- Home
- National News
- ये हैं दुनिया के 10 सबसे घातक और एडवांस्ड फाइटर जेट, जानिए कहां ठहरता है भारत का 'राफेल'
ये हैं दुनिया के 10 सबसे घातक और एडवांस्ड फाइटर जेट, जानिए कहां ठहरता है भारत का 'राफेल'
नई दिल्ली. 8 अक्टूबर का दिन भारत के लिए काफी खास है। यह दिन हमारे लिए गौरव का दिन है। 8 अक्टूबर को भारतीय एयरफोर्स की स्थापना हुई थी। तब से इस दिन एयरफोर्स डे मनाया जाता है। भारतीय एयरफोर्स के लिए 2020 का साल काफी अहम है। क्यों कि इस साल भारत की वायुसेना की ताकत में इजाफा हुआ है। इसका प्रमुख कारण है...राफेल। भारतीय वायुसेना में राफेल विमान ऐसे वक्त में शामिल हुआ, जब हम चीन और पाकिस्तान से तमाम प्रकार की चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। फाइटर जेट्स का देश की सैन्य ताकत बढाने में अहम योगदान होता है। दुनियाभर में हाल ही में हुए मिलट्री ऑपरेशन्स में लड़ाकू विमानों का खासा इस्तेमाल किया गया है। आधुनिकता के दौर में दुनिया के तमाम देश अपनी सैन्य छमता बढ़ाने के लिए लड़ाकू विमानों में काफी निवेश कर रहे हैं। आइए जानते हैं दुनिया के 10 सबसे आधुनिक और घातक लड़ाकू विमानों के बारे में....
- FB
- TW
- Linkdin
एफ -35 लाइटनिंग (लॉकहीड मार्टिन):
यूएस मरीन कॉर्प्स का लॉकहीड मार्टिन एफ -35 लाइटनिंग दुनिया का एकमात्र 5th जनरेशन मल्टीरोल फाइटर प्लेन है। टार्गेटेड सेंसर और आधुनिक हथियारों से लैस यह लड़ाकू विमान अपने टारगेट पर सटीक निशाना साधने में सक्षम है, जो इसे अन्य फाइटर जेट्स से बेहतर बनाता है। यह साइडविंडर और स्टॉर्म शैडो के साथ-साथ ज्वाइंट डायरेक्ट अटैक म्यूनिशन जैसे हथियार सिस्टम से लैस है।
एफ -22 रैप्टर (लॉकहीड मार्टिन / बोइंग) :
लॉकहीड मार्टिन और बोइंग कंपनी द्वारा निर्मित एफ -22 रैप्टर एक सिंगल-सीटर, ट्विन-इंजन फिफ्थ जनरेशन का बेहद उन्नत लड़ाकू विमान है। वहीं इंटिग्रेटेड एवियोनिक्स सिस्टम F-22 को एक सुपर फाइटर जाहज बनाता है। अमेरिकी वायु सेना में शामिल F22 एक विशेष जंगी विमान है जिसका उपयोग कई तरह के मिशनों को अंजाम देने के लिए किया जाता है। यह लड़ाकू विमान आकाश और धरती दोनों ही जगह वार करने में सक्षम है, इसका प्रयोग पेट्रोलिंग, अटैक, सिंग्नल इंटैलिजैंस, आदि के लिए किया जाता है।
चेंगदू जे -20:
चेंगदू जे -20 5th जनरेशन का सिंगल-सीटर, ट्विन-इंजन स्टील्थ फाइटर जेट है जो पीपुल्स लिबरेशन आर्मी एयर फोर्स के लिए विशेष रूप से बनाया गया है। इसका निर्माण चेंगदू एयरक्राफ्ट इंडस्ट्री ग्रुप (CAIG)ने किया है। विमान में आठ हार्डपॉइंट और एक इंटरनल वेपन लॉबी है, इस एयर क्राफ्ट से हवा और सतह दोनों ही जगहों पर हमला किया जा सकता है। यह मिसाइलों, लेजर-निर्देशित बमों और रेडिएशन -रोधी मिसाइलों से भी लैस है।
सुखोई - Su 57:
Su-57 फिफ्थ जनरेशन का सिंगल-सीट, ट्विन-इंजन, मल्टी-रोल लड़ाकू विमान है, जो युनाइटेड एयर क्राफ्ट की सहायक कंपनी सुखोई द्वारा बनाया गया है। इसे पहले PAK FA और T-50 के नाम से जाना जाता था। इस विमान को रूसी वायु सेना और रूसी नौसेना के खास मिशनों को पूरा करने के लिए बनाया गया है। यह विमान दुश्मन से जमीन, हवा और पानी सभी जगह बचाव करने में सक्षम है। इस विमान का इस्तेमाल हवाई क्षेत्र की निगरानी के लिए भी किया जाता है। 10 टन वजन के साथ यह विमान कम दूरी की हवा से हवा में मार करने वाली, हवा से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों को लेकर उड़ान भरने में काबिल है।
