MalayalamNewsableKannadaKannadaPrabhaTeluguTamilBanglaHindiMarathiMyNation
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • ताज़ा खबर
  • राष्ट्रीय
  • वेब स्टोरी
  • राज्य
  • मनोरंजन
  • लाइफस्टाइल
  • बिज़नेस
  • सरकारी योजनाएं
  • खेल
  • धर्म
  • ज्योतिष
  • फोटो
  • Home
  • States
  • Rajasthan
  • यहां 2 लड़कों ने आपस में की शादी, दोस्त को बनाया दुल्हन..माता-पिता ने पूरे गांव के साथ मनाया जश्न

यहां 2 लड़कों ने आपस में की शादी, दोस्त को बनाया दुल्हन..माता-पिता ने पूरे गांव के साथ मनाया जश्न

बांसवाड़ा (राजस्थान). अभी तक आपने कई अनोखी शादियां देखी और सुनी होंगी। लेकिन राजस्थान के बांसवाड़ा से एक अजब-गजब मामला सामने आया है, जहां लोगों ने दो नाबालिग लड़कों को दूल्हा दुल्हन बनाकर पूरे रीति-रिवाज से उनकी आपस में शादी करा दी। पूरा गांव इस अनोखे विवाह का साक्षी बना था, जहां वह दोनों लड़कों को शादी के लिए बधाई दे रहे थे। लेकिन इस विवाह कराने के पीछे एक दिलचस्प वजह थी, क्योंकि ऐसा करने से पूरे गांव में खुशहाली बनी रहती है। आइए जानते हैं लड़का-लड़का की शादी करने की वजह... 

2 Min read
Arvind Raghuwanshi
Published : Apr 01 2021, 01:09 PM IST| Updated : Apr 01 2021, 01:13 PM IST
Share this Photo Gallery
  • FB
  • TW
  • Linkdin
  • Whatsapp
  • GNFollow Us
14


दरअसल, यह मामला बांसवाड़ा जिले के बड़ोदिया गांव का है। जहां आदिवासी बहुल क्षेत्र के लोगों ने गांव की खुशहाली के लिए  यह अनूठी परंपरा के तहत शादी कराई। बाकायदा मंदिर पर मंडप में बनाकर पंडित ने मंत्र बोलते हुए यह शादी कराई। 

24

गांव के लोगों ने लड़के को बिलकुल दुल्हन की तरह साड़ी पहनाई, श्रृंगार किया। माथे पर बिंदी और हाथ में चुड़ियां पहनाईं। इसके बाद रात को ढोल-बाजे के बीच मंदिर में बने मंडप के बीच लेकर पहुंचे। शादी का माहौल पूरी तरह से असली विवाह की तरह था। आग जालई गई और मंत्रों के बीच विधानपूर्वक शादी करवाई। इसके बाद लड़के ने लड़के की मांग भरी और मंगलसूत्र पहनाया। (प्रतीकात्मक फोटो)

34


गांव के लोगों ने रात के अधंरे में ढोल-बाजे बजाकर टोलियों में बारात निकाली। सभी लोग खुशियां मनाते हुए नाच गाते हुए जा रहे थे। सभी लोग अपने घरों के सामने आरती की थाली लेकर दूल्हा और दुल्हन को तिलक लगाकर आरती उतारते हुए शुभकामनाएं दे रहे थे। जहां कोई उनको पैसा देता तो कोई चॉकलेट और आइसक्रीम और रुपए दिए जा रहे थे। तो कुछ लोग कोरोना के बचाव  के लिए मास्क तोहफे में दे रहा था।  (प्रतीकात्मक फोटो)
 

44


ग्रामीणों ने बताया कि करीब 90 साल से इस प्रथा का चलन चला आ रहा है। जहां फाल्गुन मास की होली के एक दिन गांव की खुशीहाली और बारिश अच्छी हो इसके लिए इस परंपरा को निभाते हैं। कई सालों पहले गांव में सूखा और लोगों के भूखे मरने की नौबत आ गई थी। जिसके बाद पंडित के कहन पर ऐसा किया गया तो जोरदार बारिश हुई। इसके बाद ये परंपरा लगातार चल रही है।  (प्रतीकात्मक फोटो)

About the Author

AR
Arvind Raghuwanshi
अरविंद रघुवंशी। 2012 से पत्रकारिता जगत में कार्यरत हैं, 13 साल का अनुभव। 2019 से एशियानेट न्यूज हिंदी में बतौर सीनियर चीफ सब एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं। हाइपर लोकल या कह लें स्टेट टीम को ये लीड कर रहे हैं। उन्होंने माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय (MCU) से मास्टर ऑफ जर्नलिज्म (MJ) किया है। नेशनल, पॉलिटिक्स, क्राइम और फीचर स्टोरीज में लिखना पसंद है। दैनिक भास्कर के डिजिटल विंग, राजस्थान पत्रिका, राष्ट्रीय हिंदे मेल जैसे मीडिया संस्थानों में भी ये काम कर चुके हैं।
Latest Videos
Recommended Stories
Related Stories
Asianet
Follow us on
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • Download on Android
  • Download on IOS
  • About Website
  • Terms of Use
  • Privacy Policy
  • CSAM Policy
  • Complaint Redressal - Website
  • Compliance Report Digital
  • Investors
© Copyright 2025 Asianxt Digital Technologies Private Limited (Formerly known as Asianet News Media & Entertainment Private Limited) | All Rights Reserved