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दुनिया की ऐसी पहली शादी जहां 52 दिन रुकी बारात, फेरे लेने के 71 दिन बाद दुल्हन को घर लेकर गया दूल्हा
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दूल्हे समेत सभी बारातियों ने स्थानीय प्रशासन और राज्य सरकार से अपनी वापसी की गुहार भी लगाई। लेकिन, लॉकडाउन के चलते उनको अनुमित नहीं मिली और वह करीब दो महीनों तक लड़की के घर ही अपनी खातिरदारी कराते रहे। इसी दौरान 16 मई को बरातियों को पता चला कि सोलम हिमाचल से एक बस कोलकाता आई हई है। उन्होंने इसका पता किया और दूल्हा-दुल्हन समेत सभी बाराती लौटकर वापस अपने गांव आ गए। लेकिन जब वह दूसरे राज्य से अपने प्रदेश में आए तो प्रशासन ने उनकी कोरोना जांच की, जहां दूल्हा का भाई कोरोना पॉडिटिव निकला। यानि फिर से दूल्हा-दुल्हन फंस गए और अपने घर नहीं जा पाए। आखिर में तीन बार कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद 28 मई को उनकी छुट्टी कर दी गई, इस तरह शादी के 71 बाद दूल्हा-दुल्हन अपने घर पहुंच पाए।
अनोखी शादी की यह तस्वीर राजकोट से सामने आई है। जहां दूल्हा-दुल्हन बिना सात फेरे लिए ही पति-पत्नी बन गए। यहां मंडप तो बनाया गया था, लेकिन उसमें रस्में नहीं हुईं, यहां तक की कन्यादान की रस्म भी नहीं निभाई गई। कोरोना के कहर के चलते सारी सारी रस्में कैंसिल कर दी। दूल्हा-दुल्हन ने बुजुर्गों और भगवान का आशीर्वाद लेकर नए जीवन की शुरूआत की।
ऐसी एक अनोखी शादी उत्तर प्रदेश के एटा शहर में हुई है। जहां लॉकडाउन के नियमों का न सिर्फ पालन किया गया, बल्कि फिजूल शाही खर्चे को भी न करने का संदेश दिया गया। इस शादी घराती-बाराती मिलाकर 11 लोग शामिल हुए, जिनके लिए 21 रसगुल्ले, 101 पूड़ियां और 11 कटोरी सब्जी की ही व्यवस्था की गई और शादी में खर्च होने वाले पैसों में से 50 हजार रुपये का सेनिटाइजर, मास्क, राशन बांटकर गरीबों में बांटनकर उनकी मदद का भी संकल्प लिया गया।
यह शादी बठिंडा के कोटकपूरा में हुई। जहां दूल्हा बाइक पर दुल्हन को लेकर अपने घर लाया, पुलिस ने केक काट कर उनका वेलकम किया।