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इस देश में हर जगह इंटरनेट बंद, नहीं आ रहें फोन सिग्नल, ऐसा संकट आया कि प्रधानमंत्री तक को बनाया गया बंदी
खार्तूम. सूडान (Sudan) में तख्तापलट के बाद प्रधानमंत्री अब्दुल्ला हमदोक (Abdalla Hamdok) को घर में ही नजरबंद कर लिया गया है। पीएम के मीडिया सलाहकार सहित कई मंत्रियों को भी बंदी बना लिया गया है। तख्तापलट (Sudan coup) के बाद भारी अव्यवस्था फैल गई है। सड़कों पर आगजनी की जा रही है। लोग परेशान और डरे हुए हैं। इधर-उधर भाग रहे हैं। सैनिकों ने कैबिनेट के अधिकांश सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है और बड़ी संख्या में सरकार का समर्थन करने वाले पार्टी के नेताओं को नजरबंद कर दिया गया है। तस्वीरों में देखें तख्तापलट के बाद सूडान का क्या हाल है...?
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राज्यपाल भी किए गए गिरफ्तार
सैनिकों ने चार कैबिनेट मंत्रियों, कई राज्य के राज्यपालों और पार्टी के नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया है। सड़कों पर अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्स सड़कों पर तैनात है। कुछ टीवी चैनल के मुताबिक, खार्तूम एयरपोर्ट को बंद कर दिया गया है और अंतरराष्ट्रीय उड़ानें भी रद्द कर दी गई हैं।
सूडान में तख्तापलट के बाद की कई तस्वीरें वायरल हो रही हैं, जिसमें प्रदर्शनकारियों को सड़कों को रोकते हुए और टायरों में आग लगाते हुए दिखाया गया है। सुरक्षा बलों ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया। सूडान के सूचना मंत्रालय ने कहा कि देश भर में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं और खार्तूम को जोड़ने वाली मुख्य सड़कें और पुल बंद कर दिए गए।
अलजजीरा की एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश में फोन सिग्नल भी नहीं काम कर रहे हैं। इस वजह से देश में क्या हो रहा है, उसे लेकर ज्यादा सूचनाएं नहीं आ पा रही हैं। हालांकि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में वहां की तस्वीरें सामने आई हैं जो बहुत ज्यादा डराने वाली हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये घटना हॉर्न ऑफ अफ्रीका के लिए अमेरिकी राजदूत जेफरी फेल्टमैन के खार्तूम में सेना और नागरिक नेताओं से मुलाकात के एक दिन बाद हुई। जेफरी फेल्टमैन दोनों पक्षों को समझाने के लिए खार्तूम पहुंचे थे। लेकिन वहां बात नहीं बनी।
तख्तापलट क्यों किया गया?
उत्तरी अफ्रीकी देश सूडान में राजनीतिक संकट आया हुआ है। यहां के पीएम अब्दुल्ला हमदोक को सुरक्षा बलों ने हिरासत में ले लिया है। दरअसल लंबे समय तक शासन में रहे पूर्व तानाशाह उमर अल बशीर को साल 2019 में सत्ता से हटा दिया गया था। उमर अल बशीर को सत्ता से हटाए जाने के बाद शासन चलाने के लिए एग्रीमेंट हुआ, जिसमें ऐसी सरकार चलाने पर सहमति बनी, जिसमें सेना, नागरिक प्रतिनिधि और विरोध प्रदर्शन करने वाले समूह शामिल होंगे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। देश की हालत दिन ब दिन खराब होती जा रही है। इसके लिए लोगों ने सरकार को जिम्मेदार ठहराया। गुस्साएं लोगों ने सड़क पर उतरकर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। नागरिकों ने सेना से तख्तापलट की अपील की। इस बीच सूडान के पीएम अब्दुल्ला हमदोक को हिरासत में ले लिया गया।
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