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ये कैसी खुशी: दूल्हा बनने के इंतजार में गुजारे 63 साल, शादी हुई तो घर पहुंचते ही दुल्हन की हो गई मौत
वडोदरा (गुजरात). अक्सर लोगों से सुना है कि शादी-विवाह सब किस्मत का खेल होता है। भगवान ने रिश्तों की यह डोर पहले से बांधकर रखी है। ऐसा ही एक मामला गुजरात के वडोदरा से सामने आया है। जहां एक युवक की किस्मत के बारे में हर कोई चर्चा कर रहा है। अपने समाज की लड़की से शादी करने के चक्कर में शख्स ने करीब चार दशक बिता दिए। अब 63 साल की साल की उम्र में जाकर उसने 40 साल की महिला से शादी की। लेकिन यह खुशी उसके जीवन में 24 घंटे से ज्यादा नहीं रही, क्योंकि दुल्हन की ससुराल में कदम रखते ही मौत हो गई।
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दरअसल, वडोदरा जिले के पीपलछट गांव रहने वाले 63 वर्षीय कल्याणभाई रबारी और 40 वर्षीय लीलाबेन की सोमवार को धूमधाम से शादी हुई थी। इस विवाह और अपने नए जीवन साथी को लेकर दोनों खुश थे, खासकर युवक कि आखिर देर ही सही पर साथी मिला। लेकिन उसे क्या पता था कि उसकी किस्मत में पत्नी का सुख लिखा ही नहीं है। तभी तो शादी के एक दिन बाद मंगलवार को जब दुल्हन लीलाबेन ससुराल पहुंची और रस्मों के दौरान वह अचानक चक्कर खाकर गिर पड़ी। बेहोशी की हालत में कल्याण अपनी नई नवेली पत्नी को अस्पताल लेकर पहुंचा, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
बता दें कि कल्याणभाई रबारी अपनी शादी को लेकर बेहद खुश थे, क्योंकि इस दिन उनका 30-35 सालों का सपना जो पूरा होने जा रहा था। इसीलिए उन्होंने शादी के भोज में आसपास के गांवों के कई लोगों को बुलाया था। 23 जनवरी को पूरे गांव के लिए प्रीतिभोज का भी आयोजन रखा था। इसके अलगे दिन वह 24 तारीख अपनी बारात लेकर वरसडा पहुंचे, जहां उन्होंने लीलाबेन संग विवाह के सात फेरे लेकर पति-पत्नी बने।
सोमवार के दिन जब 40 साल की उम्र में लीलाबेन की विदाई हुई तो उसके परिवार वाले बेहद खुश थे। सब यही बोल रहे थे कि आखिरकार बेटी का घर बस ही गया। लेकिन उनको क्या पता था कि ये बेटी की अंतिम विदाई है। जिसे वह लाल जोड़े में सजा-धजाकर सुसराल भेज रहे हैं वह इसी जोड़े में हमेशा-हमेशा के लिए दुनिया को अलविदा कहकर चली जाएगी।
कल्याणभाई के एक पहचान वाले ने ही दो-तीन महीने पहले ही उनको लीलाबेन के बारे में बताया था। उन्होंने कहा की एक महिला है, जिससे तुम शादी कर सकते हो, वह 40 साल की है, उसकी अभी तक शादी नहीं हुई है। अगर कहो तो बात करूं उनके माता-पिता से, इसके बाद कल्याणभाई यह विवाह करने के लिए राजी हो गए। दोनों परिवारों की मुलाकात करवाई और आखिरकार शादी तय हो गई।
बता दें कि कल्याण रबारी पशुपालक हैं, गाय के दूध को बेचकर अपना खर्चा चलाते हैं। उनका एक छोटा भाई है जो कि मानसिक रूप से बीमार रहता है। इसके अलावा उनकी एक बहन है जो कि विधवा है। वह पिछले 30-35 सालों से अपनी शादी के लिए समाज की लड़की तलाश रहे थे। उनका कहना था कि वह शादी करेंगे तो समाज की लड़की से, नहीं तो सारी जिंदगी कुवांरे ही रहेंगे। (कल्याणभाई रबारी और लीलाबेन की शादी का कार्ड)