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यूं ही नहीं सिद्धू ने छोड़ी अध्यक्ष की कुर्सी, एक नहीं कई इसकी वजह..पढ़िए गुरु की नाराजगी की इनसाइड स्टोरी
अमृतसर. पंजाब की सियासत में सीएम का चेहरा बदलने के बाद भी कांग्रेस की मुश्किलें कम नहीं हुई हैं। अचानक नवजोत सिंह सिद्धू ने प्रदेश कांग्रेस के प्रधान पद से इस्तीफा देकर सबको चौंका दिया है। जिस कुर्सी के लिए उन्होंने कैप्टन अमरिंदर तक से लड़ाई लड़ी और सब कुछ मिलने बाद उन्होंने अपनी कुर्सी छोड़ दी। आइए जानते हैं क्या है सिद्धू की नारजगी का कारण...
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1. सीएम की कुर्सी बड़ा कारण: सिद्धू का सबसे बड़ी नाराजगी का कारण हैं उनका मुख्यमंत्री नहीं बनना। क्योंकि उन्होंने इसी मकसद से कैप्टन अमरिंदर को कुर्सी से हटवाया था। लेकिन दिल्ली में बैटे हाईकमान ने उनकी जगह सनील जाखड़ का नाम कर दिया। फिर भी वह चुप रहे, इसके बाद सुखजिंदर का नाम सुझाया उस पर भी वह सहमत नहीं हुए। आखिर में ना चाहते हुए चरणजीत सिंह चन्नी को सीएम की कुर्सी दे दी।
2. मंत्रिमंडल में भी नहीं चली: सीएम की कुर्सी आते-आते नाक के नीचे से निकल गई, लेकिन वह कुछ नहीं कर सके। अब बात आई मंत्रिमंडल के विस्तार की इसमें भी सिद्धू के पसंद के लोग मंत्री नहीं बन सके। चन्नी की कैबिनेट में सुखविंदर सिंह रंधावा को गृह मंत्री बना दिया गया, जबकि सिद्धू अपने किसी करीबी को यह कुर्सी सौंपना चाहते थे।
3. अफसरों के ट्रांसफर: नवजोत सिंह सिद्धू को लगता था कि कैप्टन के बाद चन्नी के सीएम बनते ही उनकी चलेगी। लेकिन ऐसा नहीं हो रहा था। चन्नी ने अपने हिसाब से आईएएस और आईपीएस अफसरों का ट्रांसफर कर दिया। जबकि सिद्धू ऐसा नहीं चाहते थे, फिर भी उनकी मर्जी के खिलाफ जाकर तबादला किया गया।
4. पंजाब का नया डीजीपी: सिद्धू के इस्तीफा देने के पीछे पंजाब का नया डीजीपी बनना भी एक कारण हैं। क्योंकि वह चाहते थे कि आईपीएस अफसर सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय को पंजाब का नया डीजीपी बनाया जाए। लेकिन जब दिनकर गुप्ता छुट्टी पर गए तो इकबालप्रीत सिंह सहोता को डीजीपी बना दिया गया। इस बात से सिद्धू खुश नहीं थे।
5. पहली कैबिनेट बैठक में नहीं पहुंचे सिद्धू: बता दें कि सिद्धू इस तरह से हाईकमान से नाराज चल रहे थे कि वह चरणजीत चन्नी की पहली कैबिनेट बैठक में तक नहीं गए थे। जिसके बाद कयास लगने लगे थे कि वह नाराज चल रहे हैं। क्योंकि उनकी पसंद के मुताबिक, पोर्टफोलिया नहीं बांटा गया था।
6. एडवोकेट जनरल (एजी) की नियुक्ति: सिद्धू की नाराजगी का एक कारण एडवोकेट जनरल की नियुक्ति भी है। क्योंकि वह चाहते थे कि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज कुलदीप सिंह के बेटे डीएस पटवालिया एडवोकेट जनरल बनाया जाए। लेकिन सीएम चन्नी इस बात पर सहमत नहीं थे और अमरप्रीत सिंह देयोल को एडवोकेट जनरल बना दिया गया।
अमृतसर. पंजाब की सियासत में सीएम का चेहरा बदलने के बाद भी कांग्रेस की मुश्किलें कम नहीं हुई हैं। अचानक नवजोत सिंह सिद्धू ने प्रदेश कांग्रेस के प्रधान पद से इस्तीफा देकर सबको चौंका दिया है। जिस कुर्सी के लिए उन्होंने कैप्टन अमरिंदर तक से लड़ाई लड़ी और सब कुछ मिलने बाद उन्होंने अपनी कुर्सी छोड़ दी। आइए जानते हैं क्या है सिद्धू की नारजगी का कारण...