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दंगाइयों सुनो! इन बच्चों की करुण पुकार, 'हमारे पापा का क्या कसूर था, वो तो किसी से झगड़ते तक नहीं थे'
सीकर, राजस्थान. CAA के विरोध में दंगाइयों ने दिल्ली में जो खूनी खेल खेला, उसकी चहुंओर घोर निंदा हो रही है। उत्तर-पूर्वी दिल्ली की हिंसा में एक बेकसूर हवलदार रतनलाल को अपनी जान गंवानी पड़ी। दंगाइयों को उनके परिवार का ख्याल तक नहीं आया। दंगाइयों ने घेरकर उन पर हमला कर दिया था। जैसे ही इस घटना की जानकारी रतनलाल के घर तक पहुंची..उनके तीनों बच्चों और पत्नी का दिल बैठ गया। कुछ देर तक तो उन्हें समझ ही नहीं आया, फिर घर में इतनी जोरों के रोने-चीखने की आवाजें सुनाई पड़ीं कि पूरा मोहल्ला दहल गया। रतनलाल की पत्नी पूनम घबराकर सुनकर बेहोश हो गई थीं। उन्हें नहीं मालूम था कि 'दिलवालो की दिल्ली' उनका दिल ही छीन लेगी। वहीं बच्चे घर पर जमा भीड़ को देखकर मानों सुधबुध खो बैठे थे। वे कभी रोते, तो कभी लोगों का चेहरे देखते। सबका यही कहना था कि रतनलाल ने कभी पुलिसिया रौब नहीं झाड़ा। वे अपने फर्ज को पूरी शिद्दत से निभाते थे। कभी डंडे का दुरुपयोग नहीं किया। हमेशा लोगों की मदद के लिए आगे आते थे। बेहद सुलझे, ईमानदार और एक अच्छे इंसान थे रतनलाल। दंगाई शायद कभी महसूस न करें कि रतनलाल के परिवार पर क्या बीत रही होगी..
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