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82 साल के TV के 'रावण' को लेकर 'सीता' ने किया ये बड़ा खुलासा, बताया आखिर क्या हुआ था उनकी जिंदगी में
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रामायण में लक्ष्मण का किरदार निभाने वाले सुनील लहरी ने भी अरविंद त्रिवेदी को जन्मदिन की बधाई दी और इंस्टाग्राम पर अरविंद त्रिवेदी की फोटो शेयर कर लिखा- अरविंद त्रिवेदी जी (लंकेश/रावण) को जन्मदिन की हार्दिक बधाई, शुभकामनाएं लंबी, खुशहाल स्वस्थ जिंदगी के लिए।
अरविंद ने एक इंटरव्यू में अपने इस किरदार को पाने की कहानी खुद ही सुनाई थी। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि रावण बनकर दुनियाभर में मशहूर हुए अरविंद ने केवट का किरदार निभाने के लिए ऑडिशन में हिस्सा लिया था। उन्होंने बताया कि जब उन्हें पता चला कि रामानंद सागर रामायण बना रहे हैं और जोर शोर से कास्टिंग कर रहे हैं तो वह ऑडिशन देने के लिए गुजरात से मुंबई आए। रामायण में वो केवट का किरदार निभाना चाहते थे।
इंटरव्यू में अरविंद ने बताया था- कास्टिंग करने वाली टीम में अधिकतर लोग चाहते थे कि रावण का किरदार अमरीश पुरी निभाएं लेकिन जब मैंने केवट के किरदार के लिए ऑडिशन दिया और जब मैं जाने लगा तो मेरी बॉडी लैंग्वेज और एटीट्यूड देखकर रामानंद सागर जी ने कहा- मुझे मेरा रावण मिल गया।
अरविंद बताते हैं कि रावण के रूप में आना उनके लिए आसान नहीं था। उन्होंने बताया कि शूटिंग के लिए तैयार होने में उन्हें पांच घंटे लगते थे। उनकी कॉस्ट्यूम के बारे में बात की जाए तो वह इतनी भारी होती थी कि मुकुट ही केवल दस किलो का हुआ करता था और उस पर उन्हें दूसरे कई आभूषण और भारी-भरकम वस्त्र भी पहनने होते थे।
अरविंद ने बताया था- वह असल जीवन में भगवान राम और भगवान शिव के भक्त हैं। इसलिए जब वह शूटिंग पर जाते थे तो घर से हमेशा भगवान राम की पूजा करते जाया करते थे। इतना ही नहीं क्योंकि उन्हें शूटिंग के दौरान भगवान राम के बारे में बुरे शब्द बोलने होते थे तो वह इस गलती के प्रायश्चित के लिए उपवास रखा करते थे।
अरविंद त्रिवेदी ने करियर की शुरुआत गुजराती रंगमंच से की। उनके भाई उपेंद्र त्रिवेदी गुजराती सिनेमा के चर्चित नाम हैं और गुजराती फिल्मों में एक्टिंग कर चुके हैं। खुद अरविंद ने 300 फिल्मों में काम किया। गुजरात सरकार से लेकर देश भर के और दुनिया भर के कई संस्थानों ने उन्हें पुरस्कृत और सम्मानित किया है। गुजराती व हिंदी फिल्मी में सफल पारी खेल चुको अरविंद अब कई सामाजिक कार्य करने वाली संस्थाओं से भी जुड़े हुए हैं।
एक बार अपने एक लेख में खुद अरविंद त्रिवेदी ने लिखा था कि मुझे इसी भूमिका की वजह से लोकसभा का सदस्य बनने का मौका भी मिला और मेरे लोकसभा सदस्य बनने पर मेरे मित्र राजेश खन्ना ने बड़ी मजेदार टिप्पणी की थी कि भारतीय जनता पार्टी ने राम के नाम पर चुनाव लड़ा और रावण को लोकसभा का टिकट दिया। वे गुजरात के साबरकांठा से सांसद भी रह चुके हैं। 1991 से 1996 के बीच वो बीजेपी से सांसद रहे।