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कोरोना की तीसरी लहर का लोगों को सता रहा डर, जानें किसको सबसे ज्यादा खतरा और कब तक आएगी वैक्सीन
कोरोना की दूसरी लहर काफी खतरनाक साबित हो रही है। पिछले 24 घंटे में 4.14 लाख कोविड के नए मामले सामने आए हैं। इस महामारी से देशभर में हाहाकार मचा हुआ है। इसी बीच अब कोरोना की तीसरी लहर ने भी सभी को डरा दिया है। इसमें बच्चों को ज्यादा खतरा बताया जा रहा है। ऐसे में लोगों को डरने की नहीं बल्कि अलर्ट रहने की जरूरत है और खुद को तैयार रखने की जरूरत है।
| Published : May 07 2021, 11:59 AM IST / Updated: May 07 2021, 12:48 PM IST
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इतनी उम्र के बच्चों को है ज्यादा खतरा- रिपोर्ट्स
रिपोर्ट्स की मानें तो कोरोना की पहली लहर में अधिकतर 50 साल से ज्यादा उम्र के लोग कोविड-19 से संक्रमित हुए थे, तो 2021 में आई दूसरी लहर में 31 से 50 साल की एज ग्रुप के लोग शामिल थे। वहीं, अब तीसरी लहर को लेकर कहा जा रहा है कि इसमें 6-12 साल के बच्चों को ज्यादा खतरा है।
इस उम्र के बच्चों के लिए नहीं कोरोना वैक्सीन
रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि कोरोना की आने वाली लहर में बताया जा रहा है कि इसमें सबसे ज्यादा खतरा उन लोगों को है, जिन्होंने वैक्सीनेशन नहीं लिया है। इसमें सबसे बड़ा रिस्क 18 साल से कम की उम्र के बच्चों को है। क्योंकि कहा जा रहा है कि 18 से कम उम्र के बच्चों के लिए वैक्सीनेशन नहीं है। इस कैटेगरी की देश में कुल आबादी 30% है। इस आबादी में वायरस से लड़ने हर्ड इम्यूनिटी तब तक तैयार नहीं हो सकती है जब तक कि वैक्सीनेशन नहीं लग जाता।
वैक्सीन के लिए 3 महीने और भी करना पड़ सकता है इंतजार
देश में कोरोना महामारी को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। ऐसे में तीसरी लहर को लेकर सभी के मन में वैक्सीनेशन को लेकर सवाल है कि ये कब तक बनेगी। अगर ये पाइपलाइन में है तो इसका कितना इंतजार करना होगा। ऐसे में एक्सपर्ट्स के हवाले से कहा जा रहा है कि ऐसी वैक्सीन के पीडिएट्रिक ट्रायल में ज्यादा वक्त नहीं लगेगा। कहा जा रहा है कि सरकार से अगर ग्रीन सिग्नल मिल जाए तो इसे 3 महीने यानी की 90 दिनों के अंदर तैयार किया जा सकता है।
महाराष्ट्र में बनाए जा रहे पीडिएट्रिक कोविड केयर वार्ड
कोरोना की तीसरी लहर को लेकर महाराष्ट्र सरकार एक्टिव हो गई है। इसके लिए वो तैयारी में भी जुट चुकी है। जुलाई से सितंबर तक कोविड की तीसरी लहर के आने की बात कही जा रही है। इसीलिए सरकार राज्य में लोगों की सुरक्षा को देखते हुए पीडिएट्रिक कोविड केयर वॉर्ड बनाने की तैयारी कर रही है। इसमें Neonatal Intensive Care Unit (NICU) और Pediatric Intensive Care Unit (PICU) की सुविधा वाले अलग कोविड वार्ड बनाए जाएंगे। राज्य में हर जिले के कलेक्टर और नगर पालिका को निर्देश दे दिए गए हैं।
18-44 साल के लोगों को लगाया जा रहा है टीका
देशभर में 1 मई से 18-44 साल के लोगों को वैक्सीनेशन दिया जा रहा है। देशभर में 45 साल से ऊपर की कुल आबादी में 31% लोगों को पहला टीका लगाया जा चुका है।