PHOTOS: देखें तूफान AMPHAN का खौफ! 2 दशक के सबसे खतरनाक चक्रवात ने किया ये हाल
कोलकाता/भुवनेश्वर. पश्चिम बंगाल के तट से बुधवार को चक्रवात अम्फान ( AMPHAN) टकरा चुका है। एनडीआरएफ के डीजी एसएन प्रधान ने कहा, लैंडफॉल का सिलसिला शुरू हो चुका है। चक्रवात आने से पहले ही तबाही का बंगाल और ओडिशा के कई इलाकों में तबाही का मंजर शुरू हो चुका है। एनडीआरएफ की टीमों ने राहत का काम शुरू कर दिया गया है। पश्चिम बंगाल में 5 लाख से अधिक लोगों को निकाला गया है और ओडिशा में 1,58,640 लोगों को कैंप में शिफ्ट किया गया। तस्वीरों में देखें अभी ही अम्फान ने कितना कहर बरपा दिया है...
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एनडीआरएफ के डीजी एसएन प्रधान के मुताबिक, चक्रवात के बाद असल में NDRF का काम शुरू होगा। काम और बढ़ने वाला है। उन्होंने कहा कि हमारे दो कमांडेंट्स हैं। ओडिशा और बंगाल में हमारी बटालियन हैं। (तूफान से टूटे पेड़ों को रास्ते से हटाती एनडीआरएफ की टीम)
ओडिशा वाले कंमाडेंट बालासोर में कैंप कर रहे हैं और बंगाल के कंमांडेंट काकद्वीप में कैंप कर रहे हैं। 20 टीमें ग्राउंड पर तैनात कर दी गई हैं।
एसएन प्रधान ने कहा, पश्चिम बंगाल में 5 लाख से अधिक लोगों को निकाला गया है और ओडिशा में 1,58,640 लोगों को कैंप में शिफ्ट किया गया। उन्होंने कहा, चक्रवात फानी (FANI) के दौरान अनुभवों के आधार पर सभी टीमें पोस्ट लैंडफॉल तैयार हैं। (ओडिशा में लोगों को घर पर सुरक्षित पहुंचाती महिला अफसर)
क्या है तैयारी ? : अम्फान तूफान को लेकर स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन की टीम द्वारा तैयारियां की गई। एनडीआरएफ के डीजी एसएन प्रधान ने कहा है कि पश्चिम बंगाल और ओडिशा में एनडीआरएफ की 41 टीमें तैनात की गई हैं। उन्होंने कहा कि कई दशकों बाद ऐसा सुपर साइक्लोन आ रहा है जिसके लिए हम पूरी तरह तैयार हैं। (कोलकाता में अम्फान आने से पहले कुछ ऐसा नजारा हो गया।)
उन्होंने कहा, ओडिशा में 15 टीमों और पश्चिम बंगाल में 19 टीमों को जमीन पर तैनात किया गया है। सात टीमों को स्टैंडबाई पर रखा गया है, जिन्हें जरूरत पड़ने पर एयरलिफ्ट किया जा सकता है।
तूफान से ओडिशा और बंगाल में कितने जिले प्रभावित हैं?: ओडिशा के 9 जिले पुरी, गंजाम, जगतसिंहपुर, कटक, केंद्रापाड़ा, जाजपुर, गंजाम, भद्रक और बालासोर प्रभावित हैं। पश्चिम बंगाल के तीन तटीय जिले पूर्वी मिदनापुर, 24 दक्षिण और उत्तरी परगना के साथ ही हावड़ा, हुगली, पश्चिमी मिदनापुर और कोलकाता पर इसका असर नजर आएगा। (ओडिशा में लोगों को घर से सुरक्षित स्थानों पर ले जाती टीमें।)
तूफान से निपटने के लिए नेवी ने क्या इंतजाम किए?: प. बंगाल और ओडिशा में 20 जैमिनी बोट के साथ रेस्क्यू और मेडिकल टीम को तैयार रखा है। विशाखापट्टनम में आईएनएस देगा और अरकोणम में आईएनएस रजाली में नेवल एयरक्राफ्ट को किसी भी परिस्थिति में तैयार रहने को कहा है।
