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ये हैं PM मोदी के पसंदीदा IAS अफसर, भेष बदलने में हैं माहिर..जब ट्रांसफर होता तो रोने लगते लोग..
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) में जिन तीन आईएएस अधिकारियों को बड़ी जिम्मेदारी मिली है। उनमें देवभूमि उत्तराखंड के डीएम मंगेश घिल्डियाल (ias mangesh ghildiyal) का नाम भी शामिल है। जिन्हें कैबिनेट की नियुक्ति समिति (Appointments Committee of Cabinet) ने पीएमओ में अंडर सेक्रेटरी पद पर नियुक्त किया है। जिस भी शहर में इस जाबांज अफसर को ड्यूटी करने का मौका मिलता है, वहां के लोग उनके दीवाने हो जाते हैं। वह अपने कामकाज के अनोखे अंदाज को लेकर लोगों के बीच मिसाल बन जाते हैं। उन्होंने कई ऐसे नेक काम किए हैं जिनकी तारीफ हर कोई करता है। संकट के वक्त लोग उनको किसी फिल्मी हीरो से कम नहीं मानते हैं। आइए जानते हैं इस अफसर की जिंदादिली के बारे में...
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बता दें कि IAS अफसर मंगेश घिल्डियाल फिलहाल उत्तराखंड के टिहरी के डीएम हैं। वह इससे पहले रुद्रप्रयाग जिले के डीएम थे। इसके अलावा वे केदारनाथ के पुनर्निमाण और चार धाम रोड के निर्माण से जुड़े काम देख रहे थे। डीएम अपनी निस्वार्थ छवि और काम के प्रति गंभीर रवैये को लेकर लोगों के बीच खासे लोकप्रिय हैं।
एक बार तो IAS अफसर मंगेश ने अपनी ड्यूटी की सीमाओं से परे जाकर एक ऐसा काम किया था कि जिससे वह रातोंरात अखबारों की सुर्खियों में आ गए थे। 3 साल पहले जब वह रुद्रप्रयाग के राजकीय गर्ल्स इंटर कॉलेज में चेकिंग करने गए थे, तो उनको पता चला कि स्कूल में साइंस का कोई टीचर ही नहीं है। तो उन्होंने अपनी पत्नी ऊषा से वहां छात्राओं को शिक्षक की तैनाती होने तक बिना वेतन के पढ़ाने को कहा, पत्नी भी मान गईं और स्कूल की छात्राओं को पढ़ाने लगीं।
बता दें कि IAS अफसर मंगेश कई बार व्यवस्थाओं का जायजा लेने और हकीकत जानने के लिए भेष बदलकर पहुंच जाते हैं। एक बार वह जब केदारनाथ के डीम थे तो उनको चारधाम यात्रा के दौरान सरकारी कर्मचारियों की काफी शिकायतें आ रही थीं। तो वह बिना सूचना दिए एक यात्री की तरह सादा कुर्ता-पाजामा पहनकर मौके पर निरीक्षण करने पहुंच गए। उन्होंने वहां जाकर देखा तो सभी अधिकारी नदारद मिले और व्यवस्थाओं की धज्जियां उड रहीं थी। तो ऐसे में उन्होंने तुरंत कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई की और उनपर आर्थिक दंड भी लगाया।
2011 बैच के IAS अफसर मंगेश ने UPSC की परीक्षा में पूरे देश में चौथी रैंक हासिल की थी, एक बार जब उनका बागेश्वर जिले से ट्रांसफर हो रहा था, तो वहां के लोग सरकार का विरोध करने सड़कों पर उतर आए और सभी ने एक सुर में कहा-हम ऐसे अफसर को यहां से कहीं नहीं जाने देंगे।
अक्सर लोग कहते हैं कि जितना बड़ा अफसर होता है, उसके शोक भी उतने ही बड़े होते हैं। लेकिन मंगेश घिल्डियाल के लिए यह एक दम गलत है। एक बार उन्होंने अपनी शादी की सालगिरह राजकीय प्राथमिक विद्यालय में मनाई थी। इस दौरान उन्होंने अपने परिवार के साथ स्कूल में पढ़ने वाले गरीब बच्चों के साथ बैठकर खाना खाया और उनके साथ गेम खेलकर खुशियां सेलिब्रेट की थीं।
IAS अफसर मंगेश को एक बार भारतीय विदेश सेवा में जाने का मौका था, लेकिन उन्होंने अपने देश में रहकर ही आईएएस की नौकरी करने का फैसला लिया।
अपनी शादी के दौरान IAS अफसर मंगेश घिल्डियाल और पत्नी ऊषा घिल्डियाल।
IAS अफसर मंगेश घिल्डियाल की पत्नी ऊषा घिल्डियाल दिखने में जितनी सुंदर हैं उससे कहीं ज्यादा उनकी सादगी सोच और विचार हैं। वह अक्सर गरीब बच्चों की मदद करने के कारण चर्चा में बनी रहती हैं।