यूरोफाइटर टाइफून:
यूरोफाइटर टाइफून आधुनिक मल्टीरोल लड़ाकू विमान है जो वर्तमान में दुनिया के श्रेष्ठ विमानों में से एक माना जाता है। यह एक डेल्टा विंग विमान है जो आधुनिक एवियोनिक्स और सेंसर से लैस है। रक्षात्मक सहायक प्रणाली (डीएएसएस) के साथ यह विमान कि मौसर बीके -27 27 एमएम केनन, हवा से हवा और हवा से सतह पर वार करने वाली मिशाइलों से लैस है।
सुखोई Su-35:
सुखोई Su-35, Su-27 फाइटर का नया विकसित संस्करण है। Su-35 पांचवीं पीढ़ी की तकनीकों के साथ 4 ++ जनरेशन का विमान है। अत्य आधुनिक टेक्नोलॉजी से लैस यह विमान अपनी कैटेगरी के किसी भी विमान से ज्यादा बेहतर है। Su-35 लंबी और छोटी दूरी की हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों, बमों और रॉकेटों से लैस है। विमान 14 हार्डपॉइंट के साथ अधिकतम 8 टन हथियारों को कैरी कर सकता है।
बोइंग एफ / ए -18 ई / एफ सुपर हॉर्नेट:
एफ / ए -18 ई / एफ सुपर हॉर्नेट एक विशेष स्ट्राइकर फाइटर जेट है जो आधुनिक फाइटर क्षमताओं से लैस है। इस विमान को इंटीग्रेटेड नेटवर्क सिस्टम से जमीन पर मौजूद सैनिकों से बेहतर संवाद स्थापित करने की क्षमता मिलती है। विमान पर 11 वेपन स्टेशनों पर एयर-टू-एयर और एयर-टू-ग्राउंड ऑर्डनेंस के साथ-साथ लेजर-निर्देशित बम सहित विभिन्न प्रकार के स्मार्ट हथियारों का मिश्रण रख सकते हैं।
राफेल फाइटर प्लेन:
राफेल विमान दुनिया के सबसे आधुनिक फाइटर जेट्स में शामिल हैं। अपने आधुनिक नेविगेशन सिस्टम के कारण यह विमान लंबी दूरी से भी तय लक्ष्य पर सटीक निशाना साधने में सक्षम है। लक्ष्य की पहचान करने के लिए राफेल इन्फ्रारेड सर्च एंड ट्रैक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करता है। राफेल विमान हथियारों को ढ़ोने समेत सभी तरह के मिशनों को अंजाम देने में सक्षम है। राफेल 300 किलोमीटर की रेंज से हवा से जमीन पर सटीक निशाना साध सकता है। वहीं राफेल 1900 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भर सकता है।
एफ -15 ई स्ट्राइक ईगल:
एफ -15 ई स्ट्राइक ईगल एक आधुनिक मल्टीरोल स्ट्राइक फाइटर प्लेन है। F-15E विमान 23,000lb तक का पेलोड ले जा सकता है, जिसमें ज्वाइंट डायरेक्ट अटैक म्यूनिशन (JDAM), AGM-130 स्टैंडऑफ वेपन सिस्टम, AIM-120 एडवांस्ड मीडियम रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल (AMRAAM), AIM-9X शामिल हैं। यह विमान ध्वनि की गति से दोगुनी से अधिक गति से उड़ सकता है। अत्याधुनिक एविओनिक्स सिस्टम से लैस यब विमान दिन और रात दोनों ही समय हमला कर सकता है। इसके साथ ही खराब मौसम में भी यह एयर-टू-एयर और एयर-टू-सरफेस मिशन का संचालन करने में सक्षम है।
एसयू-30 एमकेआई (फ्लेंकर-एच):
Su-30MKI (फ्लेंकर-एच) भारतीय वायु सेना (IAF) के साथ सेवा में एक टू सीटर, लंबी दूरी का मल्टीरोल लड़ाकू विमान है। इसे रूसी कंपनी सुखोई द्वारा डिज़ाइन किया गया है। Su-30MKI ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों सहित हवा से हवा और हवा से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों की एक श्रृंखला ले जा सकता है, इसमें 30 मिमी की जीएसएच -30-1 बंदूक और विभिन्न प्रकार के बम भी शामिल हैं। एसयू -30 एमकेआई में बहुराष्ट्रीय एवियोनिक्स और सबसिस्टम की सुविधा भी है।