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Bipin Rawat-Madhulika समेत ये हैं कुल 13 लोग, जिनकी हेलिकॉप्टर क्रैश में हुई मौत, पढ़ें कौन-किस रोल में था
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अधिकारियों के अनुसार, हादसे में जान गंवाने वालों की सूची इस प्रकार है...
1.सीडीएस जनरल बिपिन रावत
2.मधुलिका रावत (जनरल रावत की पत्नी)
3.ब्रिगेडियर एल एस लिद्दर
4.लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह
5.विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान
6.स्क्वाड्रन लीडर कुलदीप सिंह
7.जेडब्ल्यूओ राणा प्रताप दास
8.जेडब्ल्यूओ प्रदीप ए.
9.हवलदार सतपाल
10.नायक गुरसेवक सिंह
11.नायक जितेंद्र कुमार
12.लांस नायक विवेक कुमार
13.लांस नायक साइ तेजा
सीडीएस बिपिन रावत (Bipin Rawat)
61 साल की उम्र में 2019 में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) बनाए गए थे। जन्म 16 मार्च 1958 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में हुआ था। चौहान राजपूत परिवार और उनकी मां परमार क्षत्रिय वंश से थीं। जनरल बिपिन के पिता लक्ष्मण सिंह रावत सेना से लेफ्टिनेंट जनरल रहे हैं। जनरल रावत ने 1978 में सेना की 11वीं गोरखा राइफल की 5वीं बटालियन से करियर शुरू किया था। सेना में आर्मी चीफ से रिटायर होने के बाद देश के पहले सीडीएस बनाए गए। चार दशक की सेवा के दौरान जनरल रावत ने एक ब्रिगेड कमांडर, जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (जीओसी-सी) दक्षिणी कमान, सैन्य संचालन निदेशालय में जनरल स्टाफ ऑफिसर ग्रेड 2, कर्नल सैन्य सचिव और उप सैन्य सचिव के रूप में कार्य किया है। जूनियर कमांड विंग में सैन्य सचिव की शाखा और वरिष्ठ प्रशिक्षक रहे। संयुक्त राष्ट्र शांति सेना का भी हिस्सा रहे और उन्होंने कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में बहुराष्ट्रीय ब्रिगेड की कमान संभाली थी।
मधुलिका रावत (Madhulika Rawat)
जनरल बिपिन रावत की पत्नी मधुलिका फिलहाल AWWA यानी आर्मी वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन की अध्यक्ष थीं। ये एसोसिएशन सेना के अधिकारियों/जवानों की पत्नियों, बच्चों और आश्रितों के कल्याण के लिए काम करने वाली नोडल संस्था है। इसकी स्थापना 1966 में की गई थी। मधुलिका एक गृहिणी होने के साथ समाजसेवी भी थीं। वे सामाजिक कार्यक्रमों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेती थीं। मधुलिका मध्य प्रदेश के शहडोल की रहने वाली थीं और 1986 में बिपिन रावत से शादी हुई थी। उनकी दो बेटियां हैं। एक मुंबई में रहती है और दूसरी बेटी दिल्ली में रहती। मधुलिका के पिता मृगेंद्र सिंह शहडोल जिले के सोहागपुर रियासत के रियासतदार थे। वह 1967 और 1972 में कांग्रेस विधायक भी रहे थे।
ब्रिगेडियर एल एस लिद्दर (Lakhbinder Singh Lidder)
ब्रिगेडियर लखबिंदर सिंह लिड्डर (Brigadier Lakhbinder Singh Lidder) अपने परिवार में दूसरी पीढ़ी के सेना अधिकारी थे। हरियाणा स्थित पंचकुला निवासी रहे लिद्दर पिछले एक साल से ज्यादा समय से जनरल बिपिन रावत के स्टाफ में थे। उन्हें जनरल रावत का बेहद करीबी माना जाता था। लिद्दर ने जम्मू-कश्मीर राइफल्स की दूसरी बटालियन की कमान संभाली थी। ब्रिगेडियर लिद्दर जल्द ही जनरल रावत का स्टाफ छोड़कर एक डिवीजन के जनरल ऑफिसर कमांडिंग के रूप में सेवाएं देने वाले थे। उन्हें मेजर जनरल रैंक के पद पर प्रमोट किए जाने की अनुमति मिल गई थी। सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर के बेटे लिद्दर ने भी हिमाचल-तिब्बत सीमा पर एक ब्रिगेड की कमान संभाली थी। उन्होंने राष्ट्रीय रक्षा कॉलेज, नई दिल्ली में पढ़ाई भी की थी। लिद्दर अक्सर सैन्य मामलों पर लिखते थे। दोस्तों के बीच टोनी नाम से प्रसिद्ध लिद्दर की शादी गीतिका से हुई थी। वह पेशे से टीचर हैं।
लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह (Lt Col Harjinder Singh)
जनरल बिपिन रावत के स्टाफ में एक अन्य अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह भी थे। ये 11 गोरखा राइफल्स के थे, जो रावत से जुड़ी रेजिमेंट से ताल्लुक रखते थे। उन्होंने सियाचिन ग्लेशियर पर तैनाती और संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में कार्यकाल समेत अपनी बटालियन के साथ विभिन्न अभियानों में काम किया था। वह मूल रूप से यूपी के लखनऊ के रहने वाले थे, लेकिन उनका परिवार बाद में नई दिल्ली जा बसा। स्पेशल फोर्स के 5 पीएसओ और जनरल रावत के स्टाफ से 11 गोरखा राइफल्स के एक हवलदार की भी मौत हो गई।
विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान (Wing Commander Prithvi Singh Chauhan)
जिस हेलिकॉप्टर क्रैश होने की वजह से ये हादसा हुआ, उसे यूपी के आगरा (Agra) के रहने वाले वायुसेना के विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान (Prithvi Singh Chauhan) उड़ा रहे थे। पृथ्वी का परिवार आगरा में दयालबाग इलाके के सरन नगर में रहता है। बीटा ब्रेड के नाम पर तीन पीढ़ियों का पैतृक कारोबार है। 75 साल के पिता सुरेंद्र सिंह चौहान और माता सुशीला देवी समेत परिजन पर मानो दुखों का पहाड़ ही टूट पड़ा। चार बहनों के इकलौते भाई पृथ्वी सिंह को सभी प्यार से टिंकू पुकारते थे। उनकी प्रारंभिक पढ़ाई ग्वालियर में हुई और उसके बाद रीवा सैनिक स्कूल में अध्ययन के उपरांत एनडीए होते हुए एयरफोर्स पहुंचे थे। इसी साल रक्षाबंधन से पहले उनका स्थानांतरण सहारनपुर से कोयम्बटूर हुआ तो वह परिवार के साथ आगरा आए और अपनी बहनों के साथ रक्षाबंधन का पर्व मनाया। पत्नी कामिनी सिंह के साथ 13 साल की पुत्री आराध्या और 8 साल का पुत्र अभिराज कोयम्बटूर में है। परिवार के सदस्य एयरफोर्स के संपर्क में हैं।
स्क्वाड्रन लीडर कुलदीप सिंह (Squadron Leader Kuldeep Singh)
इंडियन एयरफोर्स के हेलिकॉप्टर (Mi-17V5) को ग्रुप कैप्टन पीएस चौहान और को-पायलट कुलदीप सिंह उड़ा रहे थे। कुलदीप झुंझनू जिले के रहने वाले हैं और पूरा परिवार जयपुर में रहता है। घटना की जानकारी मिलने पर परिवारवाले जयपुर से घलड़ाना (झुंझुनूं) के लिए निकल गए। उनके पिता रणधीर सिंह राव एक्स नेवी अफसर हैं। उनकी बहन भी इंडियन नेवी में हैं। वो माता-पिता के इकलौते बेटे थे। कुलदीप 2013 में एयरफोर्स में भर्ती हुए थे। इससे पहले वे अपने पिता रणधीर सिंह राव के साथ मुंबई में रहे और बीएससी-आईटी की पढ़ाई की थी। 2 साल पहले ही उनकी शादी मेरठ की यस्विनी ढाका के साथ 19 नवंबर 2019 को हुई थी। उनकी एक बहन अभीता इंडियन कोस्ट गार्ड में डिप्टी कमांडेंट के पद पर कार्यरत हैं। मां कमला देवी गृहिणी हैं। हादसे के बाद से ही पैतृक गांव चिड़ावा के घरडाना खुर्द में गमगीन माहौल है।
लांस नायक विवेक कुमार (Lance Naik Vivek Kumar)
