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ये 10 PHOTOS आपको चेतावनी देते हैं, हिल स्टेशन, नदी किनारे जाने से बचें, भारी बारिश ने मचा रखा है हाहाकार
मौसम डेस्क. दक्षिण-पश्चिम मानसून(south west monsoon) ने पूरे देश को कवर कर लिया है। देश के कई राज्यों में भारी बारिश के चलते नदी-नाले उफान पर हैं। निचले एरिया जलमग्न हो गए हैं। कई जगहों पर सड़कें बह गई हैं। भूस्खलन(landslide) के चलते कइयों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। इसलिए बारिश के सीजन में हिल स्टेशनों पर न जाएं। ऐसी जगहों पर भी जानें से बचें, जहां अकसर बाढ़ की स्थिति पैदा हो जाती है। मौसम विभाग ने कई राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। आगे पढ़िए कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां और देखिए फोटोज...
| Published : Jul 14 2022, 08:09 AM IST / Updated: Jul 14 2022, 08:12 AM IST
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महाराष्ट्र के पालघर जिले के बहाडोली में बुधवार को भारी बारिश के बीच 13 मजदूर उफनती वैतरणा नदी में फंस गए। डिस्ट्रिक्ट डिजास्टर कंट्रोल सेल के प्रमुख विवेकानंद कदम ने कहा कि मुंबई-वडोदरा एक्सप्रेसवे के निर्माण में लगे मजदूर अपने काम के तहत एक बजरे में नदी में उतरे थे, लेकिन बढ़ते जल स्तर के कारण फंस गए। उन्होंने कहा कि NDRF की एक टीम को बुलाया गया था, लेकिन वह उन तक नहीं पहुंच सकी। बाद में हेलिकॉप्टर की मदद मांगी गई।
तस्वीर: चमोली जिले में भारी बारिश के बाद नंदप्रयाग के पास सड़क बह गई।
मुंबई के पुलिस कमिश्नर विवेक फनसालकर ने नगर निगम प्रमुख इकबाल सिंह चहल से मुलाकात की और महानगर में भारी बारिश से उत्पन्न स्थिति पर चर्चा की। एक अधिकारी ने कहा कि दक्षिण मुंबई में बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) मुख्यालय में शहर और उसके उपनगरों में भारी बारिश की स्थिति से निपटने की तैयारियों का रिव्यू किया गया।
तस्वीर: मनाली में एक बस स्टैंड के पास लगातार मानसूनी बारिश के कारण अचानक आई बाढ़ के बाद भूस्खलन हो गया।
महाराष्ट्र के ही लातूर जिले में बुधवार सुबह तक इस मानसून में अब तक 307.9 मिमी रिकॉर्ड बारिश दर्ज की गई है। इस बीच जिले के अधिकारियों ने मंजारा, तेरना और तवरजा नदियों के किनारे बसे गांवों के लोगों को भारी बारिश के मद्देनजर सतर्क रहने की चेतावनी जारी की है।
तस्वीर: हैदराबाद में मानसून की बारिश के बाद नेहरू जूलॉजिकल पार्क के सफारी पार्क में पानी भर गया।
महाराष्ट्र के ठाणे जिले में बुधवार को बारिश से जुड़ी घटनाओं में चार और लोगों की मौत के बाद एक जून से अब तक मरने वालों की संख्या 12 हो गई है, जबकि 850 से अधिक लोगों को निचले इलाकों से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। एक अधिकारी ने बताया कि पिछले दो दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण निचले इलाकों में पानी भर गया है। डिस्ट्रिक्ट डिजास्टर कंट्रोल सेल की प्रमुख अनीता जवांजाले ने कहा कि जिले के कई निचले इलाकों में पानी भर गया है और 856 लोगों