उद्धव को जिस 'भाई' की वजह से मिली थी मनपसंद पत्नी, बाद में उसी का करियर कर दिया बर्बाद!
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उद्धव ठाकरे का जन्म 27 जुलाई 1960 को हुआ था। उनके पिता का नाम बाल ठाकरे और मां का नाम मीना ठाकरे था। उनकी पढ़ाई-लिखाई महाराष्ट्र में ही हुई।
ठाकरे परिवार में उद्धव पहले ऐसे शख्स हैं, जो किसी राजनीति पद पर बैठे। इससे पहले बाला साहब ठाकरे हों या राज ठाकरे, कोई भी राजनीतिक पद पर नहीं बैठा।
हालांकि, पहली बार राज्य की सत्ता में राजनीतिक पद पर बैठे उद्धव ठाकरे अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए और उन पर खुद उनकी ही पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने गंभीर आरोप लगाए।
चर्चा यह भी रही कि उद्धव ठाकरे को सीएम की कुर्सी तक पहुंचाने में उनकी पत्नी रश्मि ठाकरे ने अहम भूमिका निभाई थी। ऐसे में पद से इस तरह हटाए जाने का दुख उन्हें सबसे अधिक है। उनकी ओर से इस पूरे घटनाक्रम पर अब तक कोई टिप्पणी भी नहीं आई है।
रश्मि का जन्म उसी ठाणे के डोंबिबली में हुआ, जहां एकनाथ शिंदे का दबदबा रहा है और उन्होंने ही उद्धव को कुर्सी से हटाने में अहम भूमिका निभाई। शादी से पहले उनका पूरा नाम रश्मि पाटनकर था।
उनके पिता माधव पाटनकर व्यवसायी थे। रश्मि ने वाजे-केलकर कॉलेज से स्नातक किया है। उनकी मां गृहणी थीं। ससुराल में आने के बाद रश्मि भी पारिवारिक मूल्यों और संस्कारों के प्रति समर्पित रही हैं।
उद्धव ठाकरे और रश्मि पाटनकर की शादी 1989 में हुई थी। दोनों के दो बेटे हैं आदित्य ठाकरे और तेजस ठाकरे। रश्मि और उद्धव की शादी में राज ठाकरे और उनकी बहन जयजयवंती ने अहम भूमिका निभाई थी।
उद्धव ठाकरे को पहली बार 2002 में बीएमसी चुनाव में शिवसेना का चुनाव अभियान प्रभारी बनाया गया था और इसमें पार्टी ने जीत हासिल की थी। इसके बाद अगले साल 2003 में उन्हें पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बना दिया गया।
यहीं से उद्धव ठाकरे और उनके चचेरे भाई राज ठाकरे के बीच संबंधों में दीवार खड़ी हो गई, जो आगे चलकर और बड़ी तथा मजबूत ही होती गई। इसका नतीजा यह हुआ कि राज ठाकरे ने वर्ष 2006 में अपनी पार्टी बना ली।
राज ने शिवसेना से अलग होकर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना का गठन किया, जबकि 2012 में बाल ठाकरे के मरने के बाद उद्धव ने वर्ष 2013 में शिवसेना की कमान संभाल ली और तब से यह उन्हीं के पास है।