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कोरोना से जंग में CM योगी का एक और मास्टरस्ट्रोक, अब दूसरे राज्यों में फंसे 10 लाख मजदूरों को लाएंगे वापस
लखनऊ(Uttar Pradesh ). कोरोना से चल रही जंग में सीएम योगी ने एक और मास्टरस्ट्रोक खेला है। लॉकडाउन के कारण कोटा में फंसे छात्रों को वापस लाने के बाद सीएम योगी ने अब दूसरे राज्यों में फंसे यूपी के तकरीबन 10 लाख प्रवासी मजदूरों को वापस लाने का फैसला किया है। शुक्रवार को टीम-11 के साथ हुई बैठक में मुख्यमंत्री ने अन्य राज्यों में फंसे मजदूरों व उनके परिवार को वापस लाने के लिए कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि अलग-राज्यों की सरकारों से बात कर इसका पूरा रोडमैप बनाकर तीन दिन में उनके समक्ष पेश किया जाए। सीएम योगी ने ये फैसला लेकर मजदूरों को वापस लाने के मुद्दे पर लगातार सरकार को घेर रही विपक्ष को करारा जवाब दिया है।
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मुख्यमंत्री योगी ने सभी राज्यों में तैनात नोडल अफसरों से मजदूरों की वापसी चरणबद्ध तरीके से कराने के लिए रोडमैप मांगा है।उन्होंने कहा है कि पहले उन लोगों की वापसी की जाए जो लोग अलग-अलग राज्यों में क्वारंटाइन सेंटर में 14 दिन की अवधि पूरी कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें वापस लाकर उनका स्वास्थ्य परीक्षण करवाकर मेडिकल प्रोटोकॉल का पालन करते हुए भी क्वारंटाइन किया जाए।
इसके बाद वे मजदूर आएंगे, जो काम धंधा बंद होने की वजह से अपनी-अपनी जगह फंसे हैं। यूपी में वापसी पर भी मजदूरों का मेडिकल जांच के बाद क्वारंटाइन में रखा जाएगा। घर वापसी के बाद उनके लिए रोजगार की व्यवस्था के भी निर्देश सीएम योगी ने अधिकारियों को दिए हैं।
प्रदेश सरकार के प्रवक्ता व कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री अपने प्रदेश के लोगों को लेकर चिंतित हैं। इसलिए उन्होंने पहले कोटा से छात्रों की घरवापसी करवाई और अब प्रवासी मजदूरों को उनके घर लाने के लिए रोडमैप बनवाने का निर्देश दिया है। सभी मजदूरों की घर वापसी मेडिकल प्रोटोकॉल के तहत होगी।
सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया मजदूरों को घर वापस लाने के बाद मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को 15 लाख रोजगार के अवसर सृजित करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री यूपी से पलायन को रोकने की दिशा में भी काम कर रहे हैं। यूपी पहला राज्य है जो इस तरह का बड़ा फैसला ले रहा है।
लाखों की संख्या में अलग-अलग राज्यों से मजदूरों को लाना सरकार के लिए बड़ी चुनौती होगी। इस समय देश में रोड और रेल सेवाएं भी स्थगित हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री ने अलग-अलग जिलों में तैनात नोडल अफसरों से वहां की सरकार से बात कर यूपी के बॉर्डर तक छोड़ने की व्यवस्था कराने की बात कही है।
प्रदेश की सीमा से यूपी रोडवेज की बस से मजदूरों को उनके गंतव्य तक पहुंचाया जाएगा। मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि निश्चित ही यह एक बड़ी चुनौती है। लेकिन हम आठ हजार छात्रों को कोटा से निकालकर लाए हैं और सफलता पूर्वक उन्हें घर पहुंचाया गया है। इसलिए अधिकारियों को रोडमैप तैयार करने को कहा गया है। जो भी कार्य योजना बनेगी उसी अनुसार सभी को लाया जाएगा।
गौरतलब है कि लॉकडाउन के दौरान अभी तक तकरीबन पांच लाख मजदूर यूपी में आ चुके हैं। एक अनुमान के मुताबिक देश के अलग-अलग राज्यों में अभी भी 10 लाख मजदूर फंसे हैं।
सीएम योगी द्वारा कोटा से बच्चों को वापस लाने के बाद विपक्ष लगातार मजदूरों के मुद्दे पर सरकार को घेरने की कोशिश की थी। अब सीएम योगी का ये फैसला विपक्ष के लिए करारा जवाब है।
कोटा से 8000 छात्रों को वापस लाने के बाद पूरे देश में इसकी सराहना हुई थी। दूसरे कर राज्यों ने इसका अनुसरण भी किया था।