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असम में बाढ़-भूस्खलन की 10 चौंकाने वालीं तस्वीरें, मिट्टी में दबे रह गए लोग, सड़कें-पटरियां सबकुछ बह गए
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असम राइफल्स की श्रीकोना बटालियन (SrikonaBattalion of Assam Rifles) बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित कछार जिले के बालिचरा और बोरखोला क्षेत्रों सहित सभी जगहों पर रेस्क्यू अभियान जारी रखे हुए है।
असम में जारी बाढ़ और भूस्खलन की स्थिति को देखते हुए, असम उच्चतर माध्यमिक शिक्षा परिषद ने विभिन्न तारीखों पर निर्धारित एचएस प्रथम वर्ष की परीक्षाओं को स्थगित कर दिया है।
असम में बाढ़ की गंभीर स्थिति को देखते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा से बातचीत की। शाह ने tweet करके लिखा-"असम के कुछ हिस्सों में भारी बारिश के बाद बने हालात को लेकर चिंतित हूं। स्थिति का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा से बात की।"
असम में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोगों की मदद के लिए केंद्र सरकार ने एनडीआरएफ की टीमें भेजी हैं। लोगों को सुरक्षित जगहों पर भेजा जा रहा है।
पटरियां बह गई हैं। सेना, अर्धसैनिक बलों, अग्निशमन और आपातकालीन सेवाओं, एसडीआरएफ, नागरिक प्रशासन और प्रशिक्षित स्वयंसेवक रेस्क्यू में लगे हैं।
असम में बाढ़ से 46 राजस्व मंडलों के 652 गांव प्रभावित हैं। 16,645.61 हेक्टेयर फसल पानी में डूब गई। सबकुछ बर्बाद हो गया है।
ब्रह्मपुत्र नदी का जलस्तर अभी भी खतरे के निशान से ऊपर पहुंच बह रहा है। जोरहाट जिले के नीमतीघाट और नागांव जिले के कामपुर क्षेत्र में कोपिली नदी उफान पर है।
रेस्क्यू टीम बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित जगहों पर ले जाने जुटी हुई है। यहां लगातार बारिश की अलर्ट जारी किया गया है।
बारिश का आलम यह है कि हर तरफ पानी ही पानी नजर आ रहा है। कई गांव तो पूरी तरह डूब गए हैं। लोगों का सबकुछ बाढ़ में बह गया।
असम में बाढ़ की भीषणता दिखाती तस्वीर। पटरियों के नीचे की मिट्टी ऐसे बाढ़ में बह गई। अब इसे बहाल करने में लंबा समय लगेगा।