MalayalamNewsableKannadaKannadaPrabhaTeluguTamilBanglaHindiMarathiMyNation
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • ताज़ा खबर
  • राष्ट्रीय
  • वेब स्टोरी
  • राज्य
  • मनोरंजन
  • लाइफस्टाइल
  • बिज़नेस
  • सरकारी योजनाएं
  • खेल
  • धर्म
  • ज्योतिष
  • फोटो
  • Home
  • States
  • Rajasthan
  • वीरभूमि है राजस्थान की धरती: जानिए कब बना था ये प्रदेश, कौन था राज्य का पहला मुख्यमंत्री

वीरभूमि है राजस्थान की धरती: जानिए कब बना था ये प्रदेश, कौन था राज्य का पहला मुख्यमंत्री

राजस्थान (Rajasthan) । 30 अगस्त यानि आज मंगलवार को राजस्थान दिवस है। 1949 में आज ही के दिन 22 रियासतों को मिलाकर राजस्थान बनाया गया है। बता दें कि क्षेत्रफल के लिहाज से ये देश का सबसे बड़ा राज्य है। जबकि जनसंख्या के लिहाज से देश का सातवां सबसे बड़ा राज्य। राजस्थान की राजधानी जयपुर को महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय ने बनाया था। ऐसे में अब आपको राजस्थान से जुड़े कई रोचक बातें साझा कर रहे हैं। 

4 Min read
Asianet News Hindi
Published : Mar 30 2021, 04:06 PM IST| Updated : Mar 30 2021, 04:10 PM IST
Share this Photo Gallery
  • FB
  • TW
  • Linkdin
  • Whatsapp
  • GNFollow Us
111

बताते चले कि राजस्थान की पश्चिमी सीमाएं पाकिस्तान से लगती हैं। आजादी के पहले राजस्थान को राजपूताना के नाम से जाना जाता था। पूरे राजपूताना में 19 रियासतें और 3 ठिकाने थे। इन रियासतों और ठिकानों के एकीकरण के बाद 30 मार्च 1949 को राजस्थान बना। इन रियासतों का एकीकरण सात चरणों में पूरा हुआ। इसमें इसमें करीब 8 साल 7 महीने 14 दिन का समय लगा था।
 

211

राजस्थान का गर्वीला इतिहास आज भी हर राजस्थानी में आगे बढ़ने का जोश भर देता है। कला-संस्कृति हो, या व्यापार। चाहे खेल की बात करो या खेती की राजस्थानी किसी से कम नहीं हैं। वहीं, इंग्लैंड के विख्यात कवि किप्लिंग ने लिखा था, दुनिया में अगर कोई ऐसा स्थान है, जहां वीरों की हड्डियां मार्ग की धूल बनी हैं तो वह राजस्थान कहा जा सकता है। 
 

311

जैसलमेर का पोकरण लाल पत्थरों से निर्मित दुर्ग के कारण मशहूर और अब इसकी पहचान भारत की एमटी एटमी ताकत की भूमि के रूप में भी है। यहां पहला भूमिगत परमाणु परीक्षण 18 मई 1974 को किया गया था। इसके बाद 11 और 13 मई 1998 को भी यहां परीक्षण किए गए।

411

भारत की आजादी के समय यह सोचा जा रहा था कि राजस्थान को आजाद भारत का प्रांत बनाना और राजपूताना के तत्कालीन हिस्से का भारत में विलय एक मुश्किल काम होगा। आजादी की घोषणा के साथ ही राजपूताना के देशी रियासतों के मुखियाओं में स्वतंत्र राज्य में भी अपनी सत्ता बरकरार रखने की होड़-सी लगी थी।
 

511

यहां की 22 रियासतों और ठिकानों में एक रियासत अजमेर मेरवाड़ा प्रांत को छोड़कर सभी पर देशी राजा-महाराजाओं का ही राज था। अजमेर-मेरवाड़ा प्रांत पर अंग्रेजों का कब्जा था। इस कारण ये सीधे ही स्वतंत्र भारत में आ जाती, मगर शेष 21 रियासतों का विलय कर ‘राजस्थान' बनाया जाना था।
 

