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- जिस ठंड में लोगों की रूह तक कांप जाए: उन बर्फीली चट्टानों में नौकरी कर रही राजस्थान की ये साहसी बेटी
जिस ठंड में लोगों की रूह तक कांप जाए: उन बर्फीली चट्टानों में नौकरी कर रही राजस्थान की ये साहसी बेटी
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यह महिला अधिकारी और कोई नहीं बल्कि राजस्थान की ही बेटी शिवा चौधरी है जो उदयपुर की रहने वाली है। सियाचिन में पोस्टिंग होने के बाद इनकी सोशल मीडिया में काफी चर्चा हो रही है।
शिवा वर्तमान में भारतीय सेना में कैप्टन के पद पर ड्यूटी कर रही है। करीब तीन से चार दिन पहले उनका ट्रांसफर लेह से सियाचिन में किया गया।
शिवा चौहान की बहन शुभम ने बताया कि 18 जुलाई 1997 को शिवा का जन्म हुआ। पिता राजेंद्र उदयपुर में रेडियम नंबर प्लेट की दुकान चलाते थे।
हंसता खेलता परिवार खुशी खुशी अपना जीवन यापन कर रहा था। इसी बीच अचानक 2008 में पिता राजेंद्र की मौत हो गई और पूरे परिवार की दशा दिशा ही बदल गई।
शिवा के पिता राजेंद्र की मौत के बाद दोनों बहनों को पानी की जिम्मेदारी उनकी मां अंजलि के कदमों पर आ गई। मां अंजलि ने घर के कामकाज के अलावा सिलाई का काम करना शुरू किया।
दोनों बहनों ने खुद की स्कूलिंग पूरी करने से पहले ही घर पर छोटी क्लास के बच्चों को ट्यूशन पढ़ाना शुरू कर दिया। उदयपुर में रहकर ही शिवा ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की।
इसके बाद उन्होंने भारतीय सेना नौसेना और वायु सेना में जाने के लिए तैयारी करना शुरू कर दिया। संयोग भी ऐसा हुआ कि एक साथ तीनों परीक्षाओं में शिवा का चयन हो गया।
जिसके बाद शिवानी इंडियन आर्मी चुनी। शिवा को पहली पोस्टिंग लेह में मिली। इसके बाद 2 जनवरी को उन्हें सियाचिन ग्लेशियर पर भेज दिया।
यह बॉर्डर भारत पाकिस्तान और भारत चीन सीमा का सबसे ऊंचा युद्ध क्षेत्र है। करीब 15 हजार से ज्यादा सैनिक यहां सुरक्षा व्यवस्था संभाले हुए हैं। यहां ज्यादातर समय तापमान शून्य से भी करीब 50 डिग्री नीचे रहता है।