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इंसान से लेकर जानवर तक दिल्ली की इस बाढ़ ने सबको किया तबाह, 10 फोटो में देखिए कैसे डूबा गरीबों का आशियाना
ट्रेंडिंग डेस्क। दिल्ली की गर्मी मशहूर है। सर्दी भी मशहूर है, मगर इस बार तो मानसून के कारण बाढ़ जैसी भयावह स्थिति बन गई है। यहां यमुना नदी खतरे के निशान को भी पार कर गई है। इसके साथ ही नदी के आसपास के इलाके में रहने वाले इंसान और जानवर दोनों मुसीबत में आ गए हैं। यह स्थिति बनी है सितंबर महीने में हुई जोरदार बारिश के कारण। लोग इस बारिश के पानी से जूझ ही रहे थे कि हथिनी कुंड बैराज से भी यमुना में पानी छोड़ दिया गया, जिसके बाद हालात बद से भी बद्तर हो गए। गरीबों के सामान, जानवर यहां तक कि घर भी डूब गया। प्रशासन ने कुछ जगह अस्थायी शिविर बनाए हैं, मगर यहां अव्यवस्था लोगों के लिए और भी ज्यादा परेशानी का सबब बनी हुई है। आइए तस्वीरों में देखते हैं दिल्ली के बाढ़ का खौफनाक मंजर।
| Published : Sep 29 2022, 02:19 PM IST
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इस साल सितंबर में दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में जोरदार बारिश हुई हुई। बारिश थम गई और मौसम खुशनुमा हो गया। इससे कई लोगों ने राहत की सांस ली।
वैसे, यही बारिश अब कई लोगों के लिए मुसीबत का सबब बन गई है। दिक्कत ये है कि बारिश की वजह से दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर बढ़ गया है।
यमुना नदी के आसपास निचले इलाके में रहने वाले लोगों के घर इस पानी में डूब चुके हैं। लोग सामान तो नहीं बचा सके, मगर घर बचाने के लिए लोगों को सब कुछ छोड़कर जाना पड़ा।
वहीं, प्रशासन ने भी यमुना नदी में जलस्तर बढ़ने और पानी खतरे के निशान से ऊपर होकर बहने पर लोगों को अलर्ट कर दिया है और तुंरत इलाका खाली करने को कहा है।
यही नहीं, नदी का पानी बढ़ जाने से पुराने यमुना पुल से ट्रेनों की आवाजाही को डायवर्ट कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि अभी पानी और बढ़ सकता है।
दरअसल, बारिश के पानी के साथ-साथ हथिनी कुंड बैराज से छोड़े गए पानी ने भी यमुना के जलस्तर को बढ़ाने में मदद की और ऐसे में दिल्ली के कई इलाके डूब गए।
हालांकि, प्रशासन का दावा है कि निचले इलाकों और डूब क्षेत्र में रह रहे लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है और राहत शिविर में भेज दिया गया है।
वहीं, जो लोग इस बाढ़ से प्रभावित हुए हैं, उनके घर-सामान के साथ-साथ जानवरों पर भी असर पड़ा है। प्रशासन अभी लगातार लोगों को सावधान कर रहा है।
प्रशासन का कहना है कि हथिनी कुंड बैराज से इस बार यमुना नदी में करीब तीन लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। यह पानी दिल्ली के शहरी क्षेत्रों में जल्द पहुंचेगा।
यही नहीं, प्रशासन ने लोगों को अलर्ट करते हुए नदी की ओर जाने से मना किया है और मछुआरों को नाव या स्टीमर चलाने से मना कर दिया है।