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मानसून का मिजाज भांपने में माहिर होती हैं टिटहरी, अंडे देकर बता देती हैं कैसी होगी बरसात, ऐसे मिलते हैं संकेत
सीकर : राजस्थान (Rajasthan) इन दिनों गर्मी की आंच में पूरी तरह तप रहा है। मानसून के इंतजार में किसान आसमान की ओर टकटकी लगाए हुए हैं। इस बीच शेखावाटी यानी सीकर, चूरू और झुंझुनूं जिले में किसानों के चेहरे टिटहरी पक्षी ने खिला दिए हैं। अंचल के अलग-अलग इलाकों में टिटहरी के अंडे देखने को मिल रहे हैं। जिन्हें किसान मानसून के लिए अच्छा मान रहे हैं। किसानों की माने तो टिटहरी के अंडे देने का अर्थ हमेशा से अच्छी बरसात का संकेत माना गया है। चूंकि अन्य सालों के मुकाबले ये अंडे इस बार ज्यादा देखे जा रहे हैं। ऐसे में भरपूर बरसात की संभावना है। जानिए इस परंपरागत तरीके से कैसे मानसून का मूड भांपते हैं किसान...
| Published : May 27 2022, 01:01 PM IST
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टिटहरी के अंडे इन दिनों शेखावाटी के कई खेतों में दिख चुके हैं। जिनकी सुरक्षा करती टिटहरी भी कई जगहों पर देखी गई है। इस क्रम में सबसे पहले तीन मई को नीमकाथाना के एक खेत में टिटहरी के चार अंडे देखने को मिले थे। जिनके पास ही टिटहरी भी दिखाई दी।
इसके बाद बुधवार को झुंझुनूं के बगड़ कस्बे के निकट माखर गांव में विश्वनाथ शर्मा के खेत की मेड पर टिटहरी ने चार अंडे दिए। अब सीकर के भैरूंपुरा गांव में एक खेत में फिर टिटहरी ने चार अंडे देकर परंपरागत आधार पर अच्छी मानसून के संकेत दिए हैं। जिनसे किसानों को इस बार अच्छी बरसात की उम्मीद है।
किसानों की माने तो पक्षियों को मौसम का पूर्वानुमान होता है। जो कोई अंधविश्वास नहीं है। बगड़ निवासी किसान शिव कुमार स्वामी और सीकर निवासी किसान जगदीश प्रसाद का कहना है कि पीढ़ियों से टिटहरी के अंडों के आधार पर किसानों का मानसून का अंदाज हमेशा सटीक रहा है। पक्षियों की समझ को अंधविश्वास के रूप में नहीं देखा जा सकता है।
ऐसा माना जाता है कि टिटहरी एक ऐसा पक्षी है, जिसे बारिश का पूर्वाभास हो जाता है। इसी को ध्यान में रखते हुए वह अपने अंडे देने का स्थान तय करती है। उनके अंडों के आधार पर किसान और ग्रामीण मानसून का विश्लेषण करते हैं। उनका मानना है कि उनका यह अनुमान बिल्कुल सही होता है।
इधर, मौसम के जानकारों ने भी इस बार शेखावाटी सहित राजस्थान में अच्छी बरसात के संकेत दिए हैं। मौसम वैज्ञानिक जितेन्द्र सोनी का कहना है कि इस बार अलनीनो का असर नहीं है। गर्मी भी लंबी व भीषण पड़ी है। जिसका कारण पश्चिमोत्तर भारत, पाकिस्तान और ईरान में प्रतिचक्रवातीय दशाओं का होना है। इसका असर आने वाले दिनों में अच्छे मानसून के रूप में दिखने की संभावना है। जो 20 से 25 जून तक प्रदेश में प्रवेश कर सकता है।