MalayalamNewsableKannadaKannadaPrabhaTeluguTamilBanglaHindiMarathiMyNation
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • ताज़ा खबर
  • राष्ट्रीय
  • वेब स्टोरी
  • राज्य
  • मनोरंजन
  • लाइफस्टाइल
  • बिज़नेस
  • सरकारी योजनाएं
  • खेल
  • धर्म
  • ज्योतिष
  • फोटो
  • Home
  • States
  • Other State News
  • कोरोना ने बदली जिंदगी, तो सामने आईं 2020 में देसी जुगाड़ से बनीं ये गजब की चीजें और कमाई के तरीके

कोरोना ने बदली जिंदगी, तो सामने आईं 2020 में देसी जुगाड़ से बनीं ये गजब की चीजें और कमाई के तरीके

आवश्यकता आविष्कार की जननी होती है। खासकर, जब इंसान के सिर पर कोई मुसीबत आती है, तो तब वो अपनी सहूलियतों के लिए कुछ न कुछ गजब की चीजें तैयार कर लेता है। वर्ष, 2020 कोरोना काल के लिए जाना जाएगा। लॉकडाउन के कारण लोगों को कई प्रकार की दिक्कतों का सामना करना पड़ा। लेकिन कहते हैं कि इंसान की सूझबूझ हर समस्या का हल निकाल लेती है। ये जो आविष्कार हैं, वे यह बताते हैं कि इंसान चाहे, तो कुछ भी असंभव नहीं है। वैसे तो दुनिया में देसी जुगाड़ और कबाड़ से कई आविष्कार होते रहे हैं, लेकिन कोरोना काल में कुछ अलग प्रकार के आविष्कार सामने आए। ये तस्वीरें ऐसे ही आविष्कार करने वालों की हैं। सिर्फ आविष्कार ही नहीं, लोगों ने कमाई के जरिये भी खोज निकाले। आइए देखते हैं जुगाड़ के कुछ ऐसे ही कमाल के आविष्कार और कमाई के जरिये...

8 Min read
Asianet News Hindi
Published : Dec 07 2020, 12:54 PM IST| Updated : Dec 07 2020, 01:42 PM IST
Share this Photo Gallery
  • FB
  • TW
  • Linkdin
  • Whatsapp
  • GNFollow Us
114

जमशेदपुर, झारखंड. यह आटा और मसाला चक्की(पहली तस्वीर) कबाड़ और साइकिल की जुगाड़ से तैयार की गई है। इसे बनाया है सीमा पांडे ने। बेसिक आइडिया इन्हीं का था, बस इन्होंने अपने इंजीनियर भाई की मदद ली। यह चक्की साइकिलिंग से चलती है। यानी एक्सरसाइज करते वक्त आप गेहूं के अलावा बाकी मसाला भी पीस सकते हैं। इसमें बिजली का कोई खर्चा नहीं। यानी एक साथ दो काम। गेहूं और मसाला भी फ्री में पिस जाता है और एक्सरसाइज भी हो जाती है। आगे पढ़ें इसी के बारे में...
 

214

लॉकडाउन के दौरान सीमा को गेहूं पिसवाने और घूमना-फिरना बंद होने से कसरत की फिक्र होने लगी थी। तभी उनके दिमाग में यह आइडिया आया। सीमा का भाई मनदीप तिवारी इंजीनियर है। सीमा ने उसकी मदद ली और साइकिल के साथ कुछ कबाड़ की चीजों से यह चक्की बना ली। इस चक्की से सिर्फ गेहूं नहीं, बल्कि मिर्च-मसाल भी पीस सकते हैं। इसे चलाना भी आसान है। बस, साइकिल के पैडल मारते जाइए। कसरत के साथ सबकुछ पिसता जाएगा। आगे पढ़ें इसी के बारे में...
 