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा (Kangra) जिले के पैरा कमांडो विवेक कुमार (29 साल) का भी तमिलनाडु (Tamil Nadu) के कन्नूर (Coonoor) में हुए हेलिकॉप्टर हादसे (Helicopter Crash) में निधन हो गया। विवेक चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) बिपिन रावत (Bipin Rawat) के साथ ही थे और उनके पीएसओ थे। विवेक अपने पीछे पांच महीने का बेटा, पत्नी और माता-पिता को छोड़ गए हैं। वह तीन भाई बहनों में सबसे बड़े थे। विवेक का गांव अपर ठेहडू में हर कोई शोक में है। ये गांव जयसिंहपुर इलाके में आता है। विवेक कुमार (Lance Naik Vivek Kumar) 12वीं की शिक्षा पास करके 2012 में जैक राइफल में भर्ती हुए थे। बाद में वे पैरा कमांडो में चले गए थे। साल 2020 में विवेक की शादी हुई थी और पांच माह पहले सितंबर में एक बेटे के पिता बने थे। विवेक की अपने बेटे की पहला जन्मदिन धूमधाम से मनाने की तमन्ना अधूरी रह गई। उनके पिता रमेश चंद दिहाड़ी का काम करते हैं, जबकि मां आशा देवी गृहिणी हैं। विवेक का एक छोटा भाई है, जो बैजनाथ के चौबीन में बेकरी में काम करता है। एक बहन की शादी हो गई है। विवेक अक्टूबर में छुट्टी पर घर आए थे।
नायक गुरसेवक सिंह (Nayak Gursewak Singh)
35 साल के नायक गुरसेवक सिंह की भी जान गई है। आर्मी की 9 पैरा स्पेशल फोर्स यूनिट में तैनात थे। वे पिछले तीन साल से जनरल रावत के साथ सेवा दे रहे थे। गुरसेवक पंजाब के तरनतारन जिले के डोडे गांव के रहने वाले थे। गुरसेवक के भाई, गुरबख्श सिंह ने बताया कि हमने इस बारे में सपने में भी नहीं सोचा था। उन्होंने कल रात हमसे बात की और अब वह नहीं रहे। हम खबर से स्तब्ध हैं। गुरसेवक सिंह मां का निधन हो चुका है जबकि पिता घर में ही रहते हैं। दूसरी तरफ मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, सांसद जसबीर सिंह डिंपा, डीसी कुलवंत सिंह, एसएसपी हरविंदर सिंह विर्क ने नायक गुरसेवक सिंह के परिवार के प्रति गहरा शोक व्यक्त किया है।
नायक जितेंद्र कुमार (Nayak jitendra kumar)
मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के जवान जितेंद्र कुमार की भी मौत हुई है। वे सेना में नायक पद तैनात थे। जितेंद्र मूल रूप से धामंदा गांव के रहने वाले थे। उनके निधन की सूचना मिलने पर घर पर बल तैनात कर दिया गया है। दोस्त राजेश वर्मा ने बताया कि जितेंद्र साल 2011 में भारतीय सेना में भर्ती हुए थे। वह मेरे काफी करीबी दोस्त थे। इस समय उनके परिजन को सूचना नहीं दी गई है। राजेश का कहना है कि जितेंद्र की मां की तबियत बहुत खराब है। जितेंद्र की 2014 में शादी हुई थी। उनका 4 साल का बेटा और डेढ़ साल की बेटी भी है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी ट्वीट कर जितेंद्र के निधन पर शोक जताया।
हवलदार सतपाल राय (Havildar Satpal Rai)
दार्जिलिंग के हवलदार सतपाल राय (Satpal Rai) की भी जान गई है। 41 साल के सतपाल काफी समय से सीडीएस जनरल बिपिन रावत के निजी सुरक्षा गार्ड थे। इस घटना के बाद हवलदार सतपाल के परिवार पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा है। सतपाल गोरखा राइफल्स में हवलदार थे। उनका परिवार तकदाह इलाके में रहता है। सतपाल का एक बेटा सेना में सेवारत है। दार्जिलिंग के सांसद राजू बिस्ट ने शोक व्यक्त करते हुए ट्वीट किया है- परिवार की तरफ से ज्ञात हुआ है कि बुधवार की सुबह उसने परिवार के सभी सदस्यों से बात की थी। मैं हवलदार सतपाल राय के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं। सीडीएस जनरल बिपिन रावत के व्यक्तिगत सुरक्षा अधिकारी (पीएसओ) थे। वह दार्जिलिंग के तकदाह के रहने वाले थे। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि उनके परिवार को इस अपूरणीय क्षति से उबरने की शक्ति प्रदान करें।
