दिव्यांग बच्चों के स्कूल में होता था दिल दहलाने वाला टॉर्चर
पंजाब के लुधियाना में एक स्कूल में दिव्यांग बच्चे को टॉर्चर किए जाने का शर्मनाक मामला सामने आया है। बच्चा बोलने-चलने में लाचार है। स्कूल में मूक-बधिर बच्चों की परवरिश की जाती है। घटना का CCTV फुटेज सामने आने के बाद पुलिस ने स्कूल के मालिक सहित 2 को किया अरेस्ट।
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लुधियाना. दिव्यांग बच्चों को ज्यादा केयर की जरूरत होती है। लेकिन यहां एक स्कूल ने केयर की बजाय टॉर्चर करने का जो शर्मनाक काम किया, वो चौंकाता है। मामला मुंडियां रोड स्थित जीके एस्टेट में चलने वाले एक प्राइवेट स्कूल का है। यह स्कूल दिव्यांग बच्चों की परवरिश के लिए चलाया जाता है। यहां एक 18 साल के दिव्यांग बच्चे को रातभर कुर्सी से बांधकर रखा गया। इसके बाद कुर्सी सहित उसे धक्का दे दिया, जिससे उसकी टांग टूट गई। बच्चा बोलने और चलने से लाचार है, लिहाजा वो घटना के बारे में अपने घर पर भी कुछ नहीं बता सका। बाद में स्कूल वालों ने ही घर पर फोन करके मनगढ़ंत कहानी रची और इसे एक एक्सीडेंट बताया। घायल बच्चे को सीएमसी हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया। वहां डॉक्टरों ने पिटाई की आशंका जाहिर की। तब परिवार पुलिस तक पहुंचा।
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घायल बच्चे के पिता न्यू शिवाजी नगर में रहते हैं। वे हौजरी का बिजनेस करते हैं। उनके तीन बच्चे हैं। यह सबसे बड़ा बेटा है। दिव्यांग बेटे की देखरेख ठीक से हो सके, इसलिए उसे 'समर्पण स्पेशल स्कूल' में भर्ती कराया था। इसकी फीस 7 हजार रुपए महीने थी। बच्चे के पिता ने बताया कि 29 जुलाई को स्कूल से उन्हें कॉल आया। बताया गया कि उनका बेटा गिरने से घायल हो गया है। उसकी टांग टूट गई है। जानकारी लगने पर परिजन फौरन स्कूल पहुंचे और बच्चे को क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एडमिट कराया।
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जब घटना को लेकर शक हुआ, तब स्कूल से CCTV फुटेज मांगे गए। हालांकि स्कूल मैनेजमेंट पहले टालमटोल करता रहा, लेकिन लेागों के दवाब में फुटेज देने पड़ गए। CCTV से पता चलता है कि बच्चे को 18 घंटे तक कुर्सी से बांधकर रखा जाता था। उसे पीटते भी थे। पुलिस के अनुसार, इस स्कूल का संचालक गुलशन कुमार माछीवाड़ा के एक सरकारी स्कूल में टीचर है। उसने छोटे से मकान में यह स्कूल खोल रखा था। उसमें 30-35 बच्चे भर रखे थे। जमालपुर थाना प्रभारी हरविंदर सिंह ने बताया कि गुलशन के अलावा एक अन्य कर्मचारी मनोज कुमार को गिरफ्तार किया गया है।
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