पूर्वी नेवल कमांड ने कहा है कि हम साइक्लोन के दौरान जरूरी मदद देने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। राहत कार्यों के लिए नौसेना के जहाज स्टैंडबाय पर हैं। यह प्रभावित इलाकों में फंसे लोगों को निकालने, सामान पहुंचाने और जरूरी मेडिकल सहायता देने के काम करेंगे। (बंगाल के दीघा में तूफान ने कुछ इस तरह से तबाही मचाई।)
लोगों को हिदायत- घरों में रहें, समुद्र किनारे जाने से बचे : मौसम विभाग का कहना है कि यह कई प्रकार का नुकसान पहुंचाने वाली प्राकृतिक आपदा है। इसमें तेज हवा, भारी बारिश और बिजली कड़कने की आशंका है। ऐसे में लोग घर से बाहर न निकलें। समुद्री किनारों से दूर रहें। बोटिंग, फिशिंग और शिपिंग न करें। कच्चे घर, बिजली के खंभों, पावर लाइन और रेलवे सुविधाओं को नुकसान होने की आशंका है। रोड और रेल नेटवर्क को बंद किया जाए या डायवर्ट किया जाए।
एनडीआरएफ का कहना है कि प्रभावित होने वाले जिलों में लोगों को एसएमएस से अलर्ट किया जा रहा है। मोबाइल कंपनियों को पर्याप्त मात्रा में डीजी सेट, जेनरेटर, पार्ट्स और पावर इक्विपमेंट तैयार रखने के लिए कहा गया है। चक्रवात से किसी मोबाइल कंपनी के टॉवर या केबल को नुकसान पहुंचा तो उपभोक्ता को दूसरी कंपनी के टॉवर से सुविधा दी जाएगी।
कई जिलों में कंट्रोल रूम: स्थिति की समीक्षा करने के लिए पश्चिम बंगाल के कई जिलों में 24 घंटे काम करने वाले कंट्रोल रूम बनाए गए हैं। कोलकाता के अरण्य भवन में एक सेंट्रलाइज्ड कंट्रोल रूम भी बनाया गया है। कोलकाता पुलिस हर घंटे हालात पर नजर रखे हुए है। आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम स्थित डॉप्लर वेदर रडार की मदद से भी साइक्लोन पर नजर रखी जा रही है।
ममता बनर्जी ने खुद संभाला मोर्चा : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी रातभर कंट्रोल रूम से तूफान पर नजर रखेंगी। अब तक 5 लाख लोगों को तटीय इलाके से निकाल कर शरणार्थी शिविरों में पहुंचाया गया है। बंगाल सरकार ने गुरुवार तक श्रमिक स्पेशल ट्रेनें रोकने की मांग की थी। यहां लोगों को एसएमएस के जरिए अलर्ट भेजा जा रहा है। इलाके खाली करने के लिए टॉवर सायरन भी बजाए जा रहे हैं।
मानसून पर पड़ेगा असर : 21 सालों में पहली बार आ रहे सुपर साइक्लोन अम्फान का असर मॉनसून पर भी पड़ सकता है। मौसम विभाग के मुताबिक मॉनसून आने में कुछ समय की देरी हो सकती है। भारतीय मौसम विभाग का कहना है कि पहले मॉनसून के 1 जून तक आने की संभावना थी लेकिन अब अम्फान साइक्लोन की वजह से कुछ दिनों और लग सकते हैं।
वहीं, केरल में भी मॉनसून के देर से पहुंचने की संभावना है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने अपने पूर्वानुमान में कहा कि केरल में इस बार मॉनसून देर से पहुंचेगा। मौसम विभाग ने बताया कि केरल में इस साल मॉनसून पांच जून तक आ सकता है।