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39 डिग्री टेम्परेचर में 3 घंटे बस का इंतजार करता रहा शख्स, लेकिन जब बस मिली..तो नीचे खुद नहीं उतर सका
सूरत, गुजरात. लॉकडाउन में फंसे प्रवासियों को अब घर जाने में दोहरी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। घर जाने के लिए साधन मिल रहे, लेकिन उनका घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। ऊपर से इतनी तेज गर्मी कि शरीर जवाब देने लगा है। यह शख्स भी सूरत से अपने भाई के साथ ओडिशा घर के लिए निकला था। करीब 3 घंटे तेज धूप में बस का इंतजार किया। बस आते ही दोनों भाइयों के चेहरे पर संतोष उभरा। लेकिन जैसे ही बस सूरत से रवाना हुई, इस शख्स की बस में ही तबीयत बिगड़ी और मौत हो गई। उसका बीपी लो हो गया था। बता दें कि घटना के वक्त शहर का तापमान 39 डिग्री सेल्सियस था। अपने भाई का अंतिम संस्कार करते वक्त रो पड़ा छोटा भाई। उसने कहा कि अब वो भाई की अस्थियां लेकर घर पहुंचेगा। मृतक शीलू प्रफुल्ल जैना(32) ओडिशा के जजपुर का रहने वाला था। वो मंगलवार को अपने घर के लिए निकला था। दोपहर कोई वाहन नहीं मिलने पर वे पांडेसरा तक पैदल गए थे। वहां ब्रिज के नीचे से उन्हें बस मिलनी थी। बताते हैं कि बस में बैठते ही शीलू को चक्कर आने लगे थे। उसके हाथ-पैर कांपने लगे थे। लोगों ने उसे नीचे उतारा, ताकि हवा लगे। इसके बाद पुलिस आई और उसे एम्बुलेंस से स्मीमर अस्पताल ले गई। हालांकि उसे बचाया नहीं जा सका।
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मृतक के भाई मिथुन ने बताया कि लॉकडाउन के कारण दोनों भाई बेरोजगार हो गए थे। एक बार पिता ने उन्हें पैसे भेजे थे। लेकिन यहां रहना-खाना मुश्किल होता जा रहा था। मिथुन ने बताया कि शीलू को गर्मी सहन नहीं होती थी। वे एक पेड़ के नीचे बैठे थे, लेकिन पुलिस ने लाइन में खड़ा करवा दिया था। जब उसे 26 मई की ट्रेन का टिकट मिला, तो वो दोनों खुश थे। बस में बैठकर वे स्टेशन जा रहे थे। आगे देखें लॉकडाउन के दौरान लोगों की तकलीफें दिखातीं कुछ तस्वीरें
यह तस्वीर पटना की है। तेज धूप में बसों की छतों पर बैठकर घर जाने की मजबूरी।
यह तस्वीर नई दिल्ली की है। चिलचिलाती धूप में प्रवासी मजदूरों को ऐसे पैदल जाना पड़ रहा है।
यह तस्वीर गुरुग्राम की है। झारखंड जाने के लिए बसों के इंतजार में बैठे प्रवासी।
यह तस्वीर गुरुग्राम की है। मणिपुर के लिए रवाना हुई स्पेशल ट्रेन पकड़ने बेटे को कंधे पर बैठाकर निकला पिता।