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फिल्म से कम नही राजस्थानी छोरे की कहानी: 7 साल पहले हादसे में एक पैर गंवा दिया, पर हार नहीं मानी कर दिया कमाल
भरतपुर ( bharatpur). हाल ही में मध्य प्रदेश के महू जिले में नेशनल पैराशूटिंग चैंपियनशिप का आयोजन हुआ। इस चैंपियनशिप में देश के कई राज्यों के सैकड़ों खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया। इन्हीं खिलाड़ियों में एक खिलाड़ी है भरतपुर निवासी रुद्रांश (rajasthan news)। जिसने चैंपियनशिप में एक नहीं दो नहीं बल्कि कुल 11 मेडल जीते हैं। इनमें 7 गोल्ड मेडल है। रुद्रांश के एक पैर नही है। ऐसे में वह दुनिया से भले ही थोड़ा धीरे चलता हो। लेकिन वह निशानेबाज ऐसा है कि चील से भी तेज निगाहें हैं।rajasthan updates.
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दरअसल आज के 7 साल पहले किसी गाड़ी की टक्कर से रुद्रांश का एक्सीडेंट हो गया। इस एक्सीडेंट में रुद्रांश बुरी तरह से घायल हो गया। इस हादसे में रुद्रांश को अपना एक पैर गंवाना पड़ा।लेकिन एक पैर को खोने के बाद भी रुद्रांश में कुछ कर गुजरने की ललक थी।
कुछ कर गुजरने की चाह ने रुद्रांश का ध्यान इस खेल की तरफ खींचा क्योंकि उसको बचपन से ही शूटिंग करने का शौक था। ऐसे में उसने अपने घरवालों को यह बात बताई। घर वालों ने भी रुद्रांश का पूरा समर्थन किया।
घरवालों ने रुद्रांश की बात मानते हुए उसकी स्कूलिंग के साथ ही उसे शूटिंग क्लास शुरू करवा दी। धीरे-धीरे रुद्रांश को शूटिंग चैंपियनशिप के बारे में पता चला और उसने अच्छे से तैयारी करना शुरू कर दिया।
महज 5 से 6 सालों में रुद्रांश इतना परफेक्ट हो गया कि अब वह एक नेशनल पैराशूटर बन चुका है। हाल ही में मध्यप्रदेश में हुई चैंपियनशिप में उसने 10 मीटर और 50 मीटर शूटिंग में 7 गोल्ड मेडल और 4 अन्य मेडल हासिल किए हैं। इस बारे में रुद्रांश का कहना है कि उनके साथ हुआ सड़क हादसा ही उनका सबसे बड़ा मोटिवेशन था।
एक पैर को खोने के बाद जब रुद्रांश को ऐसा लगा कि अब उसका क्या होगा लेकिन फिर भी उसने हार नहीं मानी और अपने शौक को अपनी कला में बदलना शुरू कर दिया। जिसकी बदौलत अब वह यहां पहुंच पाया है।
रुद्रांश का कहना है कि अब वह भविष्य में एशियन गेम्स समेत अन्य कई इंटरनेशनल चैंपियनशिप में हिस्सा लेना चाहता है। जिसके लिए वह अपनी तैयारी भी लगातार जारी रखेगा।