जेडब्ल्यूओ प्रदीप ए. (JWO Pradeep Arakkal)
प्रदीप अरक्कल केरल के त्रिशूर जिले के रहने वाले थे और जूनियर वारंट अधिकारी (JWO) के पद पर कार्यरत थे। प्रदीप ए त्रिशूर जिले के पोन्नूक्कारा के रहने वाले थे। साल 2018 में केरल में बाढ़ के दौरान प्रदीप ने शानदार तरीके से राहत एवं बचाव कार्य पूरा किया था। इसके लिए राष्ट्रपति ने प्रदीप को सम्मानित किया था। वे कोयंबटूर के सुलूर एयरबेस में सेवा दे रहे थे। प्रदीप अरक्कल ओल्लूर के मूल निवासी थे और राधाकृष्णन के बेटे थे। प्रदीप 2004 में वायु सेना में शामिल हुए और बाद में भारत के विभिन्न हिस्सों में वायु सेना के रूप में कार्य किया। इसके अलावा, प्रदीप केरल में बाढ़, उत्तराखंड बाढ़ बचाव अभियान और माओवादियों के खिलाफ कार्रवाई में भी सक्रिय रूप से शामिल थे। कुछ दिन पहले प्रदीप के बेटे का जन्मदिन था। इसके लिए प्रदीप कुछ दिन अपने घर आए थे। उन्होंने अपने बीमार पिता का इलाज भी करवाया था। ड्यूटी पर लौटने के चार दिन के अंदर हादसा हो गया। प्रदीप के परिवार में उनकी पत्नी और दो बच्चे हैं।
लांस नायक साईं तेजा (Lance Nayak Sai Teja)
लांस नायक बी साईं तेजा आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले के रहने वाले थे और 2012 में भारतीय सेना में शामिल हुए। सात महीने पहले ही जनरल रावत के निजी सुरक्षा अधिकारी (पीएसओ) बनाए गए थे। उनके परिवार में माता-पिता, पत्नी और दो बच्चे हैं। एक तीन साल का बेटा और एक दो साल की बेटी। परिवार कुराबाला कोटा मंडल में रहता है। रिश्तेदारों ने कहा कि लांस नायक साई तेजा ने सीडीएस रावत और अन्य के साथ उड़ान भरने से पहले बुधवार सुबह अपनी पत्नी श्यामला से आखिरी बार बात की थी। लांस नायक साईं तेजा आखिरी बार सितंबर में गणेश चतुर्थी उत्सव मनाने के लिए घर आए थे। रिश्तेदारों ने ये भी कहा कि वह अपने भाई महेश बाबू से मिलने के लिए भी उत्सुक थे, जो भारतीय सेना में हैं और वर्तमान में हिमाचल प्रदेश में तैनात हैं। लांस नायक साईं तेजा का उनके परिवार की इच्छा के अनुसार उनके गांव में अंतिम संस्कार किया जाएगा।
जेडब्ल्यूओ राणा प्रताप दास (JWO Rana Pratap Das)
भारतीय वायु सेना (IAF) के जूनियर वारंट अधिकारी (जेडब्ल्यूओ) राणा प्रताप दास की भी मौत हो गई है। वे ओडिशा में अंगुल जिले के कृष्णचंद्रपुर गांव के रहने वाले थे। और टेक्निकल टीम के हिस्सा थे। बहनोई संकल्प कुमार दास ने ट्वीट किया- ‘ओडिशा के तलचर के मेरे रिश्तेदार राणा प्रताप दास ने हेलिकॉप्टर हादसे में अपनी जान गंवा दी। हम सभी उनके असामयिक निधन से दुखी हैं। उन्हें हमेशा याद किया जाएगा। जेडब्ल्यूओ के परिवार में उनकी पत्नी, एक साल का बेटा और उनके बुजुर्ग माता-पिता हैं। वह एक दशक से ज्यादा समय से भारतीय वायुसेना की सेवा कर रहे थे। पारिवारिक सूत्रों ने कहा कि पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए उनके पैतृक गांव लाया जाएगा। मौत की खबर फैलते ही गांव में मातम छा गया। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ट्वीट किया और कहा- मैं जेडब्ल्यूओ राणा प्रताप दास के निधन पर शोक व्यक्त करता हूं, जिन्होंने जनरल रावत, उनकी पत्नी और अन्य रक्षा कर्मियों के साथ अपनी जान गंवा दी। दास तालचेर में मेरे गृहनगर से थे।