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खुद से 8 साल छोटी सुधा मूर्ति के पैर छूकर अमिताभ ने लिया आशीर्वाद, बनीं KBC की आखिरी मेहमान
मुंबई। 'कौन बनेगा करोड़पति' का 11वां सीजन खत्म होने वाला है। करीब 103 दिनों से चल रहे इस सीजन का आखिरी एपिसोड 29 नवंबर को प्रसारित होगा। इस कर्मवीर एपिसोड में इन्फोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति की पत्नी और पद्मश्री से सम्मानित सुधा मूर्ति नजर आएंगी। सुधा मूर्ति जैसे ही शो के सेट पर पहुंचीं तो अमिताभ बच्चन ने पैर छूकर उनका स्वागत किया। ये देख सुधा मूर्ति ने हाथ उठाकर बिग बी को आशीर्वाद दिया। बता दें कि सुधा मूर्ति उम्र में अमिताभ बच्चन से 8 साल छोटी हैं। बिग बी 77 साल के हो चुके हैं, जबकि सुधा मूर्ति अभी 69 साल की हैं। सुधा मूर्ति इन्फोसिस फाउंडेशन की चेयरपर्सन हैं।
| Published : Nov 28 2019, 08:53 PM IST / Updated: Nov 28 2019, 08:54 PM IST
खुद से 8 साल छोटी सुधा मूर्ति के पैर छूकर अमिताभ ने लिया आशीर्वाद, बनीं KBC की आखिरी मेहमान
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तुमने इंजीनियरिंग की तो समाज में अच्छा लड़का नहीं मिलेगा : शूटिंग के दौरान सुधा ने बिग बी को बताया कि वे हुबली (कर्नाटक) से इंजीनियरिंग करने वाली पहली और 599 लड़कों के साथ पढ़ने वाली इकलौती लड़की थीं। उन्हें अपने करियर के लिए काफी स्ट्रगल करना पड़ा। सुधा मूर्ति के मुताबिक, "1968 में मैंने इंजीनियरिंग करने का मन बनाया। मेरे पिता प्रोफेसर और मां शादी से पहले स्कूल टीचर थीं। मुझे साइंस में इंटरेस्ट था, इसलिए मैंने सोचा कि इंजीनियरिंग करनी चाहिए। हालांकि मेरी दादी इसके खिलाफ थीं। वो कहती थीं कि अगर तुमने इंजीनियरिग कर ली तो हमें तुम्हारे लिए अपने समाज में अच्छा लड़का नहीं मिलेगा।"
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मैंने तय कर लिया था कि मुझे क्या करना है : सुधा मूर्ति के मुताबिक, "मेरे फादर को लगता था कि मैं कंसल्टिंग डॉक्टर के रूप में अच्छा करूंगी, क्योंकि मेरा कम्युनिकेशन स्किल बहुत अच्छा था। लेकिन मां को लगता था कि मुझे मैथमैटिशियन होना चाहिए। वहीं कुछ लोगों का मानना था कि लड़की का इंजीनियरिंग करना क्या ठीक होगा। हालांकि मैंने तय कर लिया था कि मुझे क्या करना है।
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कॉलेज में प्रिंसिपल ने रख दी थीं तीन शर्तें : सुधा मूर्ति के मुताबिक, कॉलेज में प्रिंसिपल ने उनके सामने 3 शर्तें रखी थीं । इसमें पहली थी साड़ी पहनना, दूसरी कैंटीन मत जाना और तीसरी लड़कों से बात ना करना। मैंने प्रिंसिपल की पहली शर्त मान ली और साड़ी ही पहनती थी। कैंटीन का खाना अच्छा नहीं था तो मैं वैसे भी वहां भी नहीं जाती थी। फिर जब एक साल पूरा हो गया तो लड़कों को पता चला कि क्लास में मेरी फर्स्ट रैंक है तो वो खुद ही मुझसे बात करने लगे।
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60 हजार लाइब्रेरी बनवा चुकीं हैं सुधा : इससे पहले, इन्फोसिस फाउंडेशन की चेयरपर्सन सुधा मूर्ति के बारे में परिचय देते हुए बिग बी ने कहा- "समाज में मूल सुविधाओं से वंचित अंडरप्रिविलेज लोगों के उत्थान, उनकी आत्मनिर्भरता और उनके कल्याण के लिए समर्पित एक साधारण जीवन बिताने वाली असाधारण समाजसेविका, जो एक टीचर और जानी-मानी लेखिका भी हैं। इन्होंने इन्फोसिस फाउंडेशन के जरिए 60 हजार लाइब्रेरी की स्थापना की है।"
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16 हजार टॉयलेट भी बनवाए : इतना ही नहीं सुधा मूर्ति ने यह भी बताया कि कॉलेज के दौरान ही उन्हें टॉयलेट कितना जरूरी है, इसके बारे में अहसास हुआ। इसके बाद उन्होंने करीब 16 हजार शौचालय भी बनवाए।