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कभी रेस्त्रां में फर्श साफ और खाना परोसने का काम करती थी Smriti Irani, फिर किस्मत ने ऐसे मारी पलटी
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स्मृति तीन बहनों में सबसे बड़ी हैं। वे बचपन से ही आरएसएस की सदस्य हैं। दरअसल, उनके दादा संघ के कार्यकर्ता थे और उनकी मां उस समय जन संघ (अब भारतीय जनता पार्टी) की सदस्य थीं। स्मृति ने होली चाइल्ड ऑक्जिलियम स्कूल से 12 क्लास तक पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने स्कूल ऑफ लर्निंग (पत्राचार), दिल्ली विश्वविद्यालय में एडमिशन लिया लिया था।
राजनीति में कदम रखने से पहले फैशन इंडस्ट्री का हिस्सा रह चुकी हैं। हालांकि उन्हें राजनीति में अपने पढ़ाई के दिनों से ही दिलचस्पी थी। इस बात का खुलासा खुद स्मृति ने ब्यूटी पेजेंट में किया था। उन्होंने 1998 में फेमिना मिस इंडिया में हिस्सा लिया था।
उन्होंने मिस इंडिया के लिए ऑडिशन दिया और सिलेक्ट हो गईं, लेकिन पिता ने कॉन्टेस्ट में भाग लेने से मना कर दिया। आखिर में मां ने साथ दिया। मां ने किसी तरह पैसों का इंतजाम करके स्मृति को दिया। स्मृति कॉन्टेस्ट में फाइनल तक पहुंचीं, लेकिन जीत नहीं पाईं।
मां को पैसे लौटाने के लिए स्मृति ने नौकरी ढूंढनी शुरू की। जेट एअरवेज में फ्लाइट अटैंडेंट पद के लिए अप्लाई किया, लेकिन सिलेक्शन नहीं हुआ। कई मॉडलिंग ऑडिशन में भी रिजेक्ट हुईं। इसके बाद उन्होंने एक प्रइवेट जॉब की। बता दें कि मॉडलिंग में आने से पहले स्मृति एक फेमस रेस्त्रां में फर्श साफ करने का काम भी किया था।
2000 में स्मृति ने सीरियल आतिश और हम हैं कल आज और कल से छोटे परदे पर एंट्री ली। हालांकि, उन्हें पहचान एकता कपूर के शो क्योंकि सास भी कभी बहू थी से मिली। इस सीरियल में उनके द्वारा निभाया गया तुलसी का किरदार काफी पसंद किया गया और वे घर-घर में इसी नाम से एक आदर्श बहू के रूप में जानी जाने लगी।
इस शो के लिए उन्होंने पांच इंडियन टेलीविजन एकेडमी अवॉर्ड्स, चार इंडियन टेली अवॉर्ड्स और 8 स्टार परिवार अवॉर्ड्स अपने नाम किए थे। स्मृति ने 2001 में पौराणिक सीरियल रामायण में सीता का किरदार भी निभाया। इसके अलावा उन्होंने विरुद्ध (2007-2008), तीन बहूरानियां (2007-2008) और एक थी नायिका (2013) जैसे कई सीरियल्स में भी काम किया है।
स्मृति ने एक इंटरव्यू में बताया था- मैं 20 साल तक टीवी से जुड़ी रही। इसने मुझे इंडियन पॉलिटिक्स में आने का प्लेटफॉर्म दिया और मैं इसके लिए हमेशा टीवी की आभारी रहूंगी। इसके अलावा, एकता कपूर ने मुझे बहुत सपोर्ट किया है। कई लड़कियों के साथ जब मैं उनके यहां ऑडिशन देने गई थी तो मैं टीवी के लिए फिट नहीं थी। टीम के रिजेक्ट करने के बावजूद एकता ने मुझे शो के लिए सेलेक्ट किया।
2003 में स्मृति ने भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन की। इसके अगले साल ही उन्हें महाराष्ट्र की यूथ विंग का वाइस प्रेसिडेंट बना दिया गया। 2004 में उन्होंने चांदनी चौक, दिल्ली से कांग्रेस के कपिल सिब्बल के खिलाफ आम चुनाव लड़ा, लेकिन वे हार गईं। हालांकि, पार्टी में उनके हार्ड वर्क को सराहना मिलती रही। 2010 में स्मृति बीजेपी की राष्ट्रिय सचिव और महिला विंग की अध्यक्ष बनीं। 2014 में बीजेपी ने उन्हें राहुल गांधी के खिलाफ अमेठी से आम चुनाव में उतारा। इस बार भी वे जीतने में असफल रहीं। हालांकि, मोदी सरकार ने उन्हें राज्यसभा सदस्य मनोनीत करते हुए मानव संसाधन और विकास मंत्रालय सौंपा। फिलहाल वे केंद्रीय कपड़ा मंत्री हैं।
मार्च, 2001 में उन्होंने पारसी एंटरप्रेन्योर जुबिन ईरानी से शादी की और इसी साल 2001 में अक्टूबर में उन्होंने बेटे को जन्म दिया, जिसका नाम जोहर रखा। दो साल बाद यानी सितंबर 2003 में वे बेटी जोइश की मां बनीं। स्मृति की एक सौतेली बेटी भी है शानेल (Shanelle)। शानेल, जुबिन और उनकी पहली पत्नी मोना ईरानी की बेटी हैं।