के 261 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। उल्हास नदी में बढ़ते जल स्तर के कारण, अंबरनाथ शहर के सोनिवली क्षेत्र में 100 प्रभावित परिवारों को राज्य आवास एजेंसी म्हाडा के भवनों में स्थानांतरित कर दिया गया है। इसके अलावा, भिवंडी शहर के कोन इलाके में 25 परिवारों के 100 सदस्यों को बचाया गया और उन्हें आंगनवाड़ी (बाल देखभाल केंद्र) में ले जाया गया। पड़घा के गणेश नगर में रहने वाले 35 परिवारों के 105 लोगों को टोरेंट पावर के एक कार्यालय में स्थानांतरित कर दिया गया है। उल्हास नदी खतरे के निशान को पार करने के मद्देनजर जिला प्रशासन ने अंबरनाथ और कल्याण कस्बों के निवासियों को अलर्ट कर दिया है। जिला प्रशासन ने एचएससी (कक्षा 12) तक के स्कूली छात्रों के लिए गुरुवार और शुक्रवार को छुट्टी घोषित की है।
तस्वीर: महाराष्ट्र के वसई में भारी मानसूनी बारिश के कारण हुए भूस्खलन के बाद बचाव और राहत कार्य करते एनडीआरएफ के जवान।
तेलंगाना में पांच दिन पहले लगातार बारिश शुरू होने के बाद से बारिश से जुड़ी विभिन्न घटनाओं में 10 से अधिक लोगों की मौत हो गई। निर्मल जिले में कदम परियोजना के तहत बाढ़ प्रभावित गांवों से 12 गांवों के लोगों को निकाला गया है। मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने भारी बारिश से उत्पन्न स्थिति पर मंत्रियों और अधिकारियों के साथ बैठक की और युद्धस्तर पर राहत अभियान चलाने का निर्देश दिया। उन्होंने वन मंत्री ए इंद्रकरण रेड्डी से फोन पर बात की और उन्हें कदम परियोजना में सुरक्षा उपाय करने का निर्देश दिया। उन्होंने दोहराया कि सामान्य स्थिति बहाल होने तक मंत्रियों और विधायकों को अपने स्थानीय विधानसभा क्षेत्रों को नहीं छोड़ना चाहिए।
तस्वीर: हिमाचल प्रदेश लोक निर्माण विभाग के कर्मियों ने मनाली में भारी बारिश के बाद क्षतिग्रस्त सड़क की मरम्मत की।
तस्वीर: मुंबई के पास वसई में भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन के बाद बचाव और राहत कार्य करते दमकलकर्मी और स्थानीय लोग।
गुजरात में भारी बारिश से कुछ राहत मिली है। जिन 31,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित जगहों पर भेजा गया था, उनमें से 24,000 घर लौट आए हैं। आपदा प्रबंधन मंत्री राजेंद्र त्रिवेदी ने कहा कि बारिश से संबंधित घटनाओं में बुधवार सुबह तक 24 घंटे में 14 लोगों की मौत के साथ सात जुलाई से अब तक ऐसी घटनाओं में मरने वालों की संख्या 31 हो गई है।
तस्वीर: राजस्थान के अजमेर में भारी बारिश के बाद यूं पानी भर गया।
तस्वीर: महाराष्ट्र के नासिक में मानसून की बारिश के बाद उफान पर गोदावरी नदी। महाराष्ट्र में कई नदियां उफान पर हैं।
तस्वीर:मुंबई के पास वसई में भारी बारिश से हुए भूस्खलन के बाद एनडीआरएफ और अग्निशमन सेवा के कर्मियों ने बचाव और राहत कार्य किया। इस हादसे में एक व्यक्ति और उसकी बेटी की मौत हो गई, जबकि परिवार के दो अन्य सदस्य घायल हो गए। भूस्खलन से कच्चा घर पर गिर गया।
तस्वीर: महाराष्ट्र के सोलापुर में लगातार मानसून की बारिश के कारण एक स्कूल की टपकती छत के नीचे बाल्टी रखनी पड़ी।