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महाभारत के युधिष्ठिर पर भीष्म पितामह का पलटवार, बोले- सब जानते हैं कि ये कैसे रवि चोपड़ा की चापलूसी करते थे
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इसके बाद गजेंद्र चौहान ने मुकेश खन्ना को लेकर कहा था कि वे पॉपुलर लोगों पर कमेंट कर लाइमलाइट में आना चाहते हैं। साथ ही मुकेश खन्ना पर तंज कसते हुए उन्हें मिस्टर भीष्म पितामह कहा। इतना ही नहीं, गजेंद्र चौहान ने कहा- मिस्टर भीष्म पितामह आपने महाभारत में कोई पीएचडी नहीं की है, जो कि सारा ज्ञान आपको ही है। भीष्म पितामह खुद को महाभारत का वेद व्यास समझने लगे हैं। अब मुकेश खन्ना ने भी सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए एक बार फिर गजेंद्र चौहान पर हमला बोला है।
मुकेश खन्ना ने अपनी पोस्ट में लिखा, ''कलियुग के धर्मराज का नाम अधर्मराज कर देना चाहिए। द्वापर के धर्मराज सत्य बोलते थे धर्म का साथ देते थे। आज का अधर्मराज बेतुकी, बिना तर्क संगत बातें कहता है। अपने समर्थन में बेमतलब कहावतें सुनाता है। फिल्मी डायलॉग बोलता है... 'जो शीशे के घर में रहते हैं वो दूसरों पर पत्थर नहीं फेंकते।''
पहले राज कुमार जैसी डायलॉग डिलीवरी बनाओ फिर उनके डायलॉग बोलो। 'मुकेश खन्ना को अंगूर नहीं मिले तो उसे खट्टा कह रहे हैं' लगता है इन्हें अंगूरी पसंद है इसलिए अंगूर मिलने पर ये अति प्रसन्न हो गए। 'जिस FTII में तुम स्टूडेंट थे उसका मैं चेयरमैन रह चुका हूं'। वाह रे चेयरमैन!!!''
मुकेश खन्ना ने आगे कहा- ''कैसे चेयरमैन बने, कुर्सी पकड़ कर बैठ गए इसका दर्शन पूरा जग TV पर कर चुका है। एक बार इन्होंने मुझसे कहा था मुकेश मेरे घर के बाहर आठ दस OB वैन खड़े रहते हैं, इंटरव्यू लेने। कुछ लोग बदनामी को भी नाम मानते हैं। कसूर आज की राजनीति का है, जिसमें घुसने का ये असफल प्रयत्न कर चुके हैं।''
मुकेश खन्ना यहीं नहीं रुके, उन्होंने आगे कहा- ''आज की राजनीति हस्तिनापुर की राजनीति नहीं रही। आज चापलूसी चलती है। जो ये कर रहे हैं। एक ऐसे फूहड़ शो की, जो मुझे हैरानी है इनका भी नहीं। यहां सिर्फ एक पैसेंजर बन कर आए थे। अंगूर पाकर धन्य हो गए और लगे चापलूसी करने शो के प्रोड्यूसर्स की ताकि फ्यूचर में इन्हें फिल्म्स में काम मिले।''
मुकेश खन्ना ने आगे लिखा- ''वैसे ये इनकी फितरत है। महाभारत की यूनिट जानती है कि कैसे ये रवि चोपड़ा की चापलूसी में पूरे घुसे हुए थे। कहते हैं मुकेश खन्ना महाभारत में सिर्फ एक एक्टर था जैसे कि मैं हूं। इन्होंने कोई Phd नहीं की थी। की थी अधर्मराज जी, ये सच है जितनी महाभारत मैंने पढ़ी थी पूरी यूनिट ने नहीं पढ़ी होगी।''
''गूफी मुझसे पूछता था सात्यकी कौन था। मैंने उसे बताया था बहुत अच्छा वक्ता था। इसलिए कृपया महाभारत को लेकर मेरे ज्ञान पर सवाल ना उठाएं। शायद इसीलिए दुनिया कहती है कि मैं न्याय कर पाया भीष्म के रोल के साथ। जो तुम पूरी तरह से नहीं कर पाए। जरूरी नहीं हर कलाकार कहानी को पूरी तरह से जाने।''
मुकेश ने आगे लिखा- ''एकता कपूर की महाभारत में रोनित रॉय ने माथे पर बैंड बांध रखा था। सिकंदर लग रहा था, देवव्रत नहीं। उसने एक इंटरव्यू में कहा था मैं रोल करते वक्त किसी का किया हुआ परफॉर्मेंस नहीं देखता। मैंने मुकेश का भी नहीं देखा। गुड। मैं इम्प्रेस हुआ उसकी इस बात पर। पर महाभारत ग्रंथ तो पढ़ो पुत्र।''
''आज लोग सिर्फ अपने डायलॉग पढ़ते हैं। नई महाभारतों में सब मॉडल्ज लगे, सिक्स पैक लगे। महाभारत 'सास भी कभी बहू' बन गया। इसलिए अधर्मराज जी, मत कहो तुम एक्टर थे, मैं भी एक्टर था। जी नहीं, तुम गजेंद्र चौहान थे मैं मुकेश खन्ना था।''
कपिल शर्मा के शो पर नहीं जाने को लेकर मुकेश खन्ना ने कहा था- गूफी पेंटल ने मुझसे पूछा कि रामायण के बाद वो (शो मेकर्स) लोग हमें इनवाइट करने वाले हैं। मैंने कहा तुम सब जाओ मैं नहीं जाऊंगा। भले ही कपिल का शो पूरे देश में पॉपुलर है, लेकिन मुझे इससे ज्यादा वाहियात शो कोई नहीं लगता। फूहड़ता और डबल मीनिंग जुमलों से भरा हुआ ये शो है, जिसमें मर्द औरतों के कपड़े पहनता है। घटिया हरकतें करता है और लोग हंसते हैं।