314

बिना बिजली के चलने वाली यह चक्की आधा घंटे में डेढ़ किलो गेहूं पीस देती है। सीमा कहती हैं कि इस चक्की ने मेरा वजन भी नहीं बढ़ने दिया और गेहूं-मसाला पिसवाने बाहर की झंझट भी खत्म कर दी। जबसे सीमा की इस चक्की का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, तब से लोग इसकी तकनीक के बारे में ज्यादा इच्छुक हैं। देसी जुगाड़ साइंस से बनी इस चक्की ने साबित कर दिया कि कबाड़ की चीजें भी बड़े काम की होती हैं। 70 साल की दादी को 17 साल के पोते ने यूट्यूब पर दिखाए कुछ वीडियो, अब कमा रहीं हर महीने 2 लाख रुपए

414

अहमदनगर, महाराष्ट्र. कहते हैं कि सीखने की कोई उम्र नहीं होती! अब 70 साल की इन दादी अम्माजी यानी सुमन धामने से ही मिलिए। कुछ महीने पहले तक ये इंटरनेट का 'कखग' तक नहीं जानती थीं, लेकिन आज इंटरनेट सेंसेशन हैं। ये 'आपली आजी' नाम से एक यूट्यूब चैनल चलाती हैं। इसके 6.5 लाख सब्सक्राइबर हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि अम्माजी कभी स्कूल नहीं गईं। वे हिंदी नहीं बोल पातीं। सिर्फ मराठी में बात करती हैं, लेकिन उनकी बनाई डिशेज बड़े-बड़े शेफ को पसंद आती हैं। सुमन धामने अहमदनगर से करीब 10 किमी दूर सरोला कसार गांव में रहती हैं। वे सिर्फ महाराष्ट्रीयन डिशेज बनाकर उसकी रेसिपी अपने चैनल पर पोस्ट करती हैं। वे 150 से ज्यादा रेसिपी के वीडियो शेयर कर चुकी हैं। वे हर महीने डेढ़ से 2 लाख रुपए कमा रही हैं। पढ़िए कैसे हुआ यह चमत्कार...

514

यश 8 वीं क्लास से अपना एक यूट्यूब चैनल चलाते आ रहे हैं। लॉकडाउन में उन्होंने दादी के चैनल के लिए प्लानिंग की। फिर नवम्बर 2019 में एक यूट्यूब चैनल बनाया। शुरुआत में कुछ वीडियो अपलोड किए। दिसम्बर 2019 में सबसे पहले ‘करेले की सब्जी’ का वीडियो अपलोड किया। इस वीडियो को एक मिलियन से ज्यादा व्यूज मिले। अब इस पर 6 मिलियन से भी ज्यादा व्यूज हैं। इसके बाद मूंगफली की चटनी, महाराष्ट्रीयन मिठाइयां, बैंगन, हरी सब्जियां आदि की रेसिपी के वीडियो डाले। आगे पढ़ें इन्हीं अम्मा की कहानी...

614

अम्माजी बताती हैं कि कैमरा फेस करते समय उन्हें बड़ा संकोच होता था। असहज हो जाती थीं। कई बार क्या बोलना है...यह तक भूल जाती थीं। लेकिन अब सब बढ़िया से होने लगा है। हाल में अम्माजी को यूट्यूब क्रिएटर अवार्ड मिला है। अम्माजी को सॉस, बेकिंग पाउडर, कैचअप, मिक्सचर जैसे अंग्रेजी शब्द बोलने में दिक्कत होती थी। यश ने उन्हें इसकी ट्रेनिंग दी। अम्माजी को अपने यूट्यूब चैनल से हर महीने डेढ़ से 2 लाख रुपए की कमाई हो रही है। 16 अक्टूबर को उनका चैनल हैक कर लिया गया था। हालांकि 21 अक्टूबर को उनका चैनल वापस मिल गया। इन कुछ दिनों तक दादी-पोता दोनों परेशान रहे। सुमन का बेटा यानी यश के पिता डॉक्टर हैं। जबकि मां हाउसवाइफ। सुमन बताती हैं कि यश ने अब बढ़िया कैमरा खरीद लिया है। चौथी पास किसान ने कबाड़ से बना दिया मिनी AC कूलर, 2 लड़कों ने पैदा कर दी जुगाड़ से बिजली

