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इन 7 बातों से समझिए आखिर ये बजट होता क्या है, कहां से पैसा आता है और किधर को जाता है
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मिठाई में हलवा काफी शुभ माना जाता है, इसलिए बजट से पहले हलवा परंपरा निभाई जाती है। इसमें रस्म के तहत लोहे के बड़े बर्तन में हलवा बनाकर वित्तमंत्रालय के सभी कर्मचारियों को खिलाया जाता है।
बजट बनाने की तैयारी सितंबर-अक्टूबर में शुरू होती है। दिसंबर के अंत तक सभी विभाग अपने आय-व्यय का ब्यौरा दे देते हैं। बजट की प्रक्रिया गोपनीय होती है। इसे संसद में पेश करने से छह दिन पहले छापा जाता है। हालांकि इस बार बजट पेश होने के बाद ऐप पर अपलोड किया जाएगा। बजट में दो चीजें महत्वपूर्ण होती हैं। पहला आगामी योजनाओं आदि को लेकर सरकार प्रस्ताव पेश करती है। दूसरा आर्थिक योजनाओं जैसे कर-छूट आदि की घोषणाएं। बजट में क्या प्रावधान हैं, इसकी जानकारी वित्तमंत्री और प्रधानमंत्री को ही होती है। मंत्रियों को ही बजट के बारे में पता एक घंटे पहले ही लग पाता है।
वित्तमंत्री का भाषण
वित्तमंत्री अपने भाषण में दो बातों का विशेष ध्यान रखते हैं। पहला बजट में पिछले और आगामी वर्षों में देश का आर्थिक परिदृश्य दिखाया जाता है। वहीं, बजट में टैक्स लगाने-हटाने या संशोधन के बारे में बताया जाता है। आगामी वित्त वर्ष में सरकार क्या करने जा रही, बजट में बताया जाता है।
इसमें वित्तमंत्री बताते हैं कि सरकार विभिन्न योजनाओं आदि को लेकर क्या करने जा रही है। यानी सरकार की आय कैसे बढ़ेगी या होगी, इसके अलावा खर्च कहां-कहां किए जाएंगे।
बजट का लेखा-जोखा
इसमें विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सरकार कितना बजट दे रही है, उनसे किन-किन स्त्रोतों से पैसा लेगी, यह भी ग्राफ और आंकड़ों के जरिये बताया जाता है।
वित्त विधेयक
इसमें सरकार आगामी वित्तवर्ष में प्रस्तावित टैक्स के बारे में विस्तार से बताती है।
(अब से पहले तक बजट प्रिंट होता था, इस बार यह नजारा नहीं दिखेगा)
बजट प्राप्तियां
इसमें सरकार को प्राप्त होने वाला राजस्व और पूंजियों के बारे में बताया जाता है। इसमें घरेलू और विदेशी कर्ज का भी लेखा-जोखा होता है।
बजट में व्यय
इसमें आगामी वित्त वर्ष में सरकार कहां और कितना खर्च करेगी, विभिन्न सरकारी विभागों-मंत्रालयों को कितना बजट मिलेगा, इसका पूरा लेखा-जोखा होता है।
अनुदान की मांग
इसमें विभिन्न मंत्रालयों को अपनी किस योजना के लिए कितना अनुदान यानी पैसा चाहिए..इसका ब्यौरा होता है।