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- मुंहबोले 'मामा' ने जैसे ही किया बैड टच...मासूम भांजी चीख पड़ी, तो उसने सिर पर पटक दिया पत्थर
मुंहबोले 'मामा' ने जैसे ही किया बैड टच...मासूम भांजी चीख पड़ी, तो उसने सिर पर पटक दिया पत्थर
सूरत, गुजरात. 10 साल की बच्ची से रेप की कोशिश में नाकाम दो आरोपियों ने उसकी पत्थर से सिर कुचलकर हत्या कर दी। बच्ची की लाश सोमवार की रात शहर के उधना इलाके में झाड़ियों में पड़ी मिली थी। इस मामले में पुलिस ने CCTV के आधार पर पड़ोस के दो युवकों को पकड़ा। आरोपियों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया। मंगलवार को जब बच्ची की अंतिम यात्रा निकाली गई, तो सैकड़ों लोग शामिल हुए। बच्ची को गुड और बैड टच की नॉलेज थी। आरोपी ने जैसे ही उसे गंदे तरीके से छुआ, वो इरादा भांप गई और जोर-जोर से चिल्लाने लगी। इससे डरकर आरोपियों ने उसकी हत्या कर दी थी। बच्ची सोमवार दोपहर 2 बजे पांडेसरा के प्रेम नगर से गायब हुई थी।
| Published : Dec 09 2020, 03:21 PM IST / Updated: Dec 09 2020, 04:50 PM IST
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बच्ची अपने घर के बाहर खेल रही थी। तभी उसके 15 साल के बड़े भाई ने घर आकर बताया कि वो मिल नहीं रही है। इसके बाद परिजनों और मोहल्लेवालों ने उसे खोजना शुरू किया। लेकिन काफी देर तक जब वो नहीं मिली, तो पांडेसरा थाने में मिसिंग रिपोर्ट दर्ज कराई गई।
(बच्ची की अंतिम यात्रा के दौरान भीड़, इनसेट आरोपी दिनेश और आनंद)
पुलिस जब बच्ची की तलाश कर रही थी, तभी पड़ोस की एक महिला ने बताया कि मोहल्ले की एक लॉन्ड्री की दुकान पर सीसीटीवी है। पुलिस ने जब सीसीटीवी फुटेज चेक किया, तो पड़ोसी दिनेश दोपहर करीब 2.56 बजे बच्ची को एक दुकान पर वड़ा पाव खिलाते दिखा। बच्ची दिनेश को मामा कहकर बुलाती थी।
सीसीटीवी के देखकर मोहल्ले के लोगों ने दिनेश को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। पहले तो आरोपी झूठ बोलता रहा, लेकिन बाद में पुलिस ने एक चाल चली। आरोपी से कहा गया कि अगर वो सच बता देगा, तो उसे छोड़ दिया जाएगा। इसके बाद आरोपी ने लाश की जगह बता दी।
बच्ची के परिजनों ने बताया कि बच्ची को स्कूल और घर पर गुड और बैड टच के बारे में सिखाया गया था। बच्ची की हत्या के बाद दिनेश और उसके साथी आरोपी ने घर में बैठकर शराब भी पी थी। डीसीपी विधि चौधरी ने बताया कि हत्या में इस्तेमाल पत्थर बरामद कर लिया गया है।
(आरोपी दिनेश और आनंद)
बताते हैं कि बच्ची के पिता लूम्स कारखाने में काम करते हैं। वहीं, मां एक पेट्रोल पंप पर नौकरी। वो दोनों बच्चों को काम पर जाते समय पांडेसरा में रहने वाले अपने भाई के घर छोड़ जाती थी। शाम को दोनों को ले जाती थी। बच्ची की मौत की खबर सुनकर मां की तबीयत बिगड़ गई। उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
(बच्ची की अंतिम यात्रा में उमड़ी भीड़)