714

सीकर, राजस्थान. जिले की लक्ष्मणगढ़ तहसील के बड़ा गांव निवासी किसान शिवराम शेखावत ने लॉकडाउन में कामकाज छूटने पर कबाड़ से बड़े काम की चीज बना दी। उन्होंने एक मिनी AC कूलर बनाया है। कबाड़ में पड़ीं चीजों को जोड़कर बनाया गया यह कूलर एक आदमी के लिए पर्याप्त है। शिवराम केवल चौथी पास हैं।  जुगाड़ से कमाल: बच्चे जब रूठ गए, तो पिताओं ने कबाड़ से बना दीं ये वंडर कारें
 

814

पुणे. कोरोनाकाल में देसी जुगाड़ के इन आविष्कारों ने न सिर्फ 'मेड इन इंडिया' को बढ़ावा दिया, बल्कि चीनी खिलौनों के बहिष्कार को भी बल दिया। पुणे के हसन शेख 6 साल की बेटी एंजलिना के लिए यह देसी कार बनाई। हसन ने गैराज में कबाड़ पड़ा एक स्कूटर का इंजन दुरुस्त किया। फिर कबाड़ सामान की जोड़-तोड़ से लाल रंग की यह खिलौना कार तैयार कर दी। यह कार 40 किमी/लीटर का माइलेज देती है।  यह 50 किमी की स्पीड से दौड़ सकती है। यह 100 किलोग्राम तक का वजन ढो सकती है। आगे पढ़ें-मोदी के 'मन की बात' कल्लू मिस्त्री के दिल को छू गई और बेटे के लिए बना दिया गजब खिलौना
 

914

हजारीबाग, झारखंड. अलाउद्दीन उर्फ कल्लू मिस्त्री ने अपने बच्चे के लिए बैटरी चलित कार ( battery powered car) बना दी। कल्लू बताते हैं कि लॉकडाउन में बच्चे की जिद ने उन्हें यह कार बनाने को प्रेरित किया। देसी जुगाड़ से बनी यह कार आधुनिक तकनीक से निर्मित खिलौना कार से कम नहीं है।  आगे पढ़ें- यूट्यूब पर वीडियो देखकर नेताजी को आया यह देसी आइडिया, बना दिया 'कोरोना भगाऊ कुकर'

1014

बालोद, छत्तीसगढ़.  बालोदा शहर के पाररास वार्ड के पार्षद अपने वकील मित्र के साथ मिलकर कई लोगों को भाप देने वाला यह कुकर बना डाला। इसका आइडिया यूट्यूब पर वीडियो देखने के बाद आया। इस भाप कुकर का फायदा वार्ड के लोगों को भरपूर मिल रहा है। इससे सर्दी-खांसी और गले में दर्द से पीड़ित लोगों को बड़ा फायदा हुआ है। इस भाप मशीन का निर्माण पार्षद सरोजनी डोमेंद साहू और वकील  दीपक समाटकर ने किया है। उनका कहना है कि इससे कोरोना से लड़ने में मदद मिलेगी। आगे पढ़ें-बेरोजगारों में यह खबर जोश भर देगी, भाभी-ननद ने 12 साल पहले शुरू की एक योजना और आज करोड़पति हैं

