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सिंघु बॉर्डर: दिल्ली से महाराजाओं की तरह घर वापसी कर रहे किसान, जैसे जंग जीत लौटते थे पंजाब के राजा, Photos
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26 नवंबर 2020। आज 380 दिन हो गए। तब किसानों को दिल्ली आने में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। आज 11 दिसंबर का दिन है। किसान शौर्य गाथा लिखकर दिल्ली से महाराजाओं की तरह घर वापसी कर रहे हैं। ठीक वैसे ही फतेह मार्च निकाला जा रहा है, जैसे पंजाब (Punjab) के राजा-महाराजा जंग जीतने के बाद वापस लौटा करते थे। इस फतेह मार्च की अगुआई सिख परंपरा के अनुसार श्रीगुरु ग्रंथ साहिब कर रहे हैं।
इस फतेह मार्च में राजा-महाराजाओं की तरह किसानों के आगे घोड़ा गाड़ियां और किसान सेना का बड़ा काफिला चल रहा है। किसान नेता भी यही कह रहे हैं कि आज हर किसान अपना सिर ऊंचा करके पंजाब पहुंच रहा है। सम्मान से घर पहुंचेंगे। अब हम घर में ही हर दीवाली, होली, लोहड़ी, बैसाखी त्योहार मनाएंगे। फतेह मार्च में शामिल किसान मुंछों को ताव देते दिखे।
पिछले 1 साल 15 दिन से किसान सर्दी, गर्मी और बारिश का मौसम, हर त्योहार, खास दिन दिल्ली के बॉर्डरों पर बिता कर रहे थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। सिंघु बॉर्डर से निकलने से पहले किसानों ने भंगड़ा डाला और जश्न मनाया। सिंघु बॉर्डर से आज जब किसान रवाना हुए तो सरबत दा भला की अरदास की गई।
फिलहाल, सिंघु बॉर्डर पर अब कोई मंच नहीं है, लेकिन पंडाल से आखिरी बार अरदास की गई। श्री गुरु ग्रंथ साहिब की अगुवाई में शुरू हुए फतेह मार्च पर फूलों की बारिश की गई। फतेह मार्च रवाना हो गया है और रास्ते में जगह-जगह पर किसानों के लिए लंगर लगाए गए हैं। 26 जनवरी के बाद ये पहला मौका है, जब देश की सड़कों पर एक बार फिर से ट्रैक्टरों की लंबी कतार देखने को मिलेगी। फतेह मार्च की अगुवाई करने वाली पालकी फूलों से सजाई गई है।
फतेह मार्च का पहला पड़ाव करनाल में रखा गया है। रात में किसान यहां पर विश्राम करेंगे। यहीं पर उनके लिए लंगर और रहने की व्यवस्था की गई है। रविवार सुबह इसी अंदाज में ये मार्च पंजाब के लिए रवाना हो होगा। रविवार रात का पड़ाव चार साहिबजादों के शहीदी स्थल श्री फतेहगढ़ साहिब में होगा।
इसके बाद ये मार्च सोमवार को श्रीअमृतसर साहिब के गोल्डन गेट तक पहुंचेगा। यहां से भव्य नगर कीर्तन निकाली जाएगी और श्रीहरिमंदिर सहिब जाएगा और वहां किसान नेता वाहेगुरू का शुक्रराना करेंगे।
बहादुरगढ़ के टीकरी बॉर्डर पर किसान सुबह का नाश्ता करेंगे। इसके बाद रवाना होंगे। दोपहर का लंगर रास्तों में पड़ने वाले टोल प्लाजा और टोहाना में होगा। शाम का लंगर बठिंडा में चखने के बाद किसान घर पहुंचेंगे। टिकरी बॉर्डर से किसान दो काफिलों में रवाना होंगे। एक जींद की तरफ से पटियाला और दूसरा हांसी-हिसार होते हुए बठिंडा जाएगा।
घर लौट रहे किसानों के भव्य स्वागत की तैयारियां की गई है। कुछ जगह ड्रोन से फूल बरसाए जाएंगे। टोल प्लाजा पर किसानों के लिए पकवान भी बनाए जा रहे हैं। जिसमें खीर, हलवा-पूरी, जलेबी और रोटी सब्जी शामिल हैं। जश्न मनाने के लिए टोल प्लाजा पर डीजे का भी इंतजाम किया गया है। किसानों के काफिले के आगे लीडरशिप की गाड़ियां होंगी।
किसानों के घर वापसी को लेकर पुलिस अलर्ट है। पंजाब की तरफ जाने वाले हरियाणा के तमाम रास्तों पर सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए हैं।
बहादुरगढ़ और सोनीपत में आम लोगों को किसी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए शनिवार शाम तक कुछ स्थानों पर रूट भी डायवर्ट किया गया है। राष्ट्रीय राजमार्गों पर पुलिस के जवान ड्यूटी में लगाए गए हैं।
किसान लंबे काफिले के साथ नाचते-गाते हुए पंजाब पहुंचेंगे। किसानों के काफिले के साथ एंबुलेंस की भी व्यवस्था की गई है, जिससे उन्हें किसी तरह की परेशानी होने पर तुरंत राहत दी जा सके। फतेह मार्च के लिए ट्रैक्टरों को सजाया गया है।
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा- आज से किसान अपने-अपने घर जा रहे हैं लेकिन हम 15 दिसंबर को घर जाएंगे। फिलहाल देश में हजारों धरने-प्रदर्शन चल रहे हैं। हम पहले उन्हें समाप्त करवाएंगे और उन्हें घर वापस भेजेंगे, फिर अपने घर जाएंगे।