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मुकेश अंबानी की Jio को चीन के खिलाफ अमेरिका ने बनाया हथियार, ट्रम्प के दाएं हाथ ने जमकर की तारीफ
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हुवेई को टक्कर दे सकती है जियो
अमेरिका चीनी टेलिकॉम कंपनी हुवेई के दुनिया में बढ़ते प्रभाव को कम करना चाहता है। ऐसे समय में पोम्पियो का यह बयान काफी मायने रखता है। मुकेश अंबानी को इसका काफी फायदा मिल सकता है और भारत के साथ ही जियो की पहुंच ग्लोबल मार्केट में हो सकती है। उल्लेखनीय है कि कोरोना महामारी के संकट भरे समय में जियो में सबसे ज्यादा निवेश हुआ है। दुनिया भर के बड़े निवेशकों ने जियो में 1.68 करोड़ रुपए का निवेश हुआ और रिलायंस इंडस्ट्रीज तय लक्ष्य से पहले ही कर्जमुक्त हो गई।
अमेरिका ने हुवेई पर लगाया जासूसी का आरोप
हुवेई और ZTE टेलिकॉम कम्पोनेंट तैयार करने वाली प्रमुख चीनी कंपनियां है, जिनका कारोबार दुनिया के कई बड़े देशों में फैला हुआ है। पिछले दिनों हुवेई पर जासूसी करने का आरोप लगा कर अमेरिका ने उसे ब्लैकलिस्ट कर दिया था। अमेरिका ने भारत से भी कहा है कि वह 5 जी ट्रायल से इस कंपनी को दूर रखे।
भारत के लिए अहम है पोम्पियो का बयान
अभी लद्दाख में चीन और भारत के सैनिकों को बीच हुई हिंसक झड़प के बाद देश में चीन के खिलाफ गुस्सा भड़का हुआ है। चीनी सामानों के बहिष्कार की मांग उठ रही है। भारत सरकार चीन से हुए कई अहम व्यापारिक और निर्माण समझौतों को रद्द कर रही है। ऐसे समय में, पोम्पियो का जियो को लेकर आया बयान काफी मायने रखता है।
पोम्पियो के बयान से बढ़ा जियो का कद
पोम्पियो का बयान आने के बाद जियो का कद बढ़ा है। इसे भारत की सबसे बड़ी टेलिकॉम कंपनी तो माना ही जा रहा है, यह दुनिया की बड़ी टेलिकॉम कंपनियों नोकिया, हुवेई, क्वॉलकॉम, वेरिजॉन और AT&T की लीग में शामिल हो गई है।
जियो में नहीं होता चीनी कम्पोनेंट का इस्तेमाल
मुकेश अंबानी का कहना है कि रिलायंस जियो चीन से कुछ भी नहीं लेता। मोबाइल और स्मार्टफोन के बिजनेस में भारत ही नहीं, दुनिया के तमाम बड़े देशों को चीन से सामान लेना पड़ता है, लेकिन अंबानी ने दावा किया कि उन्होंने जियो का कोई कम्पोनेंट चीन से नहीं लिया।
कम हो रहा हुवेई का असर
पोम्पियो ने कहा है कि हुवेई पूरी दुनिया के टेलिकॉम ऑपरेटर्स के साथ मिल कर काम करता है, लेकिन अब उसका प्रभाव कम होता जा रहा है। कंपनियां 5G नेटवर्क की शुरुआत करने के लिए सिर्फ विश्वसनीय कंपनियों की सर्विस ले रही हैं। उन्होंने इस संदर्भ में चेक रिपब्लिक, डेनमार्क, स्वीडन और कुछ दूसरे देशों का उदाहरण दिया।
डोनाल्ड ट्रम्प से मुलाकात में कही ये बात
मुकेश अंबानी ने जब अमेरिकी राष्ट्पति डोनाल्ड ट्रम्प से मुलाकात की थी, तो उन्होंने जियो में 5G नेटवर्क के बारे में सवाल किया था। मुकेश अंबानी ने तब ट्रम्प से कहा था कि इस दिशा में काम हो रहा है। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा था कि रिलायंस जियो दुनिया की पहली ऐसी कंपनी है, जिसमें चीन के किसी कम्पोनेंट का इस्तेमाल नहीं हुआ है।
इन देशों ने भी रखा है चीनी कंपनियों को दूर
रिलायंस जियो ने चीनी कंपनियों को दूर तो रखा ही है, दुनिया के कुछ और देशों ने अपने 5G प्रोजेक्ट से चीनी कंपनियों को अलग रखा है। इनमें जापान, ताइवान, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और अमेरिका जैसे देश शामिल हैं।