1114

जबलपुर, मध्य प्रदेश. जबलपुर की रहने वालीं वंदना अग्रवाल और उनकी ननद डॉ. मोनिका अग्रवाल ने 12 साल के अंदर अपना काम-धंधा ऐसा जमाया कि आज इनका सालाना टर्न ओवर करीब 2 करोड़ रुपए है। लॉकडाउन में जब लोग रोजगार के लिए परेशान थे, इनका धंधा खूब चमका। इनकी चर्चा भी खूब हुई। भाभी-ननद मिलकर डेयरी चलाती हैं। उनकी डेयरी टोटली हाईटेक है। ये 400 घरों तक दूध और पनीर, खोया आदि की डिमांड पूरी करती हैं। 44 वर्षीय वंदना एनवायरमेंटल साइंस से मास्टर्स हैं। वहीं, 36 वर्षीय मोनिका वेटनरी डॉक्टर। आगे पढ़ें-देसी जुगाड़ से आप भी बना सकते हैं 200 रुपए में 200 वॉट का रूम हीटर, ये चीजें सबके घर में होती हैं

1214

नैनीताल, उत्तराखंड. जिले के धारी ब्लॉक के सरना गांव के रहने वाले 14 साल के लड़के ने लॉकडाउन का सदुपयोग किया और बाजार में 2000-2500 रुपए तक में आने वाला 200 वॉट का रूम हीटर सिर्फ 200 की लागत से बना दिया। भास्कर पौडियाल नामक यह लड़का 9वीं क्लास में पढ़ता है। इस सफल प्रोजेक्ट के बाद अब भास्कर वैक्यूम क्लीनर पर काम कर रहा है। भास्कर ने रूम हीटर बनाने के लिए गत्ता, 100 वाट के दो बल्ब, एक डीसी मोटर, छोटा पंखा, दो मीटर तार, विद्युत रोधी टेप, दो होल्डर और दो स्विच का इस्तेमाल किया। आगे पढ़िए बच्चे ने बनाई..अनूठी बाइक...

1314

देसी जुगाड़ का यह मामला मध्य प्रदेश के नरसिंहगढ़ जिले के आमला गांव का है। यहां 9वीं क्लास के बच्चे ने लॉकडाउन में अपनी क्रियेटिविटी का सदुपयोग किया और साइकिल में ही इंजन लगाकर उसे बाइक में बदल दिया।यह है अक्षय राजपूत। इन्होंने कबाड़ी से पुरानी चैम्प गाड़ी का इंजन खरीदा। इसके बाद कुछ दिनों की मेहनत से उसे साइकिल में फिट करके बाइक का रूप दे दिया। आगे पढ़िए-सास और बहू का ऐप

1414

धनबाद, झारखंड. क्रियेटिविटी के लिए उम्र कोई मायने नहीं रखती। अब इन सास और बहू से ही मिलिए! सास मनोरमा सिंह की उम्र है 70 साल, जबकि बहू स्वाति कुमारी 32 साल की हैं। दोनों ने कोरोना काल का सदुपयोग किया और इस मौजूदा संकट में पढ़े-लिखे युवाओं को रोजागार दिलाने एक जबर्दस्त एप बना दिया। इसका नाम Guru-Chela रखा गया है। इस एप के जरिये छात्र-छात्राएं अपने लिए ट्यूशन ढूंढ सकते हैं। यानी शिक्षक भी अपने के लिए छात्र-छात्राएं। यानी यह एप ऑनलाइन या ऑफलाइन क्लासेस के लिए शिक्षक ढूढ़ने का बढ़िया जरिया है।

About the Author

AN
Asianet News Hindi
एशियानेट न्यूज़ हिंदी डेस्क भारतीय पत्रकारिता का एक विश्वसनीय नाम है, जो समय पर, सटीक और प्रभावशाली खबरें प्रदान करता है। हमारी टीम क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय घटनाओं पर गहरी पकड़ के साथ हर विषय पर प्रामाणिक जानकारी देने के लिए समर्पित है।
Latest Videos
Recommended Stories
Related Stories
Asianet
Follow us on
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • Download on Android
  • Download on IOS
  • About Website
  • Terms of Use
  • Privacy Policy
  • CSAM Policy
  • Complaint Redressal - Website
  • Compliance Report Digital
  • Investors
© Copyright 2025 Asianxt Digital Technologies Private Limited (Formerly known as Asianet News Media & Entertainment Private Limited) | All Rights Reserved