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लॉकडाउन की सबसे दर्दनाक कहानी, बेबस मां 2 माह के बेटे का किया सौदा, पढ़िए दंपती की दर्दभरी कहानी
हैदराबाद. लॉकडाउन के चलते मजदूरों को अपना पेट भरने के लिए कई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा। इस दौरान देश के हिस्सों से मार्मिक कहानियां सामने आ रही हैं। लेकिन इसी बीच हैदराबाद से एक ऐसी हृदयविदारक घटना सामने आई है जिसका दर्द सुनकर आपकी आंखें नम हो जाएंगी। जहां एक मां ने अपने 2 महीने के दुधमुहे बच्चे को 22 हजार रुपये में बेचने का फैसला किया। हालांकि बेचने से पुलिस ने पति-पति को बच्चे का सौद करने से रोक दिया और उनको जरुरत की चीजे देकर घर लौटा दिया।
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दरअसल, हैरान कर देने वाली यह घटना रविवार के दिन राजधानी हैदराबाद के जेडीमेतला इलाके में हुई। जहां तेलंगाना के वारंगल के रहने वाले मजदूर दंपती मदन सिंह और सरिता ने आर्थिक तंगी की वजह से अपने ही दो माह के नवजात बेटे को बेचने का मन बना लिया। इसके लिए उन्होंने बच्चे की कीमत 22 हजार रखी। हालांकि सूचना मिलते ही मौक पर पहुंची पुलिस ने पति-पत्नी को ऐसा करने से रोक लिया। पुलिस को शक है कि युवक शराब का आदी है, कहीं शराब के लिए पैसे जुटाने के लिए तो उसने बेटे को बेचने का फैसला किया होगा। फिलहाल मामले की जांच चल रही है।
वहीं हैदराबाद चाइल्ड वेलफेयर कमिटी का कहना है कि दंपती ने अपनी आर्थिक तंगी की वजह से बेटे को बेचना का फैसला किया है। दंपती के पास इतने पैसे भी नहीं हैं कि वह उसका पालन-पोषण कर सकें। लॉकडाउन की वजह से उनको कहीं मजदूरी भी नहीं मिल पा रही है। पति-पत्नी के अलावा उनका एक 7 साल का बच्चा भी है। बच्चे को बेचकर मिलने वाले पैसे से वह अपने गांव वापस जाना चाहते हैं। इसलिए मजबूरी में आकर उनको ऐसा करना पड़ा।
यह तस्वीर कर्नाटक के बेंगलुरु से सामने आई है। जहां इस महिला को अपने गांव बिहार जाना है, वह कंधे पर बच्चे को लेकर पैदल ही निकल पड़ी।
ये तस्वीर बिलासपुर के तिफरा ओवरब्रिज के पास की है। एक मजदूर पिता अपने बेटे को कंधे पर उठाकर कई घंटों से ऐसे ही लेकर चल रहा है। ये मजदूर झारखंड से आया है और रायपुर की ओर जा रहा था।
यह तस्वीर तेलंगाना की है। जहां अपने घर वापस लौट रही एक महिला ने चलती ट्रेन में एक बच्ची को जन्म दिया।
यह तस्वीर झारखंड से छत्तीसगढ़ पैदल जा रही एक प्रवासी महिला की है। जहां गर्भवती ने महिला ने सड़क पर ही बच्चे को जन्म दे दिया।