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वेब सीरिज में सरेआम गालियां देने पर भड़के तारक मेहता के जेठालाल, बोले- रियलिटी के नाम पर कुछ भी परोस रहे
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दिलीप जोशी ने एक उदाहरण देते हुए कहा- मैंने हाल ही में 'बंदिश बैंडिट्स' देखी। यह बेहतरीन वेब सीरिज है और इसमें शंकर-अहसान-लॉय का शानदार म्यूजिक और कलाकारों की बेहतरीन परफॉर्मेंस है। लेकिन इसमें एक ऐसा किरदार है, जो गालियां देने में सहज महसूस नहीं करता। ये सब देखना खराब लगता है।
मैं नहीं जानता कि इस तरह के शब्दों के इस्तेमाल के लिए कोई शर्त होती है लेकिन लेकिन गालियों के इस्तेमाल के बिना भी आप अच्छा काम कर सकते हैं। जैसे राज कपूर जी, ऋषिकेश मुखर्जी जी और श्याम बेनेगल जी ने किया है। उन्हें कभी महसूस नहीं हुआ कि अपनी फिल्मों में गाली को शामिल किया जाए।
दिलीप जोशी ने आगे कहा- अगर आप वाकई रियलिटी ही दिखाना चाहते हैं तो फिर इसके नाम पर लोगों का टॉयलेट जाते और नहाते भी दिखा दो। ऑडियंस को आप क्या दिखाना चाहते हैं, ये चीज मायने रखती है। आप जो देखते हैं, वह आपके साथ रह जाता है। क्या आप ऐसा समाज बनाना चाहते हैं, जहां लोग सिर्फ गाली देकर बात करते हों।
जोशी ने आगे कहा- हर चीज की एक सीमा होती है। अगर कोई चीज सीमा में है तो वह आनंद उठाने के लायक होती है। लेकिन अगर वहीं सीमा से बाहर हो जाए तो फिर आपके लिए परेशानी का कारण भी बन सकती है।
मैं जानता हूं कि समय के साथ बदलना और आगे बढ़ना भी बहुत जरूरी है। लेकिन क्या गाली देने से हमारा विकास होगा या हम आगे बढ़ेंगे। जो वेस्टर्न कंट्रीज में हो रहा है, उसे आप अपने यहां देखना चाहते हैं। पश्चिम के लोग तो खुद पूरब की संस्कृति की ओर देख रहे हैं। हमारे देश की संस्कृति और परम्पराएं सबसे पुरानी हैं।
जोशी ने कहा- हमारी संस्कृति में बहुत सी चीजें बेहतरीन हैं। यह जाने बगैर आप पश्चिम को फॉलो कर रहे हैं। वे अपने कल्चर में F शब्द का इस्तेमाल बहुत करते हैं। इसलिए उनके शोज और कंटेंट में यह अननेचुरल नहीं लगता। लेकिन यहां ऐसा नहीं है। क्या आप अपने माता-पिता से इस तरह से बात करते हैं।
बता दें कि स्टैंडअप कॉमेडियन सौरभ पंत के स्पेशल पॉड-कास्ट में अपने शो 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' पर बात करते हुए जेठालाल ने कहा था कि हर दिन एपिसोड डिलीवर करने के चक्कर में शो के राइटर्स पर भी काफी दवाब है, जिसका असर शो की गुणवत्ता पर साफ दिखाई दे रहा है।