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चार महिला पायलट कौन हैं, जिन्होंने रचा इतिहास, बिना पुरुष पायलट की मदद के नॉर्थ पोल क्रॉस कर बेंगलुरु पहुंची
बेंगलुरु (कर्नाटक). एयर इंडिया की महिला पायलटों ने इतिहास रच दिया है। उन्होंने दुनिया की सबसे लंबे हवाई मार्ग उत्तरी ध्रुव पर उड़ान भरने का कीर्तिमान रच दिया है। इतना ही नहीं, अमेरिका के सैन फ्रांसिस्कों शहर से उड़ान भरने के बाद 16,000 किलोमीटर की दूरी तय कर बेंगलुरु पहुंची।
| Published : Jan 11 2021, 07:57 AM IST / Updated: Jan 11 2021, 08:22 AM IST
चार महिला पायलट कौन हैं, जिन्होंने रचा इतिहास, बिना पुरुष पायलट की मदद के नॉर्थ पोल क्रॉस कर बेंगलुरु पहुंची
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यह एक डायरेक्ट रूट फ्लाइट थी। यानी बीच में कोई स्टॉप नहीं था। कैप्टन जोया अग्रवाल ने ऐतिहासिक उड़ान का नेतृत्व किया। को-पायलट के तौर पर जोया के साथ कैप्टन पापागरी तनमई, कैप्टन शिवानी और कैप्टन आकांक्षा सोनवरे थीं।
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कैप्टन जोया अग्रवाल के पास 8,000 से अधिक घंटे तक उड़ान का अनुभव है। उन्हें बी -777 विमान में 10 साल से अधिक और 2,500 घंटे से अधिक उड़ान का अनुभव है।
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उन्होंने कहा, जब मैं एयर इंडिया में शामिल हुई तो मैं मुट्ठी भर महिला पायलटों में से एक थी। हर किसी ने मुझे एक बच्चे के रूप में देखा। लेकिन उन्होंने मेरी मदद की। यह एक पुरुष-प्रधान फील्ड है। आपको कड़ी मेहनत करनी होगी।
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अपने माता-पिता की इकलौती संतान जोया याद करती है कि कैसे उसकी मां डर के मारे रो पड़ी जब उन्हें पता कि बेटी पायलट बनना चाहती है।
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कैप्टन पापागरी तनमई (फोटो में)। एयर इंडिया की कार्यकारी निदेशक (फ्लाइट सेफ्टी) कैप्टन निवेदिता भसीन भी इस फ्लाइट में एक यात्री के रूप में यात्रा कर रहीं थीं।
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कैप्टन जोया अग्रवाल ने कहा, आज हमने न केवल उत्तरी ध्रुव पर उड़ान भरकर, बल्कि सभी महिला पायलटों को भी सफलता दिलाकर विश्व इतिहास रचा है। हमने इसका हिस्सा बनकर बेहद खुश और गर्व महसूस किया है।
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एयर इंडिया में उड़ान भरने वाली शिवानी मन्हास ने कहा, यह एक रोमांचक अनुभव था क्योंकि यह पहले कभी नहीं किया गया था। यहां तक पहुंचने में लगभग 17 घंटे लग गए।
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एअर इंडिया ने ट्वीट किया, वेलकम होम, हमें आप सभी (महिला पायलटों) पर गर्व है। हम AI176 के पैसेंजर्स को भी बधाई देते हैं, जो इस एतेहासिक सफर का हिस्सा बने।
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उड़ान भरने से पहले कैप्टन जोया ने बताया था कि ध्रुवीय उड़ान पहले भी भरी गई है, लेकिन यह पहली बार है जब पायलट में कोई पुरुष नहीं बल्कि सभी महिलाएं हैं।
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कैप्टन शिवानी मन्हास की तस्वीर।