष्ट्रपति महोदया, आपको मेरी शुभकामनाए।

उमा ने आदिवासी महिला का जिक्र पूर्व केंद्रीय मंत्री मणिशंकर अय्यर के उन पर उठाए गए सवाल पर किया है। उमा ने बताया कि जब मणिशंकर अय्यर मिनिस्टर थे, तब देहरादून में एक प्रोग्राम हुआ था विरासत नाम से। उन्होंने मुझसे कहा था कि क्या तुम छत्तीसगढ़ की ट्राइबल हो? पहले लोग समझते थे कि मणिशंकर अय्यर की रिलेटिव हूं, लेकिन उनसे मेरी दूर-दूर तक कोई रिश्तेदारी नहीं है।

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उमा अय्यर फिलहाल, पब्लिक लाइफ में आ गई हैं। यानी वे उमंग कृति फाउंडेशन, सेव लाइफ इनिशियेटिव और टीवी प्रजेंटर के तौर पर काम कर रही हैं। उमा कहती हैं कि अब वे रील्स के नाम जो अश्लीलता फैलाई जा रही है, उसके खिलाफ मुहिम छेड़ेंगी।

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मूलत: भोपाल की रहने वालीं उमा अय्यर 1992-93 में  अपनी एंकरिंग के चलते चर्चाओं में आना शुरू हुई थीं। एकदम साधारण शक्ल-सूरत वाली उमा अय्यर ने स्वतंत्रता और गणतंत्र दिवस के कई कार्यक्रमों में एनाउंसिंग की और लोकप्रिय होती गईं। उसी दौर में सेटेलाइट चैनल का आगमन हुआ, तो उमा वहां भी अपनी आवाज के बूते गांव शहर पहचानी जाने लगी। आज उमा एंकरिंग और अनाउंसिंग की दुनिया में सेलेब्रिटी हैं।
 

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उमा ने एक इंटरव्यू में कहा था-'मैं कभी किसी प्रोग्राम को छोटे या बड़े के बेस पर आकलन नहीं करती। मैं हर बार, हर जगह आवाज के नए तौर-तरीके से खेलती हूं।'

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उमा अय्यर पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के साथ राष्ट्रपति भवन में बतौर वायस आर्टिस्ट रह चुकी हैं। दरअसल, तब पूर्व राष्ट्रपति सेटेलाइट के माध्यम से दुनियाभर के स्टूडेंट्स को लेक्चर देते थे। ठीक उसी वक्त उनके अंग्रेजी लेक्चर का उमा हिंदी में अनुवाद करती जाती थीं। 
 

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उमा अय्यर कहती है कि उनकी बायोग्राफी में वो सब बातें लिखी जा रही हैं, जो उनकी जिंदगी में उतार-चढ़ाव लाईं।

यह भी पढ़ें-द्रोपदी मुर्मू ने ली राष्ट्रपति पद की शपथ-जोहार,नमस्कार! अगले 25 वर्षों के विजन की जिम्मेदारी मिलना सौभाग्य है

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उमा अय्यर ने कहा-मीडिया की वजह से लाइमलाइट में आ सकी। हालांकि मैं कहूंगी की ब्यूरोक्रेट्स ने कभी मेरे रंग को नहीं देखा।

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About the Author

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Amitabh Budholiya
बीएससी (बायोलॉजी), पोस्ट ग्रेजुएशन हिंदी साहित्य, बीजेएमसी (जर्नलिज्म)। करीब 25 साल का लेखन और पत्रकारिता में अनुभव। एशियानेट हिंदी में जून, 2019 से कार्यरत। दैनिक भास्कर और उसके पहले दैनिक जागरण और अन्य अखबारों में सेवाएं। 5 किताबें प्रकाशित की हैं
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