कोरोनावायरस: जिंदगी की तलाश में हम..मौत के कितने पास आ गए..जब ये सोचा तो घबरा गए..
अमृतसर, पंजाब. यह तस्वीर भावुक करती है। यह तस्वीर इसी फिल्मी गाने जैसी जिंदगी को दिखाती है। कोरोनावायरस ने सारी दुनिया को हिलाकर रख दिया है। सबसे ज्यादा मुसीबत में रोज कमाने-खाने वाले हैं। अपने घरों में से कोसों दूर दूसरे प्रदेशों में मजदूरी कर रहे मजदूरों को अब मजबूरी में पैदल ही घर लौटना पड़ रहा है। काम-धंधा बंद होने और रोटी के लाले पड़ने पर वे घर लौटना चाहते हैं। लेकिन सारे आवागमन बंद होने से वे पैदल ही अपने घरों की ओर लौट पड़े हैं। ऐसे मंजर सारे देश में सामने आए हैं। यह तस्वीर पंजाब के अमृतसर की है। यहां मायूस कदमों से अपने घरों की ओर जाते मजदूरों को देखकर पुलिसवाला भावुक हो उठा। उससे जितनी मदद बन सकती थी..उसने की। सरकार बेशक ऐसे मजदूरों के खाने-पीने के इंतजाम में लगी है। स्वयंसेवी संगठन भी ऐसे लोगों की मदद को आगे आए हैं, लेकिन कोरोना का डर लोगों में इस कदर घर कर गया है कि..उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा। सरकार ने कहा है कि जो-जहां हैं, वही रहे। उसके खाने-पीने का इंतजाम होगा। लेकिन इन मजदूरों को समझाइश देने वाला कोई नहीं है।
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