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मिलिए रामायण के जामवंत से, रियल लाइफ में हैं 6 भाई-बहन; ऐसे मिला था करियर का यादगार रोल
मुंबई। कोरोना (Corona) महामारी की दूसरी लहर की वजह से देश में जैसे सुनामी आ गई है। आम लोगों से लेकर कई बॉलीवुड सेलेब्स अब तक अपनी जान गंवा चुके हैं। दहशत के बीच राज्य सरकारों ने देश भर में लॉकडाउन लगा रखा है। बता दें कि पिछलके साल लॉकडाउन के दौरान रामायण (Ramayan) में जामवंत (Jamvant) का किरदार निभाने वाले राजशेखर उपाध्याय भी यूपी में भदोही जिले के गांव हरिहरपुर में फंसे हुए हैं।
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राजशेखर के मुताबिक, मार्च, 2020 के पहले सप्ताह से कोरोना वायरस को लेकर खबरें आने लगी थीं। इसका असर शूटिंग पर भी पड़ने लगा था। मार्च में ही वो कुछ दिनों के लिए अपने गांव आए हुए थे। इसी दौरान लॉकडाउन की घोषणा हो गई और उसके बाद से वो यहीं फंस गए।
राजशेखर मुंबई के नालासोपारा में रहते हैं। वो कुछ दिनों के लिए गांव आए थे, लेकिन लॉकडाउन की वजह से अब कहीं जा नहीं सकते। जैसे ही लॉकडाउन खत्म होगा, वैसे ही वो अपनी कर्मभूमि की ओर लौटेंगे।
राजशेखर जब पहली बार मुंबई पहुंचे तो वहां उन्होंने अपनी सिक्योरिटी एजेंसी शुरू की थी। इसी दौरान उन्हें एक फिल्म 'ठाकुर शेर सिंह' में काम करने का मौका मिला। हालांकि वो फिल्म बाद में पोस्टपोन हो गई।
राजशेखर कॉलेज के दिनों से ही रंगमंच से जुड़े थे। जब वह बनारस में पढ़ाई करते थे तो रामनगर की मशहूर रामलीला में हिस्सा भी लिया करते थे। राजशेखर स्कूल के दिनों से ही नाटकों में काम करने लगे थे और पहली बार उन्होंने किसी नाटक में जादूगर का रोल निभाया था।
राजशेखर के मुताबिक, रामानंद सागर जी का पहला सीरियल था विक्रम और बेताल। उसी दौरान मैंने एक ड्रामा बनाया था, जिसे देखकर आनंद सागर ने मुझे बुलाया और विक्रम बेताल में साइन कर लिया।
इसके बाद रामायण शुरू होना था, जिसमें विक्रम बेताल के कई कलाकारों का सिलेक्शन हुआ। मुझे पहले विभीषण का रोल दिया गया था, लेकिन बाद में मेरे लिए जामवंत का रोल फाइनल हुआ।
राजशेखर उपाध्याया यानी जामवंत तीन भाई और तीन बहन हैं। सबसे बड़े लक्ष्मीकांत, दूसरे राजशेखर और तीसरे कमलाकांत उपाध्याय हैं। पिता जमींदार थे और आज भी गांव में काफी खेती-बाड़ी है।
राजशेखर ने रामायण में जामवंत के साथ ही श्रीधर का किरदार भी निभाया था। श्रीधर वही हैं, जिन्होंने मुनि वशिष्ठ को राज्याभिषेक के लिए निमंत्रण दिया था और राम के राज्याभिषेक के समय सारी औपचारिकताएं भी पूरी की थीं।