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राजीव गांधी हत्याकांड: धमाके में बॉडी इतनी बुरी तरह से जल गई थी कि इन फटे जूते और पजामे से हुई थी शिनाख्त
नई दिल्ली. करीब 31 साल बाद भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड(Rajiv Gandhi assassination story) फिर से मीडिया-सोशल मीडिया की सुर्खियों में है। वजह है सुप्रीम कोर्ट के एक अहम फैसले के बाद नलिनी समेत सभी 6 दोषियों की 11 नवंबर को जेल से रिहाई। जिन लोगों को जेल से रिहा करने के आदेश हुए वे हैं-नलिनी, रविचंद्रन, मुरुगन, संथन, जयकुमार, और रॉबर्ट पॉयस। जबकि इससे पहले मई में सुप्रीम कोर्ट पेरारिवलन को पहले ही रिहा कर चुकी है। 21 मई 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरमबुदुर में चुनावी अभियान के दौरान LTTE (Liberation Tigers of Tamil Eelam ) की आत्मघाती महिला हमलावर धनु ने राजीव गांधी की हत्या कर दी थी। पढ़िए कैसे जुटाए गए थे अहम सुराग...
| Published : Nov 11 2022, 02:49 PM IST / Updated: Nov 11 2022, 03:22 PM IST
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जिस जगह पर राजीव गांधी की हत्या हुई थी, वहां मौजूद एक कांग्रेस कार्यकर्ता अशोक ने तब मीडिया को बताया था कि एक सेकंड तो ऐसा लगा था मानों कोई आतिशबाजी हो रही हो। फिर हवा में शवों को उछलते देखा गया। हर कोई बदहवास सा यहां-वहां भाग रहा था। इस ब्लास्ट में वे भी घायल हुए थे। ब्लास्ट में राजीव गांधी का शरीर इतनी बुरी तरह से जल गया था कि उनकी बॉडी की पहचान अलग हेयरलाइन(बालों की स्टाइल- hairline) और उनके सफेद रंग के लोटो स्नीकर्स(एक प्रकार के जूते) से हुई थी। (यह तस्वीर राजीव गांधी के उन कपड़ों-जूतों की है, जिनसे ही उनकी बॉडी का पहचान हुई थी)
CBI की जांच में यही माना गया कि राजीव गांधी की हत्या प्रभाकरन और उनके उग्रवादी संगठन, लिट्टे (लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम) से संबंधित धनु(Dhanu) नामक एक तमिल आत्मघाती हमलावर(Tamil suicide bomber named Dhanu) द्वारा की गई थी।
धनु, जिसे थेनमोझी राजारत्नम(Dhanu, also known as Thenmozhi Rajaratnam) के नाम से भी जाना जाता है। जांच में सामने आया कि जब उसने राजीव गांधी को माला पहनाई और पैर छूने के लिए झुकी, इसी दौरान उसने धमाका कर दिया। आत्मघाती हमलावर के रूप में उसकी भूमिका की पहचान क्षत-विक्षत लाश पर पाए गए विस्फोटक सामग्री के फोरेंसिक अवशेषों से हुई थी। (माला लिए खड़ी धनु)
CBI जांच में सामने आया था कि लिट्टे नेता प्रभाकरन की गांधी के प्रति व्यक्तिगत दुश्मनी और श्रीलंका में बाद की विफल शांति नीति ऐसी वजहें थीं, जो इस हत्याकांड की वजह बनीं। हालांकि इसमें कांग्रेस नेताओं की बड़ी लापरवाही सामने आई थी। कांग्रेस नेता और उनके प्रतिनिधिमंडल ने चेतावनियों के बावजूद सुरक्षा को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई।
यह तस्वीर पेरारिवलन की रिहाई की के दौरान की है। पेरारिवलन राजीव गांधी की हत्या से जुड़े प्रमुख 7 दोषियों में से एक रहा है। तमिलनाडु के जोलारपेट्टई के रहने वाले पेरारिवलन को जब गिरफ्तार किया गया था, तब उसकी उम्र सिर्फ 19 साल थी।
सुप्रीम कोर्ट ने 11 नवंबर को एक अहम फैसला सुनाते हुए पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्यारे नलिनी समेत सभी 6 दोषियों को रिहा करने के आदेश दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अपने फैसले में साफ कहा कि लंबे समय से राज्यपाल ने इस पर कदम नहीं उठाया,इसलिए अब वो उठा रही है।