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- 4 बजे फोन लगाकर कहा कि मैं घर आ रहा हूं, खुशी से झूम उठी बेटियां..अगले दिन मिली सदमे से भरी खबर
4 बजे फोन लगाकर कहा कि मैं घर आ रहा हूं, खुशी से झूम उठी बेटियां..अगले दिन मिली सदमे से भरी खबर
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शहीद राजविंदर सिंह के पिता स्वर्गीय जगीर सिंह भी फौज में हवलदार थे। पिता को अंतिम विदाई देते वक्त बेटियां बिलख पड़ीं।
गौरतलब है कि सीजफायर के बावजूद पाकिस्तान एलओसी पर लगातार गोलीबारी करता रहा है। अपने बेटे की शहादत पर मां बलविंदर कौर ने गर्व करते हुए कहा कि देश के लिए सबकुछ कुर्बान। पति को याद करते रोती उनकी पत्नी मनप्रीत।
राजविंदर के भाई सुखविंदर सिंह की वर्ष 2009 में हादसे में मौत हो गई थी। पिता जागीर सिंह दो साल पहले चल बसे थे। राजविंदर सिंह सिख लाइट रेजीमेंट में 18 मई 1980 को भर्ती हुए थे।
पंजाब सरकार ने शहीद के परिजनों को 50 रुपए और एक सरकारी नौकरी देने का ऐलान किया है।
जब राजविंदर सिंह के शहादत की खबर मिली, तब उनकी पत्नी बच्चों के साथ टीवी देख रही थीं।
पति की शहादत की खबर सुनकर पत्नी मनप्रीत बेहोश हो गईं। उन्हें बेटा ने चेहरे पर पानी डालकर होश में लाया।