611

इन रियासतों के शासकों की मांग थी कि वे सालों से अपने राज्यों का शासन चलाते आ रहे हैं, उन्हें इसका अनुभव है, इस कारण उनकी रियासत को 'स्वतंत्र राज्य' का दर्जा दे दिया जाए। 18 मार्च 1948 को शुरू हुई राजस्थान के एकीकरण की प्रक्रिया कुल सात चरणों में एक नवंबर 1956 को पूरी हुई। इसमें भारत सरकार के तत्कालीन देशी रियासत और गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल और उनके सचिव वीपी मेनन की भूमिका महत्वपूर्ण थी।

711

राजस्थान के पहले सीएम हीरा लाल शास्त्री थे, जो भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता थे और उनका कार्यकाल 7 अप्रैल 1949 से 5 जनवरी 1951 तक था। बताते हैं कि हीरालाल शास्त्री का जन्म 24 नवम्बर 1899 को जयपुर जिले में जोबनेर के एक किसान परिवार में हुआ था। उनकी प्रारम्भिक शिक्षा जोबनेर में हुआ था। साल 1920 में उन्होंने साहित्य-शास्त्री की डिग्री प्राप्त की थी। 1921 में जयपुर के महाराजा कालेज से बीए किया और वे इस परीक्षा में सर्वप्रथम आए। 1921 में वे जयपुर राज राज्य सेवा में आ गए थे और बड़ी तेजी से उन्नति करते हुए गृह और विदेश विभागों में सचिव बने थे, फिर भी 1927 में उन्होंने इस पद से इस्तीफा दे दिया। प्रशासनिक सेवा के दौरान उन्होंने बड़ी मेहनत, कार्यकुशलता और निर्भीकता से काम किया था।

811

राजस्थान की धरती पर रणबांकरों ने जन्म लिया है। यहां वीरांगनाओं ने भी अपने त्याग और बलिदान से मातृभूमि को सींचा है या धरती का वीर योद्धा कहे जाने वाले पृथ्वीराज चौहान ने जन्म लिया, जिन्होंने तराइन के प्रथम युद्ध में मुम्मद गौरी तो पराजित किया। 

911

कहा जाता है कि गौरी ने 18 बार पृथ्वी पृथ्वीराज पर आक्रमण किया था, जिसमें 17 बार उसे पराजय का सामना करना पड़ा था। जोधपुर के राजा जसवंत सिंह के 12 साल के पुत्र पृथ्वी ने तो हाथों से औरंगजेब के खूंखार भूखे जंगली शेर का जब़़ा फाड़ डाला था।

1011

राणा सांगा ने सौ से भी ज्यादा युद्ध लड़कर साहस का परिचय दिया दिया था। पन्ना धाय के बलिदान के साथ के बलिदान के साथ बुलंदा पाली के ठाकुर मोहकम सिंह की रानी वाघेली का बलिदान भी अमर है। 

1111

जोधपुर के राजकुमार अजीत सिंह को औरंगजेब से बचाने के लिए वे उन्हें अपनी नवजात राजकुमारी की जगह छुपाकर लाई थीं। इन सब के अलावा आज भी राजस्थान की ये धरती भारतीय सेना को बड़ा संख्या में सैन्य कर्मी उपलब्ध कराती है।
 

About the Author

AN
Asianet News Hindi
एशियानेट न्यूज़ हिंदी डेस्क भारतीय पत्रकारिता का एक विश्वसनीय नाम है, जो समय पर, सटीक और प्रभावशाली खबरें प्रदान करता है। हमारी टीम क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय घटनाओं पर गहरी पकड़ के साथ हर विषय पर प्रामाणिक जानकारी देने के लिए समर्पित है।

Latest Videos
Recommended Stories
Related Stories
Asianet
Follow us on
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • Download on Android
  • Download on IOS
  • About Website
  • Terms of Use
  • Privacy Policy
  • CSAM Policy
  • Complaint Redressal - Website
  • Compliance Report Digital
  • Investors
© Copyright 2025 Asianxt Digital Technologies Private Limited (Formerly known as Asianet News Media & Entertainment Private Limited) | All Rights Reserved