जिसे कूड़ा समझकर लोगों ने फेंक दिया, उसी को बटोरकर ये व्यक्ति बना बिजनेसमैन, लाखों कमा रहा
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साल 2011 में की थी शुरुआत
देवी प्रसाद ने साल 2011 में फेंके गए नारियल के गोले से उपयोगी सामान बनाने की शुरुआत की। उन्होंने घर में इस्तेमाल होने वाले सामान बनाए और स्थानीय लोगों के बेचने के अलावा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी अपने बनाए प्रोडक्ट को बेचना शुरू किया।
उन्होंने कहा कि मैंने माइक्रो, स्मॉल और मीडियम इंटरप्राइजेज के लिए रजिस्ट्रेशन किया है। इसके जरिए मुझे एग्जीबीशन में स्टॉल लगाने का भी मौका मिलता है।
5000 से लेकर 5 लाख तक के प्रोडक्ट
उन्होंने कहा, मैंने सभी इस्तेमाल किए गए खराब नारियल के गोले को इकट्ठा करने का फैसला किया। इसके बाद उनसे यूनिक ज्वैलरी, घरेलू सजावटी सामान और अन्य जानवरों को बनाना शुरू किया। मैं मोर सहित कई जंगली जानवरों और ज्वैलरी को पेंट करने के लिए अलग से ट्रेनिंग ली। मेरे पास नारियल के गोले से बनाए हुए 5,000 रुपए से लेकर 5 लाख रुपए तक के प्रोडक्ट हैं।
ट्रेनिंग के लिए दूसरे राज्यों से आते हैं लोग
देवी प्रसाद ने बताया, वे सिर्फ खुद से सामान बनाकर बेचते ही नहीं हैं बल्कि अब वे एक टीचर की भूमिका भी निभाते हैं। उन्होंने कहा कि मैं स्थानीय लोगों सहित दूसरे राज्यों के लोगों को ट्रेनिंग भी देता हूं। मैंने भुवनेश्वर में अपने घर में ही एक ट्रेनिंग सेंटर शुरू किया है, जहां लोगों को MSME को लेकर ट्रेनिंग देता हूं।
MSME का मतलब सूक्ष्म, लघु और मध्यम ग्रुप का बिजनेस करने से है। ये देश के जीडीपी में लगभग 29% का योगदान करते हैं। MSME सेक्टर देश में रोजगार का सबसे बड़ा जरिया है।