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ये हैं पॉलिटिक्स की दुनिया के जय-वीरू, राजनीति में दी जाती है इनकी दोस्ती की मिसालें
Friendship Day 2022: अगस्त महीने के पहले रविवार को भारत में फ्रेंडशिप डे सेलिब्रेट किया जाता है। हालांकि, दुनियाभर में इसे 30 जुलाई को मनाया जाता है। फ्रेंडशिप डे ऐसा दिन है, जिसे लोग अपने सबसे अच्छे दोस्त को डेडिकेट करते हैं। वैसे, भारत में अलग-अलग क्षेत्रों में दोस्तों की ऐसी कई जोड़ियां हैं, जिनकी मिसाल दी जाती है। इनमें न सिर्फ फिल्म या बिजनेस बल्कि पॉलिटिक्स की दुनिया के भी कई दोस्त शामिल हैं, जिन्हें लोग शोले फिल्म के जय-वीरू कहते हैं। फ्रेंडशिप डे के मौके पर हम बता रहे हैं राजनीतिक जगत की कुछ ऐसी ही मशहूर जोड़ियों के बारे में।
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नुसरत जहां-मिमी चक्रवर्ती
नुसरत जहां और मिमी चक्रवर्ती दोनों ही तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सांसद हैं। सांसद बनने के पहले से ही इन दोनों में बहुत अच्छी दोस्ती है। इसकी एक वजह ये भी है कि नुसरत और मिमी दोनों ही बांग्ला फिल्मों की एक्ट्रेस भी हैं। नुसरत ने पहले निखिल जैन से शादी की थी, लेकिन बाद में अपनी शादी को अवैध बताया था। इसके बाद वो ब्वॉयफ्रेंड यश दासगुप्ता के साथ लिव-इन में रहने लगीं।
अरविंद केजरीवाल-मनीष सिसोदिया
आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल और उनके सबसे करीबी मनीष सिसोदिया की जोड़ी भी फ्रेंडशिप की मिसाल है। 1999 में केजरीवाल ने मनीष सिसोदिया और कुछ अन्य लोगों के साथ मिलकर जन समस्याएं दूर करने के लिए परिवर्तन आंदोलन शुरू किया था। तभी से दोनों की दोस्ती है। इसके बाद अन्ना के आंदोलन और आप पार्टी के गठन के बाद से यह और मजबूत हो गई है।
अटल बिहारी वाजपेयी-लालकृष्ण आडवाणी
भाजपा के दो दिग्गज नेता, जिनकी दोस्ती की मिसाल आज भी दी जाती है। हालांकि, ये जोड़ी अटल जी के निधन के बाद टूट गई। बता दें कि अटल-आडवाणी का पॉलिटिकल करियर लगभग साथ में ही शुरू हुआ। दोनों ने मिलकर बीजेपी को फर्श से अर्श तक पहुंचाया। 90 के दशक में आडवाणी ने देशभर में रथयात्रा निकाल कर बीजेपी को मजबूत किया। इतना ही नहीं उन्होंने दोस्ती की खातिर अटल जी को पीएम बनने के लिए आगे किया।
ज्योतिरादित्य सिंधिया-सचिन पायलट
ज्योतिरादित्य सिंधिया और सचिन पायलट की दोस्ती तब से है, जब सिंधिया कांग्रेस में हुआ करते थे। कई मौकों पर दोनों को अक्सर साथ देखा जाता है। हालांकि, बाद में सिंधिया कांग्रेस पार्टी से नाराज होकर बीजेपी में शामिल हो गए। कहा जाता है कि मध्य प्रदेश के उप चुनाव के दौरान दोनों ने एक-दूसरे के खिलाफ ऐसी कोई बात नहीं की, जिससे उनकी पार्टी को नुकसान पहुंचे।
कमलनाथ-संजय गांधी
कमलनाथ और इंदिरा गांधी के छोटे बेटे संजय गांधी की जोड़ी भी काफी मशहूर रही। हालांकि, ये जोड़ी भी संजय के निधन के बाद टूट गई। संजय गांधी और कमलनाथ स्कूल के दिनों से ही पक्के दोस्त थे। आगे चलकर दोनों ने राजनीति की दुनिया में कदम रखा। संजय गांधी और कमलनाथ की दोस्ती से जुड़ी कई तस्वीरें आज भी मौजूद हैं। इनके बारे में कहा जाता था, इंदिरा गांधी के दो हाथ, संजय और कमल नाथ।
जयललिता-शशिकला
साउथ की फिल्मों की एक्ट्रेस और तमिलनाडु की पूर्व सीएम रहीं जयललिता और शशि कला भी बहुत अच्छी दोस्त थीं। हालांकि, जयललिता के निधन के बाद इनकी जोड़ी भी टूट गई। कहा जाता है कि 1988 से ही दोनों साथ में रहती थीं। शशिकला जयललिता की सहयोगी भी थीं। हालांकि, जयललिता की मौत के करीब 4 महीने बाद जयललिता का नाम 2017 में हुए कोडनाड केस में सामने आया। जयललिता का 2016 में निधन हो गया था।
अमित शाह-नरेंद्र मोदी
भारतीय राजनीति की में सबसे पक्की और विश्वसनीय जोड़ी पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की है। दोनों एक-दूसरे पर बहुत विश्वास करते हैं। इनकी दोस्ती तब से है, जब से ये संघ में जुड़े। बाद में जब मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री बने तब भी उन्होंने अमित शाह को अपना सबसे करीबी समझा। दोनों की दोस्ती जय-वीरू की दोस्ती कहलाती है।
मुलायम सिंह यादव-अमर सिंह
समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव और अमर सिंह की जोड़ी भी काफी मशहूर रही। हालांकि, ये जोड़ी भी अमर सिंह के निधन के बाद टूट चुकी है। दोनों ने साथ में समाजवादी पार्टी को उत्तर प्रदेश में मजबूत किया। हालांकि, दोनों की उम्र में बड़ा अंतर था, लेकिन इनकी दोस्ती उतनी ही मजबूत रही।
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