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'नरक' से कम नहीं थी इनकी जिंदगी, कोरोना ने रुलाकर रख दिया, पढ़िये रेड लाइट एरिया की दास्तां
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डॉ. स्मरजीत जाना ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी इस संबंध में एक पत्र लिखा है। इसमें कहा गया कि ज्यादातर सेक्स वर्कर्स के पास राशन कार्ड नहीं है। इसलिए उन्हें नि: शुल्क राशन की व्यवस्था की जाए। जो किराये से रह रही हैं, उनका तीन महीने का किराया माफ कराया जाए। किसी नरक से कम नहीं है इनकी जिंदगी..देखिए तस्वीरें..
इन लड़कियों के लिए लॉकडाउन घर चलाने में दिक्कत पैदा कर रही है।
रेड लाइट एरिया में कई लड़कियां ऐसी हैं, जिन्हें यहां बेचा गया है।
यह तस्वीर सेक्स वर्कर्स की कैद जिंदगी को दिखाती है।
सेक्स वर्कर्स की हालत सुधारने सरकारीस्तर पर लगातार प्रयास हो रहे हैं।
सोशल डिस्टेंसिंग के चलते ये सेक्स वर्कर्स अभी क्लाइंट नहीं ले रही हैं।
कोई भी लड़की स्वेच्छा से सेक्स वर्कर नहीं बनती। मजबूरी उसे इन कोठों पर ले आती है।
सेक्स वर्कर्स की जिंदगी किसी नरक से कम नहीं है।
यह तस्वीर मुंबई के रेड लाइट एरिया की है।
इन दिनों वे दूसरों की मदद से घर खर्च चला पा रही हैं।
कोरोना संक्रमण के चलते अब उनके सामने दो वक्त की रोटी का संकट भी खड़ा हो गया है।
ज्यादातर सेक्स वर्कर्स बेहद खराब हालत में रहती हैं।
सेक्स वर्कर्स की जिंदगी को बेहतर करने सरकार के अलावा कई सामाजिक संगठन काम कर रहे हैं।
ये वो महिलाएं हैं, जो किन्हीं बुरे हालात में सेक्स वर्कर बनीं।