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जज्बे को सलाम: बेटी को जन्म देती ही ऐंबुलेंस से रीट परीक्षा देने पहुंची महिला, पलंग पर बैठ दिया एग्जाम
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दरअसल, दिल को सैल्यूट करने वाली यह तस्वीर बूंदी जिले के केशोरायपाटन में बनाए गए एग्जाम सेंटर की है। जहां बालचंद पाड़ा की रहने वाली अर्चना गुर्जर राजस्थान शिक्षक पात्रता परीक्षा देने के लिए पहुंची। जिस किसी ने मां के प्रेम और बलिदान की यह फोटोज देखी वह भावुक हो गया।
बता दें कि अर्चना गोचर ने शनिवार दोपहर 1 बजे को जिला अस्पताल में एक बच्ची को जन्म दिया है। बताया जाता है कि परिवार वालों ने उसे इस हालत में एग्जाम देने से मना किया, लेकिन वह परीक्षा देने वाली बात पर अड़ी रही। उसका कहना था कि वह कई सालों से रीट एग्जाम की तैयारी कर रही है। वह अपनी मेहनत खराब नहीं करना चाहती है।
अर्चना गोचर ने 2010 में बीएड किया हुआ है। वह तभी से शिक्षक बनने के लिए मेहनत कर रही है। उसने बताया कि साल 2015 में शादी हो गई। 2018 में भी मैंने यह एग्जाम दिया था, इस परीक्षा के लिए उसने 10 साल तक संघर्ष किया है। इस मौके वह चाहकर भी नहीं गंवा सकती है।
प्रसूता अर्चना गोचर रीट का एग्जाम देने के लिए एंबुलेंस से पहुंची हुई थी। साथ में उनके पति ओम प्रकाश गोचर थे। मामले को गंभरीता से लेते हुए बूंदी के कलेक्टर रेणु जयपाल ने प्रसूता विद्यार्थी अर्चना कुमारी के लिए अलग से पलंग की व्यवस्था करवाने के निर्देश दिए। कलेक्टर के निर्देश के बाद बूंदी शिक्षा विभाग ने परीक्षा केंद्र पर अर्चना के कुर्सी की जगह पलंग लगाया गया है।
ऐसी ही जज्बे को सलाम करने वाली तस्वीर धौलपुर शहर से भी सामने आई है। जहां प्रसूता रवीना एंबुलेंस से परीक्षा देने के लिए पहुंची। बता दें कि 2 दिन पहले सिजेरियन से उसकी डिलीवरी हुई है। परिवार वालों ने कहा कि अभी हिम्मत नहीं है, फिर एग्जाम दे देना। लेकिन वह नहीं मानी और कहने लगी मैं अपनी मेहनत बेकार नहीं करूंगी।
तस्वीर में दिखने वाली यह महिला जोधपुर की गर्भवती अभ्यर्थी मीनाक्षी है, जिसकी डिलीवरी डेट दो दिन बाद यानि 27 सितंबर को है। लेकिन इसके बाद भी वह परीक्षा केंद्र पर रीट का एग्जाम देने के लिए पहुंची।