मोदी ने बदल दिया बजट का पूरा 'खेल'..जानिए '1947 से लेकर अब तक' क्या था और क्या हुआ
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने ऐतिहासिक फैसलों के लिए जाने जाते हैं। उनके व्यापक दृष्टिकोण का असर आम बजट पर भी दिखाई देता है। 1 फरवरी को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण आम बजट पेश करेंगी। लेकिन इस बार बजट की प्रक्रिया में एक और नया अध्याय जुड़ गया। ऐसा पहली बार हो रहा है, जब यूनियन बजट को मोबाइल ऐप पर देखा जा सकेगा। शनिवार को वित्तमंत्री ने हलवा सेरेमनी के साथ यूनियन बजट मोबाइल ऐप लॉन्च किया। कोरोना संक्रमण के चलते इस बार बजट कागज पर प्रिंट नहीं होगा। यानी इस बार पेपरलेस बजट पेश होगा। वहीं, आपको बता दें वर्ष 2000 तक आम बजट फरवरी महीने के अंतिम कार्यदिवस में शाम 5 बजे पेश होता था। वाजपेयी सरकार ने इस परंपरा को तोड़ा और अब बजट सुबह 11 बजे प्रस्तुत होता है। मोदी ने बजट को लेकर कुछ नये प्रयोग किए...पढ़िए बजट के बारे में कुछ जानकारियां...
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वर्ष 2000 से पहले तक बजट फरवरी के अंतिम कार्यदिवस पर शाम को 5 बजे पेश होता था। लेकिन 2001 में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की सरकार बनने पर अंग्रेजों की इस परंपरा को तोड़ा गया। बजट सुबह 11 बजे पेश होने लगा।
मोदी ने आम बजट को लेकर एक ऐतिहासिक फैसला 2017 में किया था। आम बजट में ही रेल बजट समाहित कर दिया। 1924 से 17 तक रेल बजट अलग पेश होता था।
पेपरलेस बजट
आजाद भारत के इतिहास में पहली बार पेपरलेस बजट पेश होगा। यह एंड्रायड और आईओएस दोनों फोन पर हिंदी और अंग्रेजी भाषा में उपलब्ध होगा।
क्या है बजट?
भारत के संविधान के अनुच्छेद 112 में बजट के बारे में उल्लेख किया है। इसमें केंद्र सरकार अपना सालभर का लेखा-जोखा पेश करती है। यह फरवरी के अंतिम कार्य दिवस में पेश होता है। भारत का पहला बजट 26 नवंबर 1947 को आरके शणमुखम चेट्टी ने पेश किया था।
(बजट के लिए हलवा परंपरा निभाती वित्तमंत्री)
मोरारजी देसाई भारत के ऐसे पहले वित्तमंत्री रहे, जिन्हें 10 बार बजट पेश करने का मौका मिला। इसके बाद नंबर आता है प्रणब मुखर्जी का। उन्होंने 7 बार आम बजट पेश किया। मोरारजी देसाई ने 29 फरवरी 1964 और 1968 को बजट पेश किया। वे भारत के ऐसे वित्तमंत्री रहे, जिन्होंने अपने जन्मदिन पर बजट पेश किया।
1950 में बजट लीक हो गया था। पहले यह राष्ट्रपति भवन में छपता था। निर्मला सीतारमण देश की दूसरी महिला वित्तमंत्री हैं। इससे पहले इंदिरा गांधी ने वित्त मंत्रालय संभाला था। हालांकि सीतारमण देश की पहली पूर्णाकालिक महिला वित्तमंत्री हैं।