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इससे बड़ा कोई दर्द नहीं: कोरोना ने छीनीं 14 दिन के बच्चे की सांसे, जन्म के बाद ही मासूम वेंटिलेटर पर
सूरत (गुजरात). कोरोना वायरस की दूसरी लहर पहले से ज्यदा खतरनाक दौर में पहुंच चुकी है। देश के कई राज्यों में महामारी का प्रकोच चरम पर पहुंच चुका है। हालात इतने भयानक हो गए हैं कि इस बार कोरोना का स्ट्रेन जवान-बुजुर्गों के साथ-साथ बच्चों को भी अपना शिकार बना रहा है। गुजरात से एक ऐसी मार्मिक तस्वीर सामने आई है, जिसे देख अब डर लगने लगा है। जहां एक नवजात का 11 दिन तक चले इलाज के बाद भी उसे बचाया नहीं जा सका। मासूम की 14वें दिन सांसे थम गई हैं। बेबसी ऐसी कि अभी माता पिता ने बच्चे को गोद भी नहीं उठाया था कि अब उसका शव उठाकर दफन करना पड़ रहा है।
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दरअसल, दिल को झकझोर देने वाली यह तस्वीर सूरत के सिविल अस्पताल की है, जहां मासूम जन्म के तीन बाद कोरोना पॉजिटिव हो गया। इलाज के दौरान 14वें दिन वह जिंदगी की जंग हार गया। बताया जा रहा है कि दूसरी लहर का यह ऐसा पहला मामला है जब यहां इतने कम उम्र के बच्चे की मौत हुई है।
व्यारा के रहने वाले युवक ने बच्चे को सर्दी-खांसी होने के बाद एक अस्पताल में दिखाया था। जांच के बाद उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इसके बाद स्थानीय डॉक्टरों ने उसे सिविल अस्पताल सूरत में रेफर कर दिया था। जहां डॉक्टरों ने बताया कि बच्चे के दिमाग में सूजन और किडनी में भी दिक्कत थी।
बता दें कि सूरत के ही एक दूसरे प्राइवेट अस्पताल में एक 14 दिन की बच्ची वेटिंलेटर पर जिंदगी की जंग लड़ रही है। जो खतरनाक कोरोनो वायरस संक्रमण का सामना कर रही है, जिसे ऑक्सीजन और रेमेडिसविर इंजेक्शन दिया गया है।
मासूम बच्ची का इलाज कर रहे बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अल्पेश सिंधवी अपनी देखरेख में कर रहे हैं। उनका कहा कि जन्म के समय शिशु को सांस लेने में दिक्कत थी। जब उसकी जांच की गई तो उसकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव थी। उसे यह कोरोना उसकी मां की वजह से हुआ है, जिसकी पहले ही छुट्टी कर दी थी।
ऐसी एक मार्मिक तस्वीर देश की राजधानी दिल्ली से सामने आई है। जहां एक महिला बुधवार को अपने बच्चे के साथ कोविड-19 टेस्ट कराने अस्पताल पहुंची थी।