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- 4 बजे फोन लगाकर कहा कि मैं घर आ रहा हूं, खुशी से झूम उठी बेटियां..अगले दिन मिली सदमे से भरी खबर
4 बजे फोन लगाकर कहा कि मैं घर आ रहा हूं, खुशी से झूम उठी बेटियां..अगले दिन मिली सदमे से भरी खबर
तरनतारन, पंजाब. जम्मू-कश्मीर के राजौर में सीजफायर के बावजूद पाक सेना की गोलीबारी में शहीद हुए नायब सूबेदार राजविंदर सिंह(40) का सोमवार को उनके गांव गोइंदवाल में अंतिम संस्कार कर दिया गया है। बता दें कि उन्हें अंतिम विदाई देने पूरा गांव उमड़ पड़ा था। आंसुओं का सैलाब देखने को मिला। शहीद के घर से श्मशान घाट तक हजारों लोग खड़े थे। राजविंदर शनिवार को गोलीबारी में घायल हुए थे। इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी। वे महीनेभर की छुट्टी के बाद 26 जनवरी को ड्यूटी पर लौटे थे। 29 अगस्त की शाम 4 बजे उन्होंने पत्नी मनप्रीत को फोन करके कहा था कि वे जल्द घर आ रहे हैं। यह सुनकर पत्नी, उनकी मां और 10-15 साल की दोनों बेटियों के अलावा 16 साल का बेटा खुशी से उछल पड़ा था। उनके गांव में 1 सितंबर को गुरु श्री अमरदासजी का मेला लगता है। राजविंदर इसमें शामिल होने वाले थे। लेकिन रविवार को उनकी शहादत की खबर मिली।
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शहीद राजविंदर सिंह के पिता स्वर्गीय जगीर सिंह भी फौज में हवलदार थे। पिता को अंतिम विदाई देते वक्त बेटियां बिलख पड़ीं।
गौरतलब है कि सीजफायर के बावजूद पाकिस्तान एलओसी पर लगातार गोलीबारी करता रहा है। अपने बेटे की शहादत पर मां बलविंदर कौर ने गर्व करते हुए कहा कि देश के लिए सबकुछ कुर्बान। पति को याद करते रोती उनकी पत्नी मनप्रीत।
राजविंदर के भाई सुखविंदर सिंह की वर्ष 2009 में हादसे में मौत हो गई थी। पिता जागीर सिंह दो साल पहले चल बसे थे। राजविंदर सिंह सिख लाइट रेजीमेंट में 18 मई 1980 को भर्ती हुए थे।
पंजाब सरकार ने शहीद के परिजनों को 50 रुपए और एक सरकारी नौकरी देने का ऐलान किया है।
जब राजविंदर सिंह के शहादत की खबर मिली, तब उनकी पत्नी बच्चों के साथ टीवी देख रही थीं।
पति की शहादत की खबर सुनकर पत्नी मनप्रीत बेहोश हो गईं। उन्हें बेटा ने चेहरे पर पानी डालकर होश में लाया।