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होमवर्क न करने की सजा मौत: मां की गोद उजड़ी तो पिता का प्यार, बहन भाई की तस्वीर देख बिलख रही
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चूरू के मॉर्डन पब्लिक स्कूल में टीचर ने 7वीं के स्टूडेंट को बुरी तरह से पीटा था। इससे उसके नाजुक अंगों पर चोट आई और उसकी मौत हो गई। शिक्षा विभाग की टीम ने स्कूल के बच्चों और उनके परिजनों का बयान लिया है। प्रारंभिक तौर पर स्कूल में कई तरह की खामियां सामने आई हैं। गणेश के साथ पढ़ने वाले बच्चे और परिजन भी घटना के बाद सहम गए हैं।
पिता ओमप्रकाश अपने बेटे का शव लेकर घर पहुंचा। बेटे का शव देखकर मां को तो होश ही नहीं रहा। जिस बेटे को बुधवार सुबह तैयार करके और लंच बॉक्स देकर भेजा था, उसका सफेद कपड़े में लिपटा शव घर वापस आया। पिता ने गणेश की मां राजू देवी को रातभर उसकी मौत के बारे में नहीं बताया था। पिता ने कहा था कि गणेश की तबीयत खराब होने पर सीकर में भर्ती करवाया गया है।
बड़ा भाई विनोद तो रोते-रोते बेहोश ही हो गया। पिता हिम्मत बांधकर परिवार को संभालता हुआ नजर आया। घर से बच्चे के शव को उठाते ही बदहवास मां और बहन पीछे-पीछे भागने लगीं। रिश्तदारों और पड़ोस के लोगों ने उन्हें रोका। हर किसी की आंखों में आंसू थे। अंतिम संस्कार करते हुए पिता बिलख उठा और रोते-रोते कोने में बैठ गया।
गणेश के साथ पढ़ने वाले बच्चे सहमे हुए हैं। उसके साथ पढ़ने वाली 7वीं क्लास की एक लड़की ने स्कूल जाने से ही मना कर दिया है। बच्ची के पिता ने बताया कि उस दिन उनकी बेटी रोते हुए स्कूल से घर आई तो, उसकी मां का भी आंखें भर आई। फोन पर बेटी ने कहा कि, पापा- हमारे साथ पढ़ने वाले गणेश की टीचर मनोज ने पटक-पटक कर पिटाई की, वो मर गया। पापा मैं उस स्कूल में नहीं जाऊंगी।
गांव में भी दो दिन से सन्नाटा पसरा हुआ है। घरों में चूल्हे तक नहीं जले। दुकानें भी बंद हैं। स्कूल में पढ़ने वाली तीसरी क्लास की बच्ची ने अपने पापा से जो कहा, वह हर किसी को गमगीन बना रहा है। बच्ची ने अपने पापा को कहा कि- मेरा होमवर्क भी पूरा नहीं था, गणेश की जान नहीं जाती तो मनोज सर मुझे भी मार देते।
गांव वालों का कलेजा बच्चे की अर्थी को कांधा देते हुए फट सा गया। उन्होंने कहा कि हम कम पढ़े-लिखे हुए लोग हैं। बच्चों को पढ़ा-लिखाकर उनको कामयाब इंसान बनाना चाहते हैं। मगर इस कीमत पर नहीं कि बच्चा स्कूल जाए और वापस जिंदा नहीं, उसकी लाश आए।