MalayalamNewsableKannadaKannadaPrabhaTeluguTamilBanglaHindiMarathiMyNation
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • ताज़ा खबर
  • राष्ट्रीय
  • वेब स्टोरी
  • राज्य
  • मनोरंजन
  • लाइफस्टाइल
  • बिज़नेस
  • सरकारी योजनाएं
  • खेल
  • धर्म
  • ज्योतिष
  • फोटो
  • Home
  • States
  • Rajasthan
  • जेड प्लस सिक्योरिटी में निकला दलित दूल्हा, सुरक्षा ऐसी कि लगे थे 4 थानों के 80 पुलिसवाले

जेड प्लस सिक्योरिटी में निकला दलित दूल्हा, सुरक्षा ऐसी कि लगे थे 4 थानों के 80 पुलिसवाले

बूंदी, राजस्थान. जात-पात की दकियानूसी सोच के चलते एक दूल्हे को अपनी बिंदौरी निकालने प्रशासन से गुहार लगानी पड़ी। लिहाजा 4 थानों के करीब 80 पुलिसवाले गांव पहुंचे और फिर संगीनों के साये में दूल्हे की बिंदौरी निकाली गई। दरअसल, दूल्हा दलित है। ऊंची जाति के कुछ लोगों को यह कतई मंजूर नहीं था कि दूल्हा घोड़ी पर चढ़कर उनके मोहल्ले से गुजरे। इसके लिए दूल्हे के परिजनों को धमकी दी गई थी। लोगों ने कहा था कि अगर दूल्हा घोड़ी पर बैठकर गांव में निकला..तो उसकी टांगें तोड़ देंगे। लेकिन दूल्हे राजा नहीं डरे। उन्होंने प्रशासन से हेल्प मांगी। लिहाजा, उन्हें सुरक्षा मुहैया कराई गई। बता दें कि दूल्हा एक सरकारी स्कूल में टीचर है। मामला सदर थाने के संगावदा गांव का है। दूल्हे की बिंदौरी जेड प्लस जैसी सुरक्षा में निकली। इसे एक डीएसपी स्तर के अधिकारी लीड कर रहे थे । वहीं प्रशासन की ओर से बूंदी तहसीलदार, नायब तहसीलदार और पटवारी भी मौजूद रहे।  

1 Min read
Asianet News Hindi
Published : Feb 04 2020, 11:08 AM IST| Updated : Feb 04 2020, 11:15 AM IST
Share this Photo Gallery
  • FB
  • TW
  • Linkdin
  • Whatsapp
  • GNFollow Us
15
बता दें कि दूल्हे परशुराम मेघवाल ने आशंका जताई थी कि उनकी बिंदौरी के दौरान हंगामा हो सकता है। उन्होंने एसपी और कलेक्टर से शिकायत की थी। परशुराम जावरा गांव के एक सरकारी स्कूल में थर्ड ग्रेड टीचर हैं।
25
बिंदौरी सोमवार सुबह करीब 11:30 बजे निकाली गई। यह गांव के तमाम मोहल्लों से निकली। मंदिरों में दर्शन करने के बाद दोपहर 2 बजे यह वापस लौटी।
35
चूंकि बिंदौरी के दौरान बड़ी संख्या में पुलिस बल मौजूद था, लिहाजा किसी ने भी उपद्रव करने की कोशिश नहीं की।
45
बता दें कि बिंदौरी राजस्थान में शादी से पहले की एक रस्म है। इसमें दूल्हे या दूल्हन को गांव में घुमाया जाता है। मंदिरों के दर्शन कराए जाते हैं। यह ठीक बारात की तरह होता है।
55
हालांकि सरपंच पति श्यामलाल गुर्जर ने आरोप लगाया कि पूर्व सरपंच रामचंद्र मेघवाल ने बेवजह इस मामले को तूल दिया। गांव के मंदिरों में किसी भी जाति के आने की मनाही नहीं है।

About the Author

AN
Asianet News Hindi
एशियानेट न्यूज़ हिंदी डेस्क भारतीय पत्रकारिता का एक विश्वसनीय नाम है, जो समय पर, सटीक और प्रभावशाली खबरें प्रदान करता है। हमारी टीम क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय घटनाओं पर गहरी पकड़ के साथ हर विषय पर प्रामाणिक जानकारी देने के लिए समर्पित है।

Latest Videos
Recommended Stories
Related Stories
Asianet
Follow us on
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • Download on Android
  • Download on IOS
  • About Website
  • Terms of Use
  • Privacy Policy
  • CSAM Policy
  • Complaint Redressal - Website
  • Compliance Report Digital
  • Investors
© Copyright 2025 Asianxt Digital Technologies Private Limited (Formerly known as Asianet News Media & Entertainment Private Limited) | All Rights Reserved