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मां चाहकर भी आखिरी बार बेटे का चेहरा नहीं देख पाई, हाथ जोड़कर नमन किया और कर दिया अंतिम सस्कार
| Published : Dec 19 2019, 11:55 AM IST / Updated: Dec 19 2019, 11:56 AM IST
मां चाहकर भी आखिरी बार बेटे का चेहरा नहीं देख पाई, हाथ जोड़कर नमन किया और कर दिया अंतिम सस्कार
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सेना के अधिकारियों ने किसी को भी शहीद का चेहर नहीं दिखाया। सुखविंदर की मां रानी देवी और भाई गुरपाल सिंह का एक बार जवान का चेहरा दिखाने की जिद करते रहे। लेकिन आर्मी के अफसरों ने यह कहत हुए मना कर दिया कि पाकिस्तानी दुश्मनों ने शहीद का चेहरा गोलियों से बुरी तरह से बेकार कर दिया है। इसलिए हम नहीं दिखा सकते हैं। आखिर में परिजनों ने बेटे को सैल्यूट करके अंतिम विदाई दी।
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शहीद की अंतिम यात्रा में जहां एक तरफ लोगों की आंखें नम थी। तो वहीं युवा हाथों में तिरंगा लेकर पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगा रहे थे। शहीद का अंतिम संस्कार पूरे सैन्य सम्मान के साथ फतेहपुर गांव के श्मशान घाट में किया गया।
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सुखविंदर सिंह दो साल पहले यानि 2017 में सेना में 18 जेएंडके राइफल में भर्ती हुआ था। उसने सेकंडरी स्कूल से पढ़ाई करने के बाद ही सेना ज्वाइन कर ली थी। सुखविंदर सिंह के पिता अविनाश सिंह का 2007 में ही निधन हो गया था।
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सुखविंदर के घर में अब कोई कमाने वाला नहीं बचा है। शहीद का बड़ा भाई गुरपाल सिंह बेरोजगार है। अब मां को यही चिंता है कि घर का खर्चा कैसे चलेगा। वह तो जल्द ही दोनों भाईयों की शादी करने की तैयारी का सोच रही थी। लेकिन भाग्य में तो कुछ और लिखा था।
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शहीद सुखविंदर सिंह हाल ही में 21-22 नवंबर को एक रिश्तेदार की शादी में शामिल होने के लिए 15 दिन की छुट्टी पर आया था। फिर घर से भारत-पाक बॉर्डर पर जाते समय सुखविंदर मां से जाते समय वादा करके गया था, कि वह जल्द लौटूंगा। लेकिन तिरंगे में लिपटा हुआ उसका शव घर पहंचा तो मां बिलख पड़ी।