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दंगाइयों सुनो! इन बच्चों की करुण पुकार, 'हमारे पापा का क्या कसूर था, वो तो किसी से झगड़ते तक नहीं थे'
| Published : Feb 25 2020, 10:57 AM IST / Updated: Feb 25 2020, 11:17 AM IST
दंगाइयों सुनो! इन बच्चों की करुण पुकार, 'हमारे पापा का क्या कसूर था, वो तो किसी से झगड़ते तक नहीं थे'
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हवलदार रतनलाल राजस्थान के सीकरी जिले के फतेहपुर तिहावली गांव के रहने वाले थे। उनके परिवार में पत्नी पूनम और तीन बच्चे सिद्धि (13), कनक (10) और राम (8) हैं। बच्चे बार-बार यह कहते रहे-'हमारे पापा का क्या कसूर था?'
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रतनलाल दिल्ली पुलिस में हवलदार थे। वे उत्तर-पूर्वी दिल्ली में सोमवार को भड़के दंगे में फंस गए थे। दयालपुर थाना क्षेत्र में दंगाइयों की भीड़ ने उन्हें घेरकर मार डाला था।
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रतनलाल के परिजनों और मोहल्लेवालों का कहना है कि वो बेहद सुलझे और शांत स्वभाग के इंसान थे। कभी लड़ाई-झगड़ा तो दूर, किसी से ऊंची आवाज में बात तक नहीं करते थे। उनकी मौत की खबर से सबको गहरा सदमा लगा है।
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रतनलाल सन् 1998 में दिल्ली पुलिस में सिपाही के पद पर भर्ती हुए थे। साल 2004 में जयपुर की रहने वालीं पूनम से उनका विवाह हुआ था। पूनम पति की मौत की खबर सुनकर अपनी सुधबुध खो बैठी थीं। उन्हें समझ ही नहीं आ रहा था कि आखिर उनके पति का क्या कसूर था.. उन्हें क्यों मार दिया गया?
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रतनलाल का परिवार दिल्ली के बुराड़ी गांव में अमृत विहार कॉलोनी में रहता है। उनका छोटा भाई मानेाज बैंगलुरु में रहता है। अपने भाई की मौत की खबर सुनकर वो फूट-फूटकर रो पड़ा।
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रतनलाल के एक अन्य छोटे भाई दिनेश ने कहा कि वो तो गोकुलपुरी के एसीपी के रीडर थे। उनकी ड्यूटी किसी थाने में नहीं थी। वो तो एसीपी साहब के साथ मौके पर चले गए थे। उनका भाई बहुत सीधा इंसान था। उसने कभी किसी पर पुलिसिया रौब नहीं झाड़ा। उल्लेखनीय है कि ट्रम्प के दौरे पर CAA का विरोध उग